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फिलमी गोठ

मितान के मया देखे बर उमड़िस भीड़

‘मितान’ परंपरा ला अपन छत्तीसगढ़ी फिलिम ‘मितान 420’ मा संघारत फिलिम बनाए हे। ओखर बाते अलग हे। पहिली च दिन सिनेमा ला देखे बर अतका भीड़ उमिड़स कि देखइया-सुनइया के संग फिलिम के कलाकार, गीतकार, संगीतकार, अउ जम्मो छत्तीसगढ़ी सिनेमा ले जुड़े लोगन गदगद होगे। फिलिम के मनभावन गीत घलो चर्चा मा हे। जेमा से खास गीत हे- कुहुक, कुहुक बोले काली कोयरिया, मन के मंजूर नाचे संगी मोर….। उछाह अउ उमंग भरे गीत सुनके मन मगन हो जथे। दूसरइया गीत हे जादू चलाए वो, बइहा बनाए ना तोर खोपा मा गुंथे गजरा…। एखर संगे-संग हंसी-ठट्ठा वाला गीत ला घलो देखइया मन बहुतेच पसंद करिन। गीत के बोल रहिस , मोर दिल के कुकरा बोलय वो…।
सबले बढ़िया बात ये रहिस कि इहां के परिवेश इहां के संस्कार अउ ग्रामीण जनजीवन ल ला संघारत फिलिम मा करमा , ददरिया के बहुतेच सुग्घर प्रस्तुति सुनके आनंद आगे। अब लगिस भई कि इहां के माटी, इहां के लोक जीवन अउ गुरतुर छत्तीसगढ़ी भाखा मा अइसनेच सिनेमा बनही त गांव-अउ शहर ले लोगन अपन बीच के कलाकार अउ उनखर कलाकारी ला देखे बर जरूर पहुंचही। प्रभात टाकीज मा सिनेमा देखइया के अब्बड़ भीड़ ला देखके हीरो करन खान, हीरोइन सीमा सिंग के संग जम्मो कलाकार बड़ खुश दिखीन। ऐती भिलाई मा घलो आज ए फिलिम के खूबेच चर्चा होय हे। कहानी के सार बात ऐ रहिस कि हमर छत्तीसगढ़ मा मितान कहत लागय। सबो नता-रिश्ता ले बड़ के कहूं कोनो नता हे त ओहे मितान। उहू मितान कहूं लबरा या फेर लंदी-फंदी निकलगे त का मितान के का गति होथे। परिवार अउ समाज मा एखर ले का परभाव पर सकथे। मितान याने भरोसा के दूसर नाम आय। आज भी हमर छत्तीसगढ़ मा मितान बदे के परंपरा हे। ए बात ला इहां के लोकगीत, संगीत के जानकार उत्तम तिवारी हा अपन फिलिम मा बताए हें।



राजधानी के प्रभात टाकीज अउ भिलाई, दुरूग, धमतरी, राजनांदगांव मा आज पहलीच दिन सिनेमा देखे बर भीड़ उमड़िस। निर्माता अशोक श्रीवास्तव(गरियाबंद) अउ दुर्ग जिला के कलाधर्मी सुरेन्द्रनाथ सिरसात के मिले जुले कोसिल ले प्रिया फिल्मस के बैनर तले बने छत्तीसगढ़ी फिल्म ‘मितान 420’ मां छत्तीसगढ़ी फिल्म के सुपरस्टार करन खान, लोकेश देवांगन, सीमा सिंह व मनमोहन ठाकुर,दिग्गज कलाकार हेमलाल कौशल, शिवकुमार दीपक, शैलेश साव, संतोष निषाद व शैलेन्द्र भट्ट के कलाकारी देखेच के लइक हे। ए मा करन खान एक नवा अंदाज मा रंग जमा दिस। ओखर उपर फिल्माय गे फिलिम के शीर्षक गीत (टाइटल सांग) ये जिनगी के .. बहुतेच पसंद करे गिस। करन खान रंगमंच ले जुड़े कलाकार आए अउ अभी के हिसाब से नंबर वन हीरो घलो केहे जाथे। सबले जादा काम ओखरे पास हे। मेहनती कलाकार करन जउन हिसाब से अपन कलाकारी मा निखार लाए बर दिन-रात मिहनत करथे ओखरे परसादे पूरा छत्तीसगढ़ मा ओखर नाव होवत हे। लोकेश देवांगन घलो हमर छत्तीसगढ़ के गुनी कलाकर हे। फेर ओखर परख करे मा थोरिक देरी होइस। ए फिलिम मा ग्राफिक के अच्छा काम घलो देखे बर मिलीस। हंसी-ठट्ठा ले भरपूर ‘मितान 420’ देखे बर पहुंचे लोगन के कहना हे कि गोटारन, अउ भगत पहाटिया ला देख के मजा आगे। कोतवाल(शिवकुमार दीपक ) घलो बने काम करे हे। कुल मिलाके कहन ता सबो कलाकार के काम बने हे। कुछ जगा मारधाड़ जादा देखाए गेहे, ओहा ठीक नई लगिस। बम्बइया स्टाइल मा एक दू जगा अइसे फिल्मी मसाला डारे गेहे जेन हा भीड़ सकेले बर आय।
पटकथा अउ गीत लक्ष्मीनारायण कुंभकार हा जउन हिसाब से लिखे हे ओहा सराहे के लइक हे। कला, नृत्य अउ निर्देशन की जिम्मेदारी विलास राउत, दिलीप बैस, आलेख चौधरी हा बने हिसाब से निभाय है। छायांकन के काम तोरन राजपूत, सिद्धार्थ सिंह ला देय गेहे उंखर काम मा कोनो कमी नई दिखय।
फिल्म के सबसे बड़ी खूबी ये है कि जम्मो कलाकार छत्तीसगढ़ के हें। दुर्ग जिले के नेवनारा, निकुम, भिलाई, रायपुर जिले के गरियाबंद, राजनांदगांव जिले के टेडेसरा अउ धमतरी जिले मा मितान 420 का के शूटिंग होय हे। अपन गांव के झलक एमा देख-देख के इहां के कला प्रेमी मगन दिखीन।

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