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कविता

सुरता अइस

सावन के महिना ह
गन-गन-गन अइस
अंधियारी पाख के निकलत
उगोना ह सट ले निकलत
उगोना ह सट ले अइस
परोसिन नोनी हर
मोला भइया कहिके चिल्लइस
मोला अपन
बहिनी के सुरता अइस
भादो के महिना मं
तीजा ह लकट्ठइस
सेठ हर मोला आज
लुगरा देखात अंखिअइस
पोरा के बिहान दिन
मोर मन रूक बुकइस
मोला ईमान से अपन
बेटी के सुरता अइस।

टीकेश्वर सिन्हा ‘गब्दीवाला’