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कविता

मोर भाखा अङबङ गुरतुर हे





मोर भाखा अङबङ गुरतुर हे
मोर भाखा म हाँस गोठियालव ग,
करमा ददरिया सुआ पंथी
संग म नाच लव गा लव ग।
मोर भाखा अङबङ गुरतुर हे
मोर भाखा म हाँस गोठियालव ग।।
रसगुल्ला कस मोर छत्तीसगढी
भाखा बने सुहाथे ग,
छत्तीसगढी हाँसी ठिठोली
मन ला सबके भाथे ग।
अंग्रेजी के तुँहर घर अंगना म
हमरो भाखा के रंग उठियालव ग
मोर भाखा अङबङ गुरतुर हे
मोर भाखा म हाँस गोठियालव ग।।
साग म जैइसे डुबकी कढही
अमटाहा भाँटा मिठाथे ग,
उसने हमर भाखा बोली म
सुवाद गजब के आथे ग ।
चिरपोटी पताल के चटनी संग म
बोरे बासी खा लव ग,
मोर भाखा अङबङ गुरतुर हे
मोर भाखा म हाँस गोठियालव ग।।
केंङे मेंङे अंग्रेजी बोले म
मान ह तुँहर बढथे ग,
अउ अपन महतारी के बोली बोले म
जीभ ह काबर जरथे ग।
छत्तीसगढी ए रस के तरिया
ये तरिया म डुबकी लगा लव ग,,
मोर भाखा अङबङ गुरतुर हे
मोर भाखा म हाँस गोठियालव ग।।

सोमदत्त यादव
ग्राम – मोहदी (जावा), रायपुर (छ ग)
मो न – 9165787803