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कांग्रेस के छत्तीसगढ़ बंद का कांग्रेस नेताओं ने ही बैंड बजा दी। अधिकांश नेता तो बंद कराने निकले ही नहीं, हद तो तब हो गयी, जब कांग्रेस नेताओं ने खुद अपनी ही दुकानें खुली रखी। सक्ती से एक तस्वीर सामने आयी, जिसमें सक्ती कांग्रेस जिलाध्यक्ष दादू जायसवाल उर्फ त्रिलोकचंद जायसवाल की खुद की दुकान खुली हुई दिखी, जबकि वो खुद दूसरों की दुकानें बंद करा रहे थे।
अब इस मामले में कांग्रेस पार्टी खुद ही आरोपों में उलझ गयी है। कांग्रेस के जिला अध्यक्ष ने अपने व्यवसाय, वंदना इंजीनियरिंग और वंदना इलेक्ट्रिक, को भी खुला रखा। उनके उदाहरण को देखकर अन्य व्यापारियों ने भी अपनी दुकानें खोल रखीं।
भाजपा ने आरोप लगाया है कि जब कांग्रेस नेता ही नाफरमानी पर उतरे हुए हैं, बंद का आह्वान कर खुद की ही दुकानें खुली रखी है, तो फिर समझा जा सकता है, कि बाकी नेताओं का क्या हाल होगा। चैंबर ने पहले ही इस बंद से खुद को अलग कर लिया था। लिहाजा बंद का असर तो बाजार में बिल्कुल पड़ा ही नहीं। सड़कों पर भी सामान्य दिनों की तरह ही गाड़ियां चलती रही।
हालांकि कांग्रेस दावा करती रही, कि उनका बंद पूरी तरह से सफल रहा, लेकिन जब कांग्रेस नेताओं की ही दुकानें खुली रहने की बात उनसे की गयी, तो कांग्रेसी बगले झांकने लगे। इधर कई जगहों पर कांग्रेसियों ने दवाब और डंडे की जोर पर बंद कराने की कोशिश की, लेकिन उसे भी दुकानदारों ने पूरी तरह से नाकार दिया। दुर्ग में लाठी लेकर निकले कांग्रेसियों ने बलपूर्वक दुकानें बंद करवाई, वहीं बिलासपुर में दुकानदार से झड़प हो गई।
डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा है कि कांग्रेस घटना पर राजनीति न करे। कवर्धा कांड के विरोध में कांग्रेस ने आज छत्तीसगढ़ बंद का आह्वान किया है। बिलासपुर, मुंगेली और जगदलपुर में सुबह से दुकानों के बंद रहने की सूचना है। रायगढ़ में पूर्व कांग्रेस विधायक प्रकाश नायक की सीएसपी से बहस हो गई, जिसमें दोनों के बीच काफी नोकझोंक हुई।
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