रायपुर। लोहारीडीह कांड के मद्देनजर कांग्रेस ने शनिवार को छत्तीसगढ़ बंद का आह्वान किया था. किसी जिले में बंद का असर देखने को मिला, तो वहीं किसी जिले में बंद बेअसर नजर आया. इसके अलावा बंद करने के दौरान कई जगहों से कांग्रेस नेताओं की दुकानदारों के साथ झड़प की खबरें भी सामने आई. लल्लूराम डॉट कॉम के रिपोर्टरों ने ग्राउंड जीरो से बंद के असर का आंकलन किया.
राजधानी में सड़क पर उतरे दीपक बैज
राजधानी रायपुर में बंद को सफल बनाने के लिए खुद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज मैदान में उतरे हुए थे. इसमें उनका साथ दिया रायपुर निगम के महापौर एजाज ढेबर और अन्य पदाधिकारी और कार्यकर्ता जुटे थे. लेकिन चेंबर ऑफ कॉमर्स का समर्थन नहीं मिलने की वजह से बंद की सफलता मिली-जुली रही. कुछ हिस्सों में जहां कांग्रेस मजबूत है, वहां दुकान बंद नजर आए, वहीं जहां कांग्रेस की पकड़ नहीं है, वहां बंद बेअसर नजर आया.
बिलासपुर में झड़प
बिलासपुर में बंद के दौरान कांग्रेस नेताओं की दुकानदार से झड़प हो गई. घटना जूना बिलासपुर की है, जहां दुकान बंद करने से मना करने पर कांग्रेस नेता आगबबूला हो गए. हंगामा बढ़ने पर पुलिस मौके पर पहुंची और मामला शांत कराया. यहीं नहीं सुबह से ही खुलने वाले खाने-पानी की सामग्री बेचने वालों के ठेले और किराना दुकान आम दिनों की तरह खुले नजर आए.
दुर्ग-भिलाई में मिला-जुला असर
कांग्रेस के प्रदेश बंद का दुर्ग-भिलाई में मिला-जुला असर देखने को मिला. जहां कांग्रेस के नेताओं की सक्रियता देखने को मिला, वहां दुकानदारों ने अपनी-अपनी दुकानों को बंद रखा था. दुर्ग शहर में बंद का असर देखने को नहीं मिला. आम दिनों की तरह दुकानें खुली नजर आई. कमोबेश यही स्थिति टाउनशिप में दिखी. केवल पटरीपार में बंद का असर देखने को मिला.
राजनांदगांव में सुबह से उतरे कांग्रेसी
राजनांदगांव में कांग्रेस के बंद का मिला जुला असर देखने को मिला. सुबह से ही कांग्रेस के नेता-कार्यकर्ता दुकानों को बंद कराने निकल पड़े थे. नेताओं की सक्रियता के बावजूद अनेक दुकानदारों ने अपनी-अपनी दुकानों को खुला रखा था. दुकानदारों ने बताया कि त्योहारी सीजन सामने है, ऐसे में बंद का समर्थन करना उनके लिए मुश्किल है.
रायगढ़ में स्कूल बंद कराने पर हुआ विवाद
रायगढ़ में भी अन्य जिलों की तरह कांग्रेस नेता-कार्यकर्ता बंद को सफल बनाने के लिए सड़क पर उतर गए थे. दुकानों को बंद कराते-कराते स्कूल भी पहुंच गए. शहर के कार्मेल स्कूल को बंद कराने के लिए पहुंचे कांग्रेसियों की पुलिस से नोकझोक हो गई. कुछ दुकानदारों ने बंद का समर्थन करते हुए अपने-अपने प्रतिष्ठानों को बंद रखा था.
कोरबा में बंद को सीमित समर्थन
कवर्धा की घटना के विरोध में कांग्रेस के बंद का कोरबा में मिलाजुला असर देखने को मिला. नेताओं को देखकर दुकानें बंद कर कुछ देर के लिए समर्थन किया, लेकिन उनके जाने के साथ ही दुकान खोलकर फिर से बैठ गए. कोरबा से सटे दीपका में कांग्रेस के बंद का व्यापारियों ने समर्थन किया.
गरियाबंद में नहीं दिखा बंद का असर
गरियाबंद में कांग्रेस के बंद का असर नहीं दिखा. चेंबर ऑफ कामर्स ने बंद का समर्थन नहीं किया था, जिसकी वजह से आम दिनों की तरह व्यापारिक प्रतिष्ठान खुले रहे. हालांकि, कांग्रेसी एक दिन पहले से समर्थन मांग चुके थे, उस दौरान ही कारोबारियों ने समर्थन से मना कर दिया था, लिहाजा तनाव की स्थिति निर्मित हो गई थी. राजिम अंचल के साहू बहुल होने के बाद भी लोहारीडीह कांड को व्यापक समर्थन देखने को नहीं मिला.
कांकेर में भी नहीं मिला समर्थन
बस्तर संभाग में कांग्रेस के बंद का मिला-जुला असर देखने को मिला. कांकेर में चेंबर ऑफ कॉमर्स ने बंद का समर्थन नहीं किया, वहीं बीजापुर में कुछ दुकानें बंद रहीं और कुछ खुली रहीं. जगदलपुर में कांग्रेस कार्यकर्ता सुबह से ही रैली की शक्ल में निकलकर चाय और नाश्ते की दुकानों को बंद करवाते नजर आए.
कवर्धा में बंद का व्यापक असर
कांग्रेस के प्रदेश बंद का कवर्धा में व्यापक असर देखने को मिल रहा है. शहर में व्यापारियों ने दुकानें बंद रखी हैं. सराफा लाइन से लेकर बस स्टैंड, मेन मार्केट और रायपुर रोड की सभी दुकानें बंद हैं. केवल आपातकालीन सुविधाएं, मेडिकल दुकानें और इक्का-दुक्का दुकानें खुली नजर आ रही हैं.
सरगुजा में बंद का दिखा असर
सरगुजा जिले में कांग्रेस के बंद का असर देखने को मिला. कांग्रेस के जिलाध्यक्ष समेत पार्टी के अनेक पदाधिकारी और कार्यकर्त्ता सड़कों पर उतरे और दुकानदारों से प्रदेश बंद को सफल बनाने अपील की. अंबिकापुर के व्यापारियों ने कांग्रेस के बंद का समर्थन करते हुए दुकानों को बंद किया.