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मुख्यमंत्री ह ‘रमन के गोठ’ म कैशलेस लेनदेन के बारे म समझाइन

मुख्यमंत्री ह ‘रमन के गोठ’ म जनता ल कैशलेस लेनदेन के बारे म विस्तार ले समझाइन
प्लास्टिक मनी के मतलब प्लास्टिक के नोट नहीं : डॉ. रमन सिंह
तकनीकी शब्द मन के घलव सरल शब्द म दीन जानकारी

मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ह आज अपन रेडियो वार्ता ‘रमन के गोठ’ म आम जनता ल नगदी के बिना लेन-देन (कैशलेस ट्रांजेक्शन) के बारे म विस्तार ले जानकारी दीन। उमन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा जनता ल कैशलेस लेन-देन बर देहे जात कई तकनीकी विकल्प मन ल बताईन। मुख्यमंत्री ह प्लास्टिक-मनी, ई-बैकिंग, इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसफर, मोबाइल बटुआ या ई-वालेट जइसे शब्द मन के तकनीकी बात ल घलव सहज अउ सरल शब्द म समझाइन। उमन कहिन के ‘प्लास्टिक-मनी’ के मतलब प्लास्टिक ले बने नोट नो हे, ये ह अइसे प्रणाली आए, जेमा आन-आन तरीका के ‘स्मार्ट कार्ड’ ले बैंक मन या आन जघा म नगदी बल्‍दा रकम के लेन-देन हो सकय। डॉ. रमन सिंह ह किसान मन ल विश्वास दिलाइन के प्रदेश के 1333 सहकारी समिति मन के 1889 उपार्जन केन्द्र मन म धान के आवक बाढ़ गए हे। धान बेंचे म उखर मन बर ऑन लाईन भुगतान के व्यवस्था करे गए हे। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मन ल एकर बर अब तक 600 करोड़ रूपए के नगदी देहे गए हे। आघू घलव येमा कउनो समस्या नइ आवय।
मुख्यमंत्री ह कहिन के बड़का नगदी लेन-देन के हिसाब-किताब ल लुकाये या नगदी के सुरक्षा ओकर सदुपयोग या दुरुपयोग ल लेके कई ठन समस्या आथे। ओकर अनुभव सिरिफ भारत भर ल नहीं, भलुक जम्‍मो दुनिया ल होथे। प्रधानमंत्री ह हरेक भारतीय नागरिक ल ये सुविधा देना चाहत हें, जउन विकसित देश मन के नागरिक मन ल मिलते हे। एकरे खातिर उमन कैशलेस ट्रांजेक्शन या नकदी रहित लेन-देन ल भारत म घलव बढ़ावा देहे के मन बनाये हें। ये व्यवस्था म ज्यादातर प्लास्टिक ले बने कार्ड उपयोग म आथे। ये तरा प्लास्टिक-मनी शब्द लोकप्रिय हो गए हे।
प्लास्टिक मनी के बारे म उमन कहिन के ‘स्मार्ट कार्ड’ के नाम मैं ह एकर खातिर लेहेंव के, हमन ‘प्रधानमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना’ अउ ‘मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना’ मन म नगदी के लेन-देन नइ करके, एक ठन ‘स्मार्ट कार्ड’ जारी करे हन, जेला लेके जब कोनो अधिकृत अस्पताल म जाथे त रूपया जइसे वो कार्ड के उपयोग उहां करथे। माने वो ह बिना नगदी धरे अस्पताल जाके अपन इलाज करा डारथे, येमा प्लास्टिक के बने ये ‘स्मार्ट कार्ड’ के जउन प्रणाली हे, वो ह नगदी लेन-देन के माध्यम बन जाथे। एकरे खातिर ये व्यवस्था ल ‘प्लास्टिक-मनी’ कहे जाथे। इही तरा ले ‘ई-बैंकिंग’ या ‘इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसफर’ होथे जब आप बैंक म ‘एटीएम कार्ड’ या ‘इंटरनेट’ के माध्यम ले नगदी ल हाथ लगाए बिना घलव अपन बैंक एकाउंट म जमा रकम के लेन-देन न सिरिफ अपन गांव-शहर म भलुक, दूसर गांव-शहर म घलव कर सकत हव।

आर्थिक व्यवहार म आज कल पांच शब्द मन के चलन ज्यादा हे – मुख्यमंत्री ह कनि के आर्थिक व्यवहार म प्रमुख रूप ले पांच शब्द आजकल अड़बड़ चलत हे। ये पांच शब्द, पांच तरीका मन के बारे म बताथे जिकर ले हम नगद रूपया के लेन-देन के बिना घलव आर्थिक लेन-देन कर सकत हन। डॉ. सिंह ह कहिन के पहली शब्द यू.पी.आई. हे। लगभग जमो बैंक मन के अपन ‘यू.पी.आई.एप.’ होथे। जउन बैंक म आपके खाता हे वोकर ‘यूपीआई-एप’ डाउनलोड करके खाताधारी अपन मोबाइल के उपयोग करत कोनो जिनिस के खरीदी या सेवा के उपयोग करे म वोकर भुगतान कर सकत हे। एकर बर आप मेरन ‘स्मार्ट फोन’ होना चाही। दूसर शब्द हे यू.एस.एस.डी.। ये साधारण फीचर वाले मोबाइल फोन ले घलव संभव हे। अपन फोन म स्टार 99 हैश डायल करके, ओमा आए निर्देश मन के पालन करत अपन बैंक खाते ले कोनो दुकान म छोटे ले छोटे राशि के भुगतान करे जा सकत हे। उदाहरण बर रायपुर म चाय दुकान चलईया अजय यादव, सूरजपुर म अइसनेहे छोटे कारोबार करइया कैलाश देवांगन ह अपन दुकान म ये सुविधा लेहे हे, जिहां उमन 5 ले 10 रू. के भुगतान घलव मोबाइल फोन के माध्यम ले प्राप्त करत हें। अइसे युवा मन के सजगता ल मैं सलाम करत हंव, जउन समय के संग चलना जानत हें अउ उनर छोट-छोट कदम देश के अर्थव्यवस्था ल मजबूती देहे के आधार बनत हे।
डॉ. सिंह ह कहिन के तीसरा शब्द प्री-पेड वॉलेट हे, जेला ‘ई-बटुआ’ कहिथें। उदाहरण बर स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया के ‘मोबाइल एप बडी’ ह काफी लोकप्रिय हे। आपके बैंक एकाउंट ले एक निश्चित राशि ट्रांसफर होके आपके मोबाइल के खाता म जमा हो जाथे। आप बिना कोनो स्वाइप मशीन के सिरिफ अपन मोबाइल के उपयोग करके ये सुविधा के लाभ उठा सकत हौ। चौथा शब्द कार्डस पी.ओ.एस. माने पॉइन्ट ऑफ सेलडिवाइस हे। एकर बर अलग ले कोनो कार्ड लेहे के जरूरत नहीं परे, येमा आपके अपन बैंक ले मिले एटीएम कार्ड, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड के ही उपयोग होथे। अउ पांचवां शब्द हे आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम। एकर बर आपके बैंक खाते म आधार कार्ड के सीडिंग होना जरूरी हे। ये ह सबले सुरक्षित उपाय हे, काबर के येमा आपके अंगूठा के निशान अउ आधार नम्बर ले ही भुगतान हो सकथे।
मुख्यमंत्री ह श्रोता मन ल बताइन के छत्तीसगढ़ सरकार कोति ले हरेक ग्राम पंचायत म स्थापित करे जात सामान्य सेवा केन्द्र या उपभोक्ता सेवा केन्द्र म ये सुविधा देहे जाही। बलरामपुर जिला म बड़का सुरूवात होए हे, जिहां सामान्य सेवा केन्द्र मने सी.एस.सी. अब लोगन मन ल बैंक के सेवा देहे खातिर तइयार हें। एकरे खातिर मैं आप मन ले गिलौली करत हंव के जेन खाताधारक मन ह अपन बैंक एकाउंट म ‘‘आधार सीडिंग’’ नइ कराए हें, उमन बैंक म जाके एक पईत आधार नम्बर नोट करा दंय, त उमन ल ये सुविधा अपन घर के मीर अउ बहुत आसानी ले मिले लगही। सी.एस.सी. के सुग्‍घर ढंग ले काम करे ले आप मन ल न तो बैंक जाये के जरूरत परही ना एटीएम।