Manipur: मैतेई नेता की गिरफ्तारी के बाद बढ़ा बवाल, 10 दिन के बंद का किया एलान

इंफाल। मणिपुर में मेतेई संगठन के नेताओं की गिरफ्तारी के खिलाफ रविवार को विरोध प्रदर्शन जारी रहे, जबकि प्रशासन ने इंफाल घाटी के पांच जिलों में निषेधाज्ञा लागू की और इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दीं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
प्रदर्शनकारियों ने इंफाल पश्चिम जिले के उरिपोक और कोइरेंगई और इम्फाल पूर्व जिले के खुराई में सड़कों पर जलते टायरों को फेंककर निषेधाज्ञा का उल्लंघन किया। कोइरेंगई में प्रदर्शनकारियों ने सड़क खोदकर उस पर मिट्टी के ढेर लगा दिए, ताकि सुरक्षा बलों की आवाजाही को रोका जा सके। इसी तरह के विरोध प्रदर्शन असम के पड़ोसी जिले जिरिबाम में भी हुए

इम्फाल पश्चिम, इम्फाल पूर्व, थौबाल, बिष्णुपुर और काकचिंग जिलों में निषेधाज्ञा लागू की गई है, जबकि इन घाटी क्षेत्रों में शनिवार रात से इंटरनेट और मोबाइल डाटा सेवाएं, जिसमें वीएसएटी और वीपीएन सुविधाएं भी शामिल हैं, निलंबित कर दी गई हैं। ये कदम मेतेई संगठन अरमबाई टेंगोल के नेताओं की गिरफ्तारी के खिलाफ हिंसक प्रदर्शनों के बाद उठाए गए हैं।

मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने रविवार को राज्य में हो रहे प्रदर्शनों के बीच वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सुरक्षा समीक्षा बैठक की। राजभवन के एक बयान में कहा गया कि राज्यपाल से विधायकों का एक प्रतिनिधिमंडल भी मिला, जिन्होंने राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति के बारे में राज्यपाल को जानकारी दी और शांति स्थापित करने के लिए उनसे दखल देने की अपील की।

राजभवन के बयान में कहा, आज मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से विधायकों का एक प्रतिनिधिमंडल राजभवन में मिला, जिसमें विधायकों ने राज्य में मौजूदा कानून और व्यवस्था की स्थिति के बारे में जानकारी दी और शांति बहाली के लिए हस्तक्षेप करने की अपील की। राज्यपाल ने प्रतिनिधिमंडल से कहा कि सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं, ताकि समस्याओं का समाधान किया जा सके और सामान्य स्थिति बहाल हो सके। 20 विधायकों के इस प्रतिनिधिमंडल में भाजपा और कांग्रेस दोनों के विधायक शामिल थे।

मेतेई समूह अरमबाई टेंगोल के सदस्य असेम कानन और अन्य की गिरफ्तारी के बाद घाटी जिलों में ताजा तनाव बढ़ा है। उनकी गिरफ्तारी भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो (एसीबी) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने की। सीबीआई ने मीडिया को जारी एक बयान में कहा, कानून को 2023 में मणिपुर हिंसा से जुड़े विभिन्न आपराधिक मामलों में शामिल होने के आरोप में इंफाल हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया है। उनकी गिरफ्तारी की सूचना उनके परिवार को दे दी गई है।

बयान में यह भी कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार मणिपुर हिंसा से जुड़े मामलों की जांच सीबीआई कर रही है। मौजूदा कानून-व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए इन मामलों की सुनवाई मणिपुर से गुवाहाटी स्थानांतरित कर दी गई है। सीबीआई ने पुष्टि की कि कानन को गुवाहाटी ले जाया गया है और उसे पुलिस रिमांड के लिए सक्षम अदालत में पेश किया जाएगा। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, कानन को शनिवार को इंफाल से अरमबाई टेंगोल के चार अन्य सदस्यों के साथ गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, सीबीआई ने आधिकारिक बयान में केवल कानन की गिरफ्तारी की पुष्टि की है।

इसी बीच, इस बीच इंफाल शहर में हिंसक प्रदर्शन शुरू हुए। सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने जलते टायर, लकड़ी के टुकड़े और अन्य मलबा सड़क पर डालकर मुख्य मार्गों को अवरुद्ध किया। सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले, नकली बम और गोलीबारी की। इस बीच एक लड़के (13 वर्षीय) के पैर में गंभीर चोटें आईं, जो कथित तौर पर आंसू गैस के गोले के विस्फोट की वजह से आई। उसे नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया। शनिवार शाम से रविवार शाम 5:30 बजे तक कम से कम 11 लोग हिंसा में घायल हुए और शाम होते-होते स्थिति और बिगड़ गई।

सुरक्षा बलों को इंफाल के मुख्य स्थानों पर तैनात किया गया है, जिनमें इंफाल पूर्व का पैलेस कंपाउंड, कीशंपट ब्रिज, मोइरांगखोम और टिड्डिम रोड शामिल हैं। अरमबाई टेंगोल ने शनिवार को गिरफ्तार कार्यकर्ताओं की बिना शर्त रिहाई की मांग करते हुए पूरे राज्य में 10 दिनों का बंद घोषित किया।

इसके अलावा, इंफाल पूर्व के खुराई के एक महिला समूह ने चेतावनी दी कि राज्य के बाहर मौजूद सभी विधायक 10 जून शाम 6 बजे तक इंफाल लौटें और जनता की सरकार बनाएं। समूह ने कहा कि जो विधायक तय समय तक लौटेंगे नहीं, उन्हें राज्य में फिर से प्रवेश नहीं दिया जाएगा। रविवार शाम 5:30 बजे तक घाटी जिलों में स्थिति अत्यंत तनावपूर्ण बनी हुई थी, सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी और जनता का आक्रोश बढ़ रहा था।

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