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छत्तीसगढ़ी साहित्य सम्मेलन 2009

पाछू 23 फरवरी 2009 महाशिवरात्रि के दिन कवर्धा (कबीरधाम) में प्रांतीय छत्तीसगढ़ी साहित्य समिति रायपुर अउ जिला छत्तीसगढ़ी साहित्य समिति कवर्धा डहर ले तेरहवां छत्तीसगढ़ी साहित्य सम्मेलन के आयोजन कन्या उमा शाला में करे गिस। ये सम्मेलन के माई पहुना छत्तीसगढ़ी राजभाषा आयोग के अध्यक्ष श्यामलाल चतुर्वेदी रहिन। सम्मेलन के सभापति के रूप मा नगर पालिका कवर्धा के अध्यक्ष संतोष गुप्ता जी पधारे रहिन। ”छत्तीसगढ़ी साहित्य सम्मेलन 2009” के उद्धाटन माई पहुना श्यामलाल चतुर्वेदी जी हा माता सरस्वती के चित्र मा पूजा, अरचना करके करिस।
सम्मेलन के मुख्य विषय रहिस ”छत्तीसगढ़ी भाखा अउ आठवीं अनुसूची”। ये विषय मा बिलासपुर ले पधारे डॉ. विनय पाठक जी हा कहिन के छत्तीसगढ़ के सांसद मन हा जुरमिल के छत्तीसगढ़ी ला आठवीं अनुसूची मा जोड़वाय खातिर मांग करय अउ वातावरण बनाके आठवी अनुसूची मा छत्तीसगढ़ी ला जोड़वावै। जनगणना के बेरा छत्तीसगढ़िया मन अपन मातृभाषा छत्तीसगढ़ी लिखवाना चाही। राजनांदगांव फरहद ले पधारे दादूलाल जोशी हा कहिन छत्तीसगढ़ ला आठवीं अनुसूची मा जोड़वाये खातिर आंदोलन करना परही।
जगदलपुर के डॉ. सुरेश तिवारी जी हा कहिन के बीजापुर क्षेत्र मा छत्तीसगढ़ी जागरूकता लाए के जरूरत हवै। 65 प्रतिशत लोगन के भाखा ला अनदेखा नइ किये जा सकै। बस्तर के प्रतिनिधि मन कटे हुए महसूस करथें। उंहा के साहित्यकार अउ राजनीतिज्ञ मन ला जोरे के जरूरत हवै।
सम्मेलन सत्र ला आगू बढ़ावत डॉ. निरूपमा शर्मा हा कहिन के छत्तीसगढ़ी हमर मातृभाषा आय। येला राष्ट्रीय पहचान देवाये खातिर संघर्ष करना परही। कवर्धा के ही पत्रकार नीरज मंजीत जी हा कहिन के छत्तीसगढ़ी खातिर एक अच्छा वातावरण बन चुके हे। क्लासिकल साहित्य के भी छत्तीसगढ़ी मा अनुवाद होना चाही। छत्तीसगढी साहित्य सम्मेलन के संयोजक सुशील यदु हा सम्मेलन के उद्देश्य बतावत कहिन के छत्तीसगढ़ी ला आठवीं आनुसूची मा लाये के प्रस्ताव पांच बच्छर दूधाधारी मठ में आयोजित छत्तीसगढ़ी साहित्य सम्मेलन में पारित कर दिए रहेन अउ वो प्रस्ताव ला राष्ट्रपति ला भेज दिए रहेन। आज के युग संगठन शक्ति के युग आय। साहित्यकार मन संगठित उदिम से ही मंजिल पाये जा सकथे। सम्मेलन के माई पहुना श्यामलाल चतुर्वेदी जी हा साहित्यकार हरि ठाकुर जी के सुरता करत कहिन ये सब हरि ठाकुर जी के महिनत के फल आय जउन आज हमन इंहा जुरियाये हन। चतुर्वेदी जी हा संबलपुर (कांकेर) के गणेश यदु के कृति ”भूमकाल के महानायक” अउ डॉ. पीसीलाल यादव के किताब ”सरग निसैनी” के विमोचन करिस।
अध्यक्षीय भासन मा संतोष गुप्ता जी हा कहिन के छत्तीसगढ़ी ला पाठयक्रम मा लाये के जरूरत हे। अपन-अपन घर मा लइका मन ला छत्तीसगढ़ी पढ़ाना चाही।
साहित्य सम्मेलन में हरि ठाकुर सम्मान, स्व. महावीर अग्रवाल सम्मान, नगरमाता बिन्नीबाई सोनकर सम्मान, स्व. सुरूज कुंवर गोस्वामी सम्मान, डॉ. पीसीलाल यादव, पाठक परदेशी, सुमन शर्मा ला दिए गिस। साहित्य अउ लोकसंस्कृति सम्मान से संतराम साहू, पहुपराम यदु अउ बीडीएल श्रीवास्तव ला सम्मान करे गिस।
सम्मेलन ला सफल बनाये खातिर स्थानीय संयोजक कौशल साहू लक्ष्य अउ अजय बागडे क़े योगदान संहराय लाइक रहिस। सम्मेलन में विशेष रूप से गणेश सोनी प्रतीक, शिवशंकर शुक्ला, रमेश चंद्र शुक्ल, डॉ. प्रकाश पतंगीवार, राजेन्द्र पाटकर, सुरेश विश्वकर्मा, सनत कुमार मिश्रा, आरसी फरिकार, रामप्रसाद कोसरिया, डॉ. राजेन्द्र सोनी, बंधु राजेश्वर खरे, दशरथ लाल निषाद, राजेश चौहान, रामकुमार यादव, कृष्ण कुमार सेन, रामानंद त्रिपाठी, कान्हा कौशिक, गौरव रेणु नाविक, लक्ष्मीनारायण शर्मा, साधक, सत्यप्रकाश महमल्ला, गणेश यदु, डॉ. कौशलेन्द्र मिश्रा, बिसरूराम कुर्रे, रामबिशाल सोनकर, माताप्रसाद भट्ट, आदित्य श्रीवास्तव समेत छत्तीसगढ़ के साहित्यकार, कवि लेखक मन पधारे रहिन।
सम्मेलन के सफल संचालन डॉ. सुखदेव राम साहू जी अउ आभार प्रदर्शन ला छत्तीसगढ़ी साहित्य समिति कवर्धा के अध्यक्ष कौशल साहू लक्ष्य हा करिस। अवइया बच्छर ”छत्तीसगढ़ी साहित्य सम्मेलन” के आयोजन धमतरी में करे जाही येखर घोषणा प्रांतीय अध्यक्ष सुशील यदु हा करिस।

सुशील यदु
अध्यक्ष
छत्तीसगढ़ साहित्य समिति 31272, ब्राम्हणपारा रायपुर