Categories
अनुवाद कहानी

अपन-अपन समझ

जब मेहा अपन चार बछर के बेटा रामसरूप ला बने तउल के देखथंव, त जान परथे के वोमे भोलापन अउ सुनदरई नई रहि गे, जउन दू बछर पहिली रिहिस हे। वो अइसे लागथे जाना-माना अपने गुस्सेलहा बानी म लाल आंखी मोला देखावत हे। वोकर ये हालत ला देख के मोर करेजा कांप जथे अउ मोला […]

Categories
गीत

भुलवारे बर तब अंजोर के गजब गीत गाथे : डॉ. परदेशीराम वर्मा के गीत

कलेचुप बइगा हा जब अंधियारी घपटाथे, भुलवारे बर तब अंजोर के गजब गीत गाथे। बडे गौटिया कहिथंन जेला पांव परइया मन, उही गुनी मनखे के दिखथे बइहा कस लच्छन मनखे मनखे ले जादा वोला बिखहर हा भाथे। भुइयां, भाखा, दाई के जस गाथे नवां नवां, भीतर-भीतर गजब खोड़ पिरीत उपर छांवा। बड़ा गियानी हे मुस्किल […]

Categories
अनुवाद कहानी

दूसरइया बिहाव

जब मेहा अपन चार बछर के बेटा रामसरूप ला बने तउल के देखथंव, त जान परथे के वोमे भोलापन अउ सुनदरई नई रहि गे, जउन दू बछर पहिली रिहिस हे। वो अइसे लागथे जाना-माना अपने गुस्सेलहा बानी म लाल आंखी मोला देखावत हे। वोकर ये हालत ला देख के मोर करेजा कांप जथे अउ मोला अपन […]

Categories
गज़ल

छत्‍तीसगढ़ी गज़ल – हम परदेशी तान ददा

मुरहा पोटरा आन ददा, लात ल तंय झन तान ददा। पानी टेक्‍टर भुइया तोर, हमला नौकर जान ददा। छेरी पठरू गाय गरू, तोरेच आय दइहान ददा। पांव परे म हम अव्‍वलदेन करेजा चान ददा। चमकाहू तलवार तभो, करबो हम सनमान ददा। तुंहर असन संग का लड़बो, हमरे हे नकसान ददा। मालिक आंही बाहिर ले, इंहा […]