Categories
कविता

कोपभवन

दसरथ:-
ओ दिन निकल जाथिस चक्का
गिर जाथें मैंहर रथ ले दसरथ
हो जाथें सिकार मैंहर बइरी के
फेर नी होथिस इसने मोर दसा
अजुध्या के राजा आज मैंहर नाक
औरत के आघू मा रगड़त हावौं
आज मैंहर जाने रूप के मोहाई
मया नी हावय अभिसाप हावय
समहर के कइसने फंॅसात हावय
बिफरिन नागिन बन जात हावय
जे रूप मा रानी के मरत रहेंव
ओकर अंदर भरे अतका कपट
जे कमल फूल के आघू मैंहर
भंवरा बनके लहरात रहेंव
रात मा ओकर भीतर मैंहर
बड़ मजा के रह जात रहेंव
आज वोई हर काली नागिन
बन हजार फन उठाय हावय
आज मइनसे मन के मुखिया
ओकर आघू पूछी हलात हावय
तोला कुछू दया नी आत हावय
रानी दिल तोर बड़खा नी हावय
ओ दिन देना रिहीस बरदान
एक मांगे ता दू ठीन काबर दें
तैं कैकी रानी टेढ़ा मुंहूं करके
मुचमुचात ओला ले घलोक ले
जेला मैंहर जान ले जादा चाहेंव
ओकर करा मोला अइसने मिलीस
भरत ला राजगद्दी मांगथे रानी
ता मोला कुछू गिला नी रिहीस
पर तैंहर मांगें हावस राम बनवास
हा ! हा ! मोर राम ला बनवास

कैकेयी:-
राम हर हावय मोर मयारू बेटा
कइसे कर सकत हों ओला छांड़
मैंहर आपन भरत ला जानत हों
ओला राम के साही मानत हावौं
राम मा ओकर अबड़ मया हावय
ओकर मा मोर अबड़ मया हावय
मोला मांगना रिहीस बरदान दो
मैंहर मांगे हों घलोक बरदान दो
भरत बर मांगे मैंहर राजगद्दी
महूं घलो डरात रहेंव बद्दी
चौदह साल मा छूट जाही मया
फेर बेटवा मोर राजा बन जाही
मोला बुरा झन समझिहा राजा
पुत्र के मोह मा मैंहर कैकेयी
राम ला भरत ले धूरिहा करिंहा
ता मैंहर सत के दाई कहलांहा
तैंहर आपन आदमी अहंकार मा
तीन तीन झन करा बिहाव रचाय
कौसली दीदी रिहीस ता फेर
अउ बिहाव करे का जरूरत रिहीस
आपन के बेलवापन ला महाराजा
तैंहर आपन तिरिया के उपर मा मढ़े
अउ मोर रूप मा तैंहर मोहाके राजा
ले आए तैंहर मोला असक्त होके
कोन्हों तिरिया हर रहय इहां
सौत ला आपन दीदी नी मानय
दीदी हर घलो सौत रिही ता
वोहर डाह जरूर जरूर करिही
जमो सरीर ला मोर राजा तैंहर
सोन गहना ले समहरा दे हावस
पेट भरे नी सके नी मन ला तैंहर
एसने हमनला दगा दे हावस राजा

दसरथ:-
दस इन्दरीमन बस मा हावय मोर
मोर ले जादा मोला कोन जान पाही
फेर घलोक रचाय मैं तीन तीन बिहाव
भुगतना पड़त हावय मोला इ खामियां
राम मोर बेटच नी होइस पिंयारी रानी
वोहर मोर आदमी के अहंकार हावय
मैंहर आपन जवानी मादकता मा
लंपटता मा गंवा डारे हावौं
आपन जिनगी के चौथपन मा
मोर मयारू बेटा राम ला पाए हावौं
ओला पड़ही मोला छांड़े बर रानी
इसने कहत तोला कइसने बनीस
मोर मया हर तोला दिस बिगाड़
एकरे बर देत हावस मोला लताड़
सजा तोला भुगते बर पड़ही
फेर तैंहर मोला इ नी कइबे
अगर मोला रघुकूल रीति ला
रानी निभाय बर नी पड़थिस
ता मैंहर ओला आभी टोड़ देंथे
जान ला गंवा बचन ला नी निभाथें
भरत ला राजगद्दी खुसी ले देंथे
फेर राम ला बनवास मैंहर नी देंथे
खच्चित जाही मोर परान आप रानी
आभी रूकत नीए काबर मोर सांस
जेहर ढेंटू मा झूलत रहे मोर तीर
का जानत रहेंव लेत रिहीस नाप
का इ दुनिया मा रिही हमेसा रानी
का मोर किस्मत मा इसने बदे रिहीस
एक घा फेर तोला कहत हावौं रानी
तोर हमेसा नी रिही इसनेच जवानी
तोर बेटवा तोला हर तोला दुतकारिही
तोला सुरता आही तोर ममादाई बानी

कैकेयी:-
बेटवा के मोह मा मैंहर कैकेयी
ओकरेच बर तो करत हावौं राजा
तिरिया होके मैंहर कैकेयी रानी
ओकरेच बर तो मरत हावौं राजा
मंथरा हर मोर मन नी भरे रिहीस
हलचल ला देख के मैंहर पूछे रहेंव
मोर कान ला ओहर नी भरे रिहीस
पिंयारी औरत होके जुच्छा रहत रहेंव
मोर मयारू होके मोरे महाराजा
राम ला तैंहर राजा बनात हावस
इ कोपभवन मा आके तैंहर राजा
मोला पिंयारी कहके मनात हावस
तैंहर राखे हावस हाथी साही दांॅत
खाय बर अउ देखाय बर अउ राजा
आप का बाचे हावय कुछू कांही राजा
बेटवा अउ मोला कुछू पाय बर
तैंहर राजा होके हावस अबड़ कपटी
मन के मया के खोल आज हटिस
कौसली दीदी के रहते रहत तैंहर
मोला ले आय तैंहर धन बल ले
ओला पिंयार करत रहेंव तैंहर
ता फेर मोला काबर लाय छल ले
तिरिया ला तिरिया करा लड़ाय
फेर तैंहर आपन सुवारथ निभाय
तैंहर हावस कतका कुटिल कुचाली
मैंहर घलो लड़त हावौं आदमी बर
राजा ऐमा काकरो होही जीत
फेर ओमा तोरेच तो जीत होही
फेर काहां मरही तोर अहंकार
तैंहर मर के हो जाबे अमर
तैंहर कुछू कर मोर राजा
तोला देबर पड़ही मोर दू बर

दसरथ:-
कोन घरी मा मैंहर तोला बरदान देंवे
तैंहर मोला बली के बकरा बनाके
चूंदत हावस बानी के तलवार ले
राम ला बनवास देवत हावस पिंयार ले
तोर मान जात हावौं मैंहर कहई ला
ता फेर सुमिता हर कलेचुप रिही का
वोहर घलो अवधपति बनाय बर चाही
आपन बेटवा लछमन अउ सत्रुघन ला
फेर मैंहर का करिंहा बता मोर रानी
ओई बेरा फेर मैं का करिंहा बता रानी
चारों भाईमन ले ,ले लेबे तैंहर ना
कैकेयी रानी कन्हों घलो परीछा वरीछा
वोला तैंहर राजा बना देबे रानी
जेहर ओमा उतरही एकदम खरा
या फेर ले ले कोन्हों तैंहर लोकमत
जेला ओमा मिले सबले जादा मत
ओला तैंहर राजा बना मोर रानी
ओइच ला मोर सिंघासन मा बइठा
तैंहर रानी जनमत ला कर स्वीकार
एमा झन करबे कुछू तैंहर इंकार
जनमत मा होवत हावय अबड़ ताकत
जनमत मा रइथे सबो ईमान सत
जनमत मा जनता मा होथे जनारदन
एमा कोन्हों पहार ना कोन्हों कन
जनमत मा जमो के मत होथे मिंझरा
एकरे बर हावय येहर सबो के मीत
कैकी रानी सबो के रइथे एमा नीति
अहंकार मा झन तैंहर दरका भीथि
राजा ला करे बर हावय लोकहित
वोमन चुनाव करें आपन आपन हित
मैंहर हावौं अवधपुरी के राजा
रानी तैंहर बजात हावस बाजा

कैकेयी:-
मोला एमा कुछू मतलब नीए
कोन उतरही ओमा खोटा कोन खरा
मोला नी लेना हावय कोन्हों जनमत
बोल देवा नी दें पावों मैंहर कुछू बर
फेर मोला तुंहला कुछू कहे बर नीए
मैंहर सीख जाहां दुख ला सहे बर
मोला कहत रहेव आपन पिंयारी रानी
अउ मोला भरे बर पड़त हावय पानी
तुमनला कोन्हों समझही का महाराजा
मिसरी मा बीख के रस घोलिहा का
मैंहर कह देत हावौं राजा होही भरत
राम ला बन जाय बर पड़हीच पड़ही
चाहे काबर सूरूज बूड़ती लंग उअय
राम ला बन जाय बर पड़हीच पड़ही
राम हर इहां रिही ता भरत हर इहां
राजगद्दी ला संभाल नी पाही राजा
भरत अबड़ भावुक हावय जानत हावा
भाव मा ओहर बह जाहीमोर राजा
सिंघासन हर भाव मा नी चलय
एकर बर करे बर पड़थे कूटनीति
भरत ला सिखांहा वो सब ला रीति
बस एक घा बना देवा ओला राजा
फेर कर लिही वोहर सब काजा
परधान मंतरी के पद मा तैंहर बइठबे
सबो सिच्छा तैंहर देखबे मोरे राजा
फेर हामर इहां पलत हावंय गुरू
फेर अहू मन करही कुछू कुछू सुरू
आघू आघू देखत रहा का का होही
भरत राज हर बड़ बढ़िया राज होही

सीताराम पटेल
sitarampatel.reda@gmail.com
seeteshreda.blogspot.in