अमेरिकी अधिकारियों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की राजकीय यात्रा के दौरान भारत सरकार के पूर्व अधिकारी विकास यादव पर बड़ा आरोप लगाया। दरअसल अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि विकास यादव ने अमेरिकी धरती पर सिख अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की नाकाम साजिश में कथित भूमिका निभाई है। हालांकि भारत सरकार द्वारा इसे लेकर अमेरिकी अधिकारियों को जवाब दिया गया है। वहीं FBI ने विकास यादव को ‘वांटेड’ घोषित कर दिया है।
वहीं विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार के दिन नई दिल्ली में इस मामले के संबंध में अमेरिकी न्याय विभाग (डीओजे) द्वारा पूछे गए प्रश्न का उत्तर देते हुए यह पुष्टि की, कि “विकास यादव अब भारत सरकार का कर्मचारी नहीं है”।
कौन है विकास यादव? क्या है एफबीआई का आरोप?
दरअसल Federal Bureau of Investigation (एफबीआई) ने विकास यादव को भगोड़ों की सूची में डाल दिया है। बता दें कि विकास यादव पर खालिस्तान समर्थक नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की नाकाम साजिश का बड़ा आरोप लगा है। दरअसल विकास यादव पर आरोप है कि उसने इस साजिश को निर्देशित किया। इसके साथ ही एफबीआई का मानना है कि यह भारत का अधिकारी रह चुका है। दरअसल एफबीआई निदेशक क्रिस्टोफर रे का कहना है कि, “आरोपी, विकास यादव एक भारतीय सरकारी कर्मचारी है, जिसने कथित तौर पर एक आपराधिक सहयोगी के साथ मिलकर साजिश रची और अमेरिकी धरती पर एक अमेरिकी नागरिक की हत्या का प्रयास किया।”
वहीं एफबीआई ने जिस आपराधिक सहयोगी का ज़िक्र किया है, उसका नाम निखिल गुप्ता है। जिसे अमेरिकी पुलिस द्वारा चेक गणराज्य से गिरफ़्तार किया गया था, जिसके बाद से वह अमेरिका की जेल में बंद है।
भारत ने इस पूरे मामले में क्या कहा?
वहीं इसे लेकर भारत सरकार ने एफबीआई को जवाब दिया है। भारत की और से अमेरिकी धरती पर किसी अमेरिकी नागरिक की हत्या की ऐसी किसी भी तरह की साजिश में अपनी संलिप्तता से इनकार कर दिया है। हालांकि अमेरिका के आरोपों के चलते भारत की और से मामले की जांच के लिए एक जांच समिति गठित की गई थी। जिसके बाद अमेरिका ने इस मामले में भारत से मिले सहयोग पर अपना संतोष व्यक्त किया है।