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कविता

बैसाखु के गांधी मिलगे

आज गांधी जयंती आय….
गांधी के सिद्धांत अउ आदर्श के बात होवत हे..
सब कहत हे गांधी के रद्दा म चलना चाही….
फेर वो रद्दा कोन मेर हे, ये कोनों नइ बतात हे…
बैसाखु ल इही चिंता खाय जात हे…
काबर कि वो गांधी के खोज म जेन निकले हे..
फेर बपरा ल गांधी अभी तक नइ मिले हे…
गांधी के जयंती होवय त, या पून्यातिथि होवय त…
साल म दू घौ बैसाखु ह एला ले के भारी टेंशन म आ जाथे…
नेता ले के अभिनेता तक..
अधिकारी ले के करमचारी तक
अमीर ले के भिखारी तक
गुरु ले के सिस्य तक
भूत ले के भविस्य तक
सब ल पुछ डारिस
फेर कोना गांधी के रद्दा नइ बताइस
बपरा लहूट के गांधी चौक अइस
फूल-माला चढ़े गांधी कोति टकटकी लगाइस
अपन मन के पीरा ल अपन आप ले गोठियाइस
थोरकुन म एक ठिन आवाज अइस
बैसाखु काबर चिंता करत हस
ते फोकटे म वर्तमान गांधी ल खोजत हस
अब गांधी खोजे नइ मिलय
गांधी के नाम मिल जाही
चौका-चौराहा मिल जाही
गांधी टोपी मिल जाही, सुत खादी मिल जाही
किताब मिल जाही फोटू मिल जाही
अउ तो वो नोट मिल जाही जे म गांधी छपे रहिथे
फेर गांधी नइ मिल पाही
काबर की गांधी आज नाम के
साल म सिरिफ दू दिन ही काम के
गांधी जयंती, सिरिफ औपचारिकता
गांधी के पूण्यतिथि रस्म अदायगी
फूल-माला ला चढ़ा
गांधी पूतला के तरी बइठ
भजन गा, अउ आदर्श-सिद्धांत के बात करत घर जा
सरकार छूट्टी दे देहे हे त घर म बइठ के भारतीय आजादी के छूट्टी मना
सत्य , अहिंसा , सबके बात करबों
फेर इही काम ल जिनगी म नइ करबों
हर साल मोला फूल चढ़इया म एखरे सपथ लेथे
झूठ-लबारी बोल-बोल के जीबों
गरीब ल गरीब बनाबों, उखर सब जीनिस लूट लेबो
जमीन ले के घर दुवार तक
खेत-खार अउ कछार तक
नदिया-नरवा, बांध- तरिया सब ल बेच देबों
मौका परही त गांव के गांव बेच देबों
गांव सुराज लाए के सिरफ उधम करबों
मुह ले घोसना अउ कागज तक करम करबों
महल बनाए बर झोपड़ी म चलाबों बुलडोजर
जब मन पर ही तब टोर देबों जम्मों गरीब के घर
हम रहिबों बंगला म घुमबों बड़े-बड़े गाड़ी म
हम लाखों के देबों करजा, तुम जी हव उधारी म
तुम सब बस ठोकते रइहू हमला सलाम
हम जीबों ले के गांधी के नाम
तुम मरहू कहत हे राम….
बैसाखु इही आय आज के गांधी के पहिचान
त ये गांधी ल पाय बर झन तरस
जेन गांधी ल त खोजत हस
वो न आज मिलय, न वो बरस
आवाज बंद होगे
बैसाखु ल गांधी मिलगे
बैसाखु के छूटगे परान….कहत हे राम …हे राम…हे राम…..

पं. वैभव बेमेतरिहा “आजाद”

2 replies on “बैसाखु के गांधी मिलगे”

gurturgoth me meri kavitaye thi use kyo delete kar diye gaye hai? kya phir se add nahi ho sakta….anilbhatpahari,9617777514

rachnakaro ki list me sabse upar anilbhatpahari ka nam tha.man ke diya la bar,limchura aur jingi kaise chalhi ram.jaisi lokpriya kavitaye thi use kaise delete kar diye gaye?kaya unko upload nahi kiya ja sakta …9617777514

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