Categories
कविता

राखी के तिहार

सावन के पावन महीना में, आइस राखी तिहार ।
राखी के बंधन में हावय , भाई बहन के प्यार ।
सजे हावय दुकान में, आनी बानी के राखी ।
कोन ला लेवँव कोन ला छोंड़व , नाचत हावय आँखी ।
छांट छांट के बहिनी मन , राखी ला लेवत हे ।
किसम किसम के मिठाई ले के , पइसा ला देवत हे ।
भैया के कलाई में, राखी ला बांधत हे ।
रक्षा करे के वचन, भाई से मांगत हे ।
भाई बहिन के पवित्र प्रेम, सबले हावय प्यारा ।
हमर देश के संस्कृति, सबले हावय न्यारा ।

महेन्द्र देवांगन माटी
पंडरिया (कवर्धा )
छत्तीसगढ़