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गीत

मनकुरिया

मनकुरिया म काय नींगे हे रे
काय नींगे हावे मन कुरिया मं

जेखर मूहू लाल लाल, जेखर गाल हे पताल
जेखर नीयत हे चण्‍डाल, कईसे करत हें कमाल ….
झांकथावे काय ओदे धुरिया ले, ये काय नींगे हावय

मोर चोला बढ भोला, काबर लूटत हावो मोला
मैं राना प्रताप के बाना आंव
मोर चिरहा हे झोला जेला जाने पारा टोला
सीलंव कथरी परोसी के देवाना आंव
का काहंव ये हाल, जमा बिगडे हे चाल
बुढावै आल पाल, देख आंखी ला सम्‍हाल
जमा मोहनी भरे हे, लुरलुरिया मा, ये काय नींगे हावय

महानदिया के कोरा बइठेन मरम के भोरा
मन कपट छली मस्‍ताना हे
आंखी घुघवा के लोरा, चाल कीरा बोरा बोरा
नइये सुमत सहीं एको आना हे
होगे सबके जंजाल, घूमें दिल्‍ली अउ भूपाल
नीत रद्दा ल बिदाल, सब बनत हें कंगाल
कइसे जैरायेंव जी लहरिया म, ये काय नींगे हावय

कतको पंडित गियानी, लाज म होगे पानी पानी
होगे नरक ये घरती राम के
टोंडका भारी हे जुवानी, हिन्‍ता चारी के कहानी
रहिगे हंसिया कुदारी बिन काम के
सूनय हिमाला-बंगाल, होगे अलप के काल
कठखोलवा के चाल, चीथावथे गुदाल
काये लिख डारेंव गा अंगुरिया म
चेत करव, ये काय नींगे हावय

किसान दीवान
मु.पो. नर्रा (बागबहरा)
जिला महासमुंद (छ.ग.)