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कविता

प्रभु हनुमान जइसे भगत बनना चाही

पूरा भारत देस के कोंटा-कोंटा म भगवान श्री राम के नाव हे अउ ओखर नाव के संगे-संग श्री राम जी के सबले बड़े भक्‍त हनुमान के नाव सब्बो कोती लेहे जाथे, जइसे श्री राम के बड़े भक्‍त भगवन हनुमान हवयं, वइसने भगत अउ कोनो अब ये दुनिया म नइ हो सके, हनुमान जी ह अपन भगवान राम के सेवा म अपन पूरा जीवन ल लगा दे रहिस हे, अउ अपन भगवान के बिना ओला अउ कोनो दूसर चीज के मोह माया नइ रहिस हे, काबर के जेकर तीर ओकर भगवान रहिथे अउ जे ह अपन सुघ्घर मन ले भगवान के ऊपर विश्‍वास राखथे ओला दुनिया म अउ कुछु चीज के जरूरत नइ परे, बस सब कोती ओला अपन भगवान हा दिखथे चाहे कोनो मनखे म देखे के कोनो अउ चीज म, बस ओला अपन भगवान दिखथे, येहि ल कहिथे एक सच्चा परम भगत, अउ जो मनखे अपन भगवान के अइसने परम भगत बन गे ओला अउ मोह माया के जरूरत नइ परे काबर की ओकर बर फेर कुछु दूसर चीज के कोनो मोल नइ रहय। ओखर बर बस ओखर भगवान ह अनमोल रहिथे जेखर आधु अउ दूसर कुछु नइ दिखे, फेर आज के बेरा म भगत अपन आप ल भगवान ले बड़े समझे लगथे, अउ एक भगवान के ऊपर विश्‍वास नइ करे। जहां बने लगिस उहें जुर के अपन भगवान ल बदल देथे। एक भगवान ह ओखर काम ल नइ करिस त दूसर कने चले जाथे।
कोनो भी मनखे ल अपन ऊपर अउ अपन भगवान के ऊपर पूरा भरोसा करना चाही, जइसे के हनुमान जी ह भगवान श्री राम के भगत रहिस हे, वइसने भगत बने के प्रयास करना चाही, चाहे ओ काकरो भी भगत हो, अपन दाई-दादा के प्रति या अपन संगी संगवारी के ऊपर सब्बो के ऊपर वइसने विश्‍वास रखना चाहि, अउ बने मन ले विश्‍वास करना चाहिए। एहि एक बने मनखे अउ सचे भगत के पहिचान होथे। येकर सेती हनुमान जी ह भगवान श्री राम के सबसे मयारू रहीस हे, काबर के हनुमान जी ह धलोक ओला अपन सबले मयारू समझय, अउ कहूं कोनो काकरो मयारू रहिथे न त बस अपन मयारूच ह बने लागथे दूसर ह नहीं। त अपन जिनगी म हनुमान जी जइसे भगत बने के प्रयास करना चाही, तभे अपन भगवान मिल सकथे, चाहे काकरो रूप म हो जइसे भगवान, दाई-दादा, संगी-संगवारी मयारू, फेर मिलही जरूर।

मन ल उजियारा करे भक्‍ती, तन के रोग मिटाये,
भखत बने जो हनुमान कस, श्री राम ओला मिल जाये।

अंजनी के लाल हनुमान वीर बढ़ कहाये।
बज्र भरे बाँह ह, गदा कंधा म भाये।

अनिल कुमार पाली
तारबाहर बिलासपुर छत्तीसगढ़
प्रशिक्षण अधिकारी आई टी आई मगरलोड धमतरी
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