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कविता

तीजा

पति के लंबा उमर हो
चाहे कोनो डहर हो
खालव चाहे बर्गर पीजा
एक बार रख लौ जी तीजा
घरो घर गणपति विराजे
फुल फुलवारी सारंग श्वर बाजे
नई मिले चाहे तोला विजा
एक बार रख लौ जी तीजा
सखि सहेली नाचा गावा
पुजा के थाली ला लावा
दुब फुल हावय ताजा ताजा
एक बार रख लौ जी तीजा
गणपति हा हरही कष्ट हमर
सबो के जीवन जाही समर
करलव चालू गाजा बाजा
एक बार रख लौ जी तीजा

कोमल यादव
मदनपुर, खरसिया