Categories
कविता

मोर छत्तीसगढ़ महतारी

जिहां खिले-फुले धान,
सुग्घर खेत अउ खलिहान।
देवी-देवता के हे तीर्थ धाम,
कहिथे ग इहां के किसान।
मोर छत्तीसगढ़ महतारी,
हे ग महान…….!

दुख पीरा के हमर दुर करइया,
हरय हमर छत्तीसगढ़ मइया।
हरियर-हरियर हे दाई के अंगना,
कहिथे ग इंहा के लइका अउ सियान।
मोर छत्तीसगढ़ महतारी,
हे ग महान…..!

माटी ल माथा म लगाके देखबे,
चन्दन – बंदन ल भुला जाबे।
गुलाब कस सुंगंध दिही,
कहिथे ग इहां के मजदूरमन।
मोर छत्तीसगढ़ महतारी,
हे ग महान……!

सुत उठ के करथंव प्रणाम,
इही मोर दाई-ददा अउ भगवान।
जेखर करंव घेरी-भेरी बखान,
कहिथे ग इहां के पुलिस अउ जवान।
मोर छत्तीसगढ़ महतारी,
हे ग महान…..!

डोमन निषाद “डेविल”
डूण्डा बेमेतरा(छ.ग)