जे हर पर के प्रान बचाथे तेकर से इस्वर सुख पाथे बुधमता मन सिरतो कहिथे वनिजेच मां लछमी बसथे मनखे-मनखे होथे अंतर कोनो कीरा कोनो कंकर दुनों दिन ले बिनसिन पांड हलुवा मिलिस मिलिस नई माड़ दू कौरा जब जाथे भीतर तभे सूझते देंवा-पीपर मनखे ला जब बिपदा आथे तब अपनो दूसर हो जाथे – […]
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