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कविता

दिन आ गे धान मिसाइ के

दिन आ गे धान मिसाइ के
दौरी बेलन नंदा गे
हार्वेस्टर टेक्टर फंदा गे
चल दिहिस दिन सवनाई के
दिन आ गे धान मिसाइ के
डोकरा धरे हे पनपुरवा
डोकरी फटकारे चिंगरी सुरवा
नई हे माटी ममहाइ के
दिन आ गे धान मिसाइ के
धान ला भर लौ कोठी मा
बइला हकालव लौठी मा
पाना हरियर रुखराइ के
दिन आ गे धान मिसाइ के
भइया अपन पागी खोंचय
भउजी मने मन का सोचय
नई हे दिन अपन बड़ाई के
दिन आ गे धान मिसाइ के
सुवा गीत ला संगी गावा
बेर होवत हे जल्दी आवा
हावय दिन समराई के
दिन आ गे धान मिसाइ के

कोमल यादव
मदनपुर, खरसिया
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