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छत्तीसगढ़ी भाखा

छत्तीसगढ़ी के पीरा अउ छत्तीसगढ़िया : डॉ.(श्रीमती) हंसा शुक्ला

Hansa Shukla41 नवम्बर 2000 के छत्तीसगढ़ राज बनीस त सबो छत्तीसगढ़िया मन अब्बड खुस होगे, एकर पाऐ नही कि छत्तीसगढ़ राज बनगे बलकि एकर पाऐ कि अब छत्तीसगढ़ी ह राजभाषा बनही अउ जम्मों छत्तीसगढ़ म आदर के साथ इही भाखा में काम होही। सरकार बनीस अऊ उम्मीद बनिस की सरकारी घोषणा के बाद हर सरकारी दफ्तर, पंचायत, स्कूल, दुकान मन में छत्तीसगढ़ी में सूचना अऊ पत्र लिखे जाही त हमर काम काज के भाखा छत्तीसगढ़ी हो ही।

नेता मन सब आसवासन तो दिन कि छत्तीसगढ़ म काम घलव छत्तीसगढ़ी म करे जाही, भले एखर बर थोरकुन समय लाग ही। ‘घुरवा के दिन बहुरथे फेर छत्तीसगढ़ी के नई बहुरिस,’ थोरकुन कहत-कहत होगे फेर छत्तीसगढ़ी ऊहें के ऊहें। अइसे नई ये कि सरकार ह कोसिस नई करत हे, फेर कोसिस म जब तक सबोझन जुरके काम नई करबों तब तक हमर भाखा के पहचान नई बने। छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग एखर बर सरलग परयास करथ हे, फेर कहिथे न ‘अकेल्ला चना भाड नइ फोरय’ तइसे आयोग भर के करे ले कुछु नई होवए, हमन ल तक छत्तीसगढ़ी म बोले म अऊ काम करे म गरब समझे बर परही, तभे दूसर मन तको छत्तीसगढ़ी के आदर करहीं।

छत्तीसगढ़ी ल काम-काज के भाखा बनाऐ बर शुरूआती स्तर म एखर शिक्षा दे बर परही, जेखर से लइका मन शुरूच ले छत्तीसगढ़ी ला समझयं अऊ बोलयं। अऊ बाहर के आऐ अधिकारी अऊ करमचारी मन ला एखर बर ट्रेनिंग तको दे बर परही जेकर से उहु मन अपन ऑफिस म छत्तीसगढ़ी म काम कर सकय। बड़े स्कुल अऊ कॉलेज म भी एक विसय छत्तीसगढ़ी के रखना होही तेखर से बड़े लईका मन छत्तीसगढ़ी म खुद अपन रचना लिखे बर आगे आवंय। छत्तीसगढ़ी के लिपि देवनागिरी लिपि आए, तेखर सेती एला पढ़े म ज्यादा परेसानी नई होए। छत्तीसगढ़ी राजभाषा आयोग छत्तीसगढ़ी से छत्तीसगढ़ी-हिन्दी शब्दकोश, अऊ छत्तीसगढ़ी-अंग्रेजी शब्दकोश बनाइस, जेखर से हिन्दी अंग्रेजी जनवईया मन ये शब्दकोश ल पढ़ के छत्तीसगढ़ी ल तको समझय।

आजकल मोबाइल म अऊ रेल्वे स्टेसन म छत्तीसगढ़ी म हॉंका पारथें, दूसर राज के भाई-बहिनी मन तको कहिथे, कतेक मीठ बोली हे फेर थोर-थोर समझाथे। जब सबो जघा छत्तीसगढ़ी म काम होय लगही त अऊ घीरे-घीरे हमर भाखा ला दूसर मन तक समझहीं।

अभी कम्प्यूटर के जमाना हे, अऊ हमन ल घलव छत्तीसगढ़ी के वेबसाइट बना के, आयोग के सबो गतिविधि ला अऊ सूचना मन ला अऊ छत्तीसगढ़ी साहित्य ल समय-समय म इंटरनेट म डाले बर परही। फेर एखर भाषा ला सरल रखे बर पड़ही, तभे सबोझन एला समझ ही कामकाज के भाषा ह जतका सरल होही ततके जल्दी एमा काम करना आसान होही। भाषाज्ञानी मन छत्तीसगढ़ी के साहित्य रूप ला अपनाये बर जादा जोर देथें, फेर कविता कहानी अऊ साहित्य के बात अलग होथे अऊ कामकाज के बात अलग।

पहली पेपर रेडियो अऊ टी.वी. से भाखा के विकास होत रहिस फेर अब ये सबके संग कम्प्यूटर तकों ले हम हमर भाखा ला देस अऊ विदेस म पहुंचा सकत हन। फेर देस-विदेस के गोठ ला सोचे के पहिली, एक बात हमन ला सोचे बर परही के हम अपन भाखा ला कतका बोलत हन अऊ एमा कतका काम करत हन, तभे हम दूसर ला छत्तीसगढ़ी बोले बर अऊ काम करें बर कहि सकत हन।

छत्तीसगढ़ी के स्थिति हिन्दी असन हावे, हिन्दी ह तको आज तक राष्ट्रभाषा नई बन पाऐ हे काबर, जेन मेर हिन्दी बोलना चाहिए उहें हम अंग्रेजी बोले म गरब समझथन तइसे जेन मेर छत्तीसगढ़ी म बोलना चाही तिहां हम हिन्दी बोलथन। इही हमर भाखा के दुरभाग ये। तमिल, मराठी, बंगाली, अऊ भाषा के भाई-बहिनी मन मिलथे त अपन भाषा म गोठियाथें। फेर हमन कोनो ल देख के छत्तीसगढ़ी म बोले ल बंद कर देथन, एखर सेती जरूरी हे की हमन कोनो मेर रहन फेर बोलन अपन भाखा म अइसे लगथे कि सबोझन मिल के छत्तीसगढ़ म काम करके बचन लेबो अऊ काम तको करबो तभे छत्तीसगढ़ी ह, आठवी अनुसूची में आही अऊ छत्तीसगढ़ में तको फलही-फूलही।

‘दू दिन चलिस, अढ़ई कोस’ हाना असन हमन ला धीरे-धीरे नहीं, बल्कि तुरथ-फुरथ ओ सबो साधन ला अपनाना चाहिए कि हमर भाषा संबिधान के आठवॉं अनुसुची म आवय अऊ राजभाषा बनय। एखर बर हम सबला प्रण ले बर परही के हमन अपन गोठ, काम, मैसैज, ब्लाग सब म छत्तीसगढ़ी के ही परयोग करबो। अऊ गरब से कहिबो ….।

‘‘छत्तीसगढ़िया सब ले बढ़िया’’, हमर काम, हमर भाखा म अऊ बढ़िया।

डॉ.(श्रीमती) हंसा शुक्ला
प्राचार्य
स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय
हुडको, भिलाई (छ.ग.)

6 replies on “छत्तीसगढ़ी के पीरा अउ छत्तीसगढ़िया : डॉ.(श्रीमती) हंसा शुक्ला”

Uttam bichar he, pher bolchal ke bhsa ma sama gaye aane bhasa ke sabdaman la ghalay swikar kate bar parhi kabar ke bhasa har bohawat p pani hothe.
Jay johar

सरला दिदी, आप हमर गुरतुर गोठ देखेव-पढ़ेव अउ असीस देहेव. हमर उछाह दूना होगे.

बड़ सुघ्घर गोठ कहेव हंसा बहिनी, हाना अउ भाँजरा मन के उपयोग करत, अभी के समय म हमर भाषा के चुनौती उप्पर दमदार कलम चलाए हावव.

jay johar
aap sab man la dhanyavad detho, aaj gurtur goth ke website la dekheyav abbad khushi hois
agle dari le chhattisgarhi ke vichar la apne bhasa mein likhe ke koshish karhun.
aap ke bhasa kaam bar aaap la bahut bahut badhayi sanjiv bhai.

Shukla madam sable dukhad pahlu ye ki chhattisgarhi la chhattisgarihach man marat he .kon jani kabar yele bole ma sharam mahasus karthe har samay ijjat gawae ke dar lage rahithe eha tak dekhe la milthe ki ja man apan aap le chhattisgarhi ke hitaishi kahihte uhich man ekhar hatya kare bar hamesha tangiya uthaye rahithe .katko to tangadi dodu dusar bhasaha bol ke dunu bhasha ke satya nash karke hi sans लेतें.अरे bhai jen apan ke nai hois ten dusar ke ka hohi

एक बेर संगी छात्तीसगढ़िया बन के देखाव जी ,थोर थोर काबर hakan ke देखाव जी . नई जानेंन कभु दुसमन कiला कहिथे माया तो छत्तिसगरिया के राग राग मा रहिथे एक बेर एखर माया ला जातां के देखाव जी …………………………..

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