दसो गाड़ा धान हा घर मा बोजाय हे जरहा बिड़ी तबले कान म खोंचाय हे. एक झन बिहाती, चुरपहिरी दूसर देवरनिन मा तभो मोहाय हे. हाड़ा हाड़ा दिखत हे गोसाइन के अपन घुस घुस ले मोटाय हे. लगजाय आगी फैसन आजकल के आघू पाछू कुछू तो नइ तोपाय हे. तिनो तिलिक दिखही मरे बेर लहू […]
Categories