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कविता

सबो नंदागे

कउवा के काँव काँव।
पठउंहा के ठउर छाँव।
भुर्री आगी के ताव।
सबो नदागे।।

खुमरी के ओढ़इ।
कथरी के सिलइ।
ढेकना के चबइ।
सबो नदागे।।

हरेली के गेड़ी चढ़इ।
रतिहा म कंडील जलइ।
कागज के डोंगा चलइ।
सबो नदागे।।

नांगर म खेत जोतइ।
बेलन म धान मिंजइ
पइसा बर सीला बिनइ।
सबो नदागे।।

ममा दाई के कहानी किस्सा।
संगवारी संग खेलइ तीरी पासा।
मनोरंजन के गम्मत नाचा।
सबो नदागे।।

रेडियो के समाचार सुनइ।
सगा ल चिट्ठी लिखइ।
सिलहट पट्टी म लिखइ-पढ़इ।
सबो नदागे।।

टेंड़ा म पानी पलोइ।
ढेंकी म धान कुटइ।
जाँता म पिसान पिसइ।
सबो नदागे।।

चंदन वर्मा
ग्राम- करमा (भैंसा),
थाना- खरोरा,
जिला – रायपुर (छ. ग.)