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कविता

आगे चुनई तिहार

तैं मोला वोट भर दे दे,
मैं तोला सब देहुँ..
एक माँगबे, चार देहुँ,
साल में बहत्तर हजार देहुँ,
खाये बर चाउर देहु,
पिये बर दारू देहुँ,
चौबीस घंटा बिजली देहुँ,
फूल माँगबे तितली देहुँ
तैं मोला वोट भर दे दे,
मैं तोला सब देहुँ,
रेंगे बर सड़क देहुँ,
जेला कहिबे,हड़क देहुँ,
रहे बर घर- दुवारी देहुँ,
नरवा,गरूवा,घुरुवा,बारी देहुँ,
बोए बर बीजा देहुँ,
बिन पढ़े नतीजा देहुँ,
भाई अउ भतीजा देहुँ,
सारा अउ जीजा देहुँ,
तै मोला वोट भर दे दे,
मैं तोला सब देहुँ….
धीरज भर धरे रहिबे,
पांच साल खड़े रहिबे,
मांगत मोर दुआरी मा,
पाँच साल बाद आबे,
बाबू तै चिन्हारी मा,
रोटी माँगबे, जेल देहुँ,
जघा हेल मेल देहुँ,
तै मोला वोट भर दे दे,
मैं तोला सब देहुँ…….

रश्मि रामेश्वर गुप्ता
बिलासपुर