मुंबई, देश की सबसे बड़ी तेल विपणन कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (आईओसी) ने सोमवार को अपना प्रस्तावित 22,000 करोड़ रुपये का राइट्स इश्यू वापस लेने की घोषणा की। उसने बताया है कि केंद्रीय बजट में तेल विपणन कंपनियों को पूंजीगत समर्थन के लिए कोई धन आवंटित नहीं किए जाने के कारण उसने यह फैसला किया है। आईओसी के निदेशक मंडल ने जुलाई 2023 में राइट्स आधार पर इक्विटी शेयर जारी करके 22,000 करोड़ रुपये की पूंजी जुटाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।
कंपनी ने शेयर बाजार को बताया, “पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने कहा है कि बजट में तेल विपणन कंपनियों को पूंजीगत सहायता के लिए कोई धनराशि आवंटित नहीं की गई है, जबकि पहले 30,000 करोड़ रुपये का आवंटन प्रस्तावित था।” कंपनी ने कहा, “इसलिए, राइट इश्यू में भारत सरकार (प्रमोटरों) की भागीदारी न होने के मद्देनजर 30 सितंबर को हुई अपनी बैठक में बोर्ड ने इक्विटी शेयरों के प्रस्तावित राइट इश्यू को वापस लेने का फैसला किया है।”
निदेशक मंडल की बैठक सुबह 11.30 बजे शुरू हुई और दोपहर 2.30 बजे समाप्त हुई। सोमवार के कारोबारी सत्र में आईओसी के शेयर 0.18 प्रतिशत की गिरावट के साथ 179.69 रुपये पर बंद हुए। आईओसी देश की सबसे बड़ी तेल विपणन कंपनी है। कंपनी की वेबसाइट के अनुसार, वह प्रतिदिन 16 लाख बैरल से अधिक कच्चे तेल का प्रसंस्करण करती है। कंपनी के पास 61,000 से अधिक ग्राहक टचपॉइंट का एक विस्तृत नेटवर्क है, जिसमें 37,500 से अधिक पेट्रोल पंप शामिल हैं। आईओसी प्रतिदिन 26 लाख से अधिक एलपीजी सिलेंडर भी वितरित करती है।