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गीत छंद दोहा

13 मई विश्व मातृ दिवस : दाई के दुलार (दोहा गीत)

महतारी ममता मया, महिमा मरम अपार।
दाई देवी देवता, बंदव चरन पखार।

महतारी सुभकामना, तन मन के बिसवास।
कोंवर कोरा हा लगै, धरती कभू अगास।
बिन माँगे देथे सबो, अंतस अगम अभास।
ए दुनिया हे मतलबी, तोर असल हे आस।
महतारी आदर सहित, पायलगी सौ बार।।1
महतारी ममता मया, महिमा मरम अपार।

मीठ कलेवा मोटरा, मधुरस मिसरी घोल।
दाई लोरी गीत हा, लगय कोइली बोल।
सरधा सिरतो सार हे, सरन सरग अनमोल।
महतारी के मया ला, रुपिया मा झन तोल।
करजा हर साँसा चढ़े, जिनगी तोर उधार।।2
महतारी ममता मया, महिमा मरम अपार।

रद्दा काँटा ले भरे, दाई मखमल फूल।
गलत करे लइका गजब, छमा करय सब भूल।
सबले पहिली गुरु तहीं, तोर सिखोना स्कूल।
माँथ मुकुट सोभा बनय, तोर पाँव के धूल।
बने रहँव मैं दुलरवा, दाई “अमित” दुलार।।3
महतारी ममता मया, महिमा मरम अपार।
दाई देवी देवता, बंदव चरन पखार।

कन्हैया साहू “अमित”
शिक्षक भाटापारा (छ.ग)
संपर्क 9200252055
9753322055