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धर्मेन्‍द्र निर्मल के योजना प्रचार गीत

धर्मेन्‍द्र निर्मल के ये गीत मन ह सरकारी योजना मन के प्रचार-प्रसार बर संगीतबद्ध करे गए हे अउ ये गीत मन ह प्रदेश के कोना-कोना म प्रदर्शित होवत हे।
1. जम्बूरी डण्डा गीत

जम्बुरी भारत के शान ए मान ए
जम्बुरी भारत के शान स्वाभिमान हे
देश हित खातिर जीना अउ मरना
मानव सेवा ही तो जग म महान हे

जुरमिल जम्मो वृक्षारोपण करबो
भारत भुॅइया म लाबो हरियाली
स्वच्छ भारत अभियान के सपना ल
सकार करबो अउ लाबो खुशहाली

दया मया प्रेम पर उपकार के
भावना ल हिरदय म भर काम करबो
जन जन म साक्षरता दीप जला के
सुघ्घर नव भारत निर्माण करबो

हिन्दु मुसलिम सिक्ख ईसाई
भारत के संतान सब भाई भाई
जय जवान जय किसान जय विज्ञान
श्रम के ही पूजा म हे देश के भलाई

बेटी बचाना हे बेटी पढ़ाना हे
बेटी होथे लक्ष्मी बेटी ले जमाना हे
नारी के सम्मान हे उंहे भगवान हे
भारत ल सिरमौर फिर से बनाना हे।

सब जीव समान मान करबोन रक्षा
ट्रैफिक नियम मान जीवन सुरक्षा
हस्तकला म होके आत्मनिर्भर
भारत के नागरिक बनबोन अच्छा

2. जम्बूरी गौरी गौरा गीत

जम्बुरी भारत के शान ए मान ए
भारत के शान स्वाभिमान
देश हित खातिर जीना अउ मरना
मानव के सेवा हे महान

जुरमिल करबो सब वृक्षारोपण
भुॅइया ल हरियाबो
स्वच्छ भारत अभियान के सपना ल
पूरा कर खुशी बगराबो

दया मया प्रेम पर उपकार के
भावना हिरदय म भरबो
जन जन म साक्षरता दीप जला के
सुघ्घर नव भारत गढ़बो

हिन्दु मुसलमान सिक्ख ईसाई
भारती सब भाई भाई
जय जवान जय किसान जय विज्ञान
श्रम के ळे पूजा म भलाई

बेटी बचाना हे बेटी पढ़ाना हे
बेटी लक्ष्मी ले हे जमाना
नारी के सम्मान हे उंहे भगवान हे
भारत के नाम जगाना

सब जीव समान मान जीव रक्षा
ट्रैफिक नियम ले सुरक्षा
हस्तकला म होके आत्मनिर्भर
नागरिक बनथे अच्छा



3. स्वच्छता अभियान गीत

सुन लौ गुन लौ मानौ चुन लौ
स्वच्छ भारत अभियान
स्पना भर नोहय ए विचार हे महान
स्वच्छ भारत अभियान

साफ सफाई के कमी ले होथे रोग राई
तन घुरथे धनो जाथे होथे करलाई
स्वच्छता ल अपना लौ जिनगी ल सॅवार लौ
विकास खातिर तुमन संगी धरौ जी धियान

चलौ घर घर जुरमिल शौचालय बनवाबो
स्वच्छता ले स्वच्छ तन मन वातावरण पाबो
छत्तीसगढ़ ल आगू बढ़ाबो, हरियाली बगराबो
सोन के चिरइया भारत चुगही सोनहा धान

गिल्ला कचरा खाद बनही डारौ हरा डब्बा म
सुक्खा कचरा काॅही बने बर जाही नीला डब्बा म
सुनौ संगी भुलाहू झन कर लेवौ परन
नारी के हे मान एमा भारत के सम्मान

4. स्वच्छता अभियान गीत

भारत ल सोन चिरइया फेर बनाना हे
जगतगुरू के दुबारा दरजा दिलवाना हे
त जुरे ल परही दिल से हमला स्वच्छ भारत अभियान से
एमा हमरो मान हे हमरे स्वाभिमान हे
धान कटोरा छत्तीसगढ़ चल आगू बढ़
स्वच्छ भारत के स्वच्छ छत्तीसगढ़

कचरा होथे दू किसम के गीला सुक्खा अलगालौ
गीला कचरा बनही खाद हरा डब्बा म डालौ
अउ कुछु बन सकथे सूखा बचरा बन नीला डब्बा हे
सुनौ बहिनी भाई अइसे करौ सफाई

खुल्ला म झन शौच करौ शौचालय बनवा लौ
स्वच्छ तन अउ स्वच्छ मन ले जिनगी के जतन करौ
स्वच्छ भारत अभिायान हावय सुग्घर हमर सपना
देखा देवव छत्तीसगढ़िया होथे सबले बढ़िया

आस पास के साफ रहे ले रोग राई हॅ होवय नहीं
ज्ञानी मन कहिथे एकर ले पर्यावरण हॅ शुध्द रही
चलौ जुरमिल जम्मो झन स्वच्छता अपना लेथन
छत्तीसगढ़ के मान म भारत के सम्मान म

5. स्वच्छता अभियान गीत

छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया
स्वच्छ भारत अभियान म संगी बढ़ चढ़ भाग लेवइया

घर घर शौचालय बनावावौ साफ सफाई रखौ जतन
गढ़ौ विकास बढ़ौ जीवन म स्वच्छ पा के तन मन अउ धन
ठान लिए ले का नइ होही, मान देही सम्मान बढ़ोही,
सुन लौ दीदी भइया

आस पास के साफ सफई ले रोग राई हॅ नइ फैलय
शौचालय म शौच करे ले पर्यावरण हॅ नइ मैलय
कूड़ादान म ही कचरा डालौ, कचरा गीला सुक्खा अलगालौ
डब्बा हे नीला हरा



6. स्वच्छता अभियान गीत

सुनौ जन जन कर लेवौ परन
चलौ स्वच्छता अपनावन
रहै पावन छत्तीसगढ, मन भावन छत्तीसगढ़

चलौ आज घर घर हमन शौचालय बनवाबोन
साफ सफाई ले साफ वातावरण पाबोन
स्वच्छ तन स्वच्छ मन ले, जीवन ल राखौ जतन

आस पास के गंदगी ले बाढ़थे बीमारी हॅ
हबक देथे हैजा कभू मारे महामारी हॅ
कचरा ल कचरापेटी म, शौच शौचालय म करन

गीला कचरा ल खाद बनाहू डारौ हरा डब्बा म
सुक्खा कचरा काॅही बने बर जाही नीला डब्बा म
नारी के मान ए सम्मान तुम भुलाहू झन

7. स्वच्छता अभियान गीत

साफ सफाई ले हे संगी
जीवन म खुशहाली

गंदगी फैले ले बाढ़े बीमारी
पर्यावरण ल नुकसान होथे भारी

गीला कचरा बर हरियर डब्बा हॅ
सुक्खा कचरा ल डारौ नीला डब्बा म

खुल्ला म झन शौच शौचालय जावय
स्वच्छ भारत अभियान ल सफल बनावौ

8. पंथी

सुन ले रे अत्याचारी , फाॅदा परे हावय भारी
बच कहाॅ जाबे आज सत्य के हे पारी

कतको होबे बाहुबली , महु सुरबीर हौं
कतकोन शेर के , छाती म चीरे हौं
देश समाज खातिर, ले हौ जिम्मेदारी

तोर सब करनी के एक एक हिसाब हे
आज तोर लंका के बेंदरा बिनास हे
भेज के रइहौं तोला, यमराज के दुवारी

न्ीति धरम देथे संग, राजा हो या परजा
फहिरथे आखिर म सत्य के ही ध्वजा
संग नइ देवय सब , स्वारथ के संगवारी

धर्मेन्‍द्र निर्मल