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कविता

अकती तिहार

चलव दीदी चलव भईया,
अकती तिहार मनबोन ग।
पुतरी पुतरा के बिहाव करबो,
मड़वा ल गडीयाबोन ग।

कोनो लाबो डारा पाना,
कोनो तोरन बनाबोन ग।
चलव लीपव अंगना परछी,
अकती तिहार मनाबोन ग।

चलव सजाबो दूल्हा दुल्हीन,
सुरघर महेंदी लगाबोन ग।
दुदुंग दुदूंग बजही बाजा,
दूल्हा दुल्हीन ल नचवाबोन ग।

अकती के दिन सबले बढ़िया,
चलव सुरघर टिकावन टिकबोन ग।
अकती दिन महुरत लगे न सहुरत,
चलव बर बिहाव ल करबोन ग।

युवराज वर्मा
बरगड़ा (साजा)
जिला बेमेतरा