धमतरी, छत्तीसगढ़। जिले के रिसगांव रेंज अंतर्गत मासुलखोई गांव में सोमवार को मानव-वन्यजीव संघर्ष की एक दुखद घटना सामने आई, जिसमें चार वर्षीय नर तेंदुए की मौत हो गई। यह मुठभेड़ उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के परिक्षेत्र में हुई।
ग्रामीण पर किया तेंदुए ने हमला
घटना के वक्त ग्रामीण रंजीत नेताम खेत की रखवाली कर रहे थे, तभी अचानक झाड़ियों से निकलकर एक तेंदुआ उन पर झपट पड़ा। अपनी जान बचाने के लिए रंजीत ने लाठी से तेंदुए पर हमला किया। इस आत्मरक्षा के प्रयास में तेंदुए ने भी रंजीत पर पलटकर हमला किया, जिससे चेहरे और पैर पर गंभीर चोटें आईं और सात टांके लगाने पड़े।
पहले से घायल था तेंदुआ
वन विभाग की प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई कि तेंदुए की गर्दन और पीठ पर करीब 7 दिन पुराने जख्मों के निशान पहले से मौजूद थे। माना जा रहा है कि ये चोटें किसी अन्य तेंदुए से संघर्ष के दौरान लगी थीं, जिससे वह पहले ही कमजोर हो चुका था।
रेस्क्यू के दौरान दम तोड़ा
हमले की सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और तेंदुए को ट्रैक करने के लिए ड्रोन की मदद ली गई। गंभीर रूप से घायल तेंदुए को पकड़कर रेस्क्यू वाहन के जरिए उपचार के लिए ले जाया जा रहा था, लेकिन रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया।
डीएफओ ने दी जानकारी
वन मंडल अधिकारी (DFO) वरुण जैन ने बताया कि तेंदुए की उम्र लगभग चार साल थी। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को “अलर्ट” मोबाइल ऐप और मुनादी के ज़रिए मानव-वन्यजीव संघर्ष से बचाव हेतु जागरूक किया जा रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि वन विभाग लगातार निगरानी रख रहा है ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों और ग्रामीणों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।