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कविता

मोर भारत भूइयाँ ल परनाम

देस के बीर जवान जेन करिस काम महान,
देस के आजादी बर गवाँ दिस परान,
अइसन पुन के माटी म धरेंव जनम।
मोर भारत भूइयाँ ल परनाम।।

धन हे वो कोरा जेमा बीर खेलिस,
दूध के करजा ल लहू देके चुकइस
बेरा अब आय हे लेके ओखर नाम,
मोर भारत भूइयाँ ल परनाम।।

अंगरेज मन के कारन हमर
जिनगी होगे रहिस हराम,
भगतसिंह,गांधी मन के
मेहनत के हरय ये परिनाम,
वोखरे सेती करत हाबन बेफिकर
होके काम।
मोर भारत भूइयाँ ल परनाम।।

अजादी के बाद समसिया आगे महान,
जेकर बाबा अम्बेडकर ह करिस समाधान
दु साल गियारा महीना अट्ठारह दीन म
कर दिस सबले बड़का संविधान के निरमान।
मोर भारत भूइयाँ ल परनाम।।

छब्बीस जनवरी के गणतंत्र दिवस मनाबोन,
जुरमिल के संगी तिरंगा ल फहराबोन,
फेर ले लेबो जम्मो बीर सहीद के नाम,
मोर भारत भूइयाँ ल परनाम।।

चंदन वर्मा
करमा (भैंसा), खरोरा
जिला – रायपुर (छ. ग.)
मो. 8120274719