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छत्तीसगढ़ी कविता : सीडी महिमा

गजब जिनिस ए सीडी संगी
समाये इही म जम्मो संसार
काकरो बर ये धन दोगानी
काकरो बर ये हरे तलवार!

देश बिदेश के परब संस्कीरति
देखाय बताय सब ल उघार
मनरंजन बर घर घर आए
धरके बिडियो सनीमा अवतार!

छोटे बड़े सब आपिस मन म
कागज पत्तर के कम होगे काम
जब ले बगरे ए बहुत गुणकारी
जम्मो लेवत हे एकरेच नाम!

हितकारी सरकारी ओजना ह
चारो कोति इही म बगरथे
जइसन काम के वइसन परणाम
पानी म हागबे जरूर उफलथे!

कहिथें तेलघानी राजधानी
अउ कहिथें संस्कारधानी
देखत सुनत हन रे भईया
कातिक म होवत पानी पानी!

बाढ़य जतेक बिकास के डोरी
नीति धरम जावत हजात हे
सबो ल हे सुवारथ संसो
बेरा म अधरमी ल घलो बचात हे!

कोनो ल कराये हपका दपका
कनहो ल पराये गारी मार
कनहो ल बइठारे राज सिंहासन
हे सीडी तोर महिमा अपार!

ललित नागेश
बहेराभांठा (छुरा)
गरियाबंद(छ.ग.)
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