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गज़ल

छत्‍तीसगढ़ी गज़ल – देखतेच हौ अउ आदत बना लन

देखतेच हौ बाती तेल सिराय अमर देखतेच हौबुझागे हवय दियना हमर देखतेच हौछोड़ किसानी अफसर बनिहौं कहिके टूरा लटक गीस अधर देखतेच हौदूध गईया के मूंह लेगिस पहटिया मरिचगे बछरू दूध बर देखतेच हौचांउर दार के दाना नइहे घर मा लांघन भूख हे हमर बर देखतेच हौघर के भीतर चोर अमाय कर कहिबे सरमा ला […]

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फिलमी गोठ

फिल्मी गोठ : छत्तीसगढ़ी फिलीम म बाल कलाकार

एक-एक ईंटा, एक-एक पथरा, रेती-सीमेंट अउ बड़ अकन मकान बनाए के जीनीस ले मिस्री ह एक सुग्घर मकान, भवन, महल के निर्माण करथे। ठीक वइसने एक फिलीम के निरमान म नान-नान जीनीस अउ कई झन व्यक्ति के सहयोग ले होथे। फिलीम म बाल कलाकर मन के भूमिका ल घलो छोड़े नई जा सकय। चाहे वो फिलीम […]

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फिलमी गोठ

फिल्मी गोठ: फिलमी लेखक अउ पारिश्रमिक 8 नव

छत्तीसगढ़ के फिलीम उद्योग म पटकथा अउ पटकथा लेखक मन बर उदासीनता दिखाई देथे। मानदेय के कमी या फेर फोकट म पटकथा लेना लेखक मन ल निरास कर दे हावय। बने लेखक अउ बने पटकथा के कमी के कारन इही आय। बने मानदेय के घोसना होय ले पटकथा पटा जही और छालीवुड म फिलीम के […]

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फिल्मी गोठ : छत्तीसगढ़ी फिलीम म बाल कलाकार

एक-एक ईंटा, एक-एक पथरा, रेती-सीमेंट अउ बड़ अकन मकान बनाए के जीनीस ले मिस्री ह एक सुग्घर मकान, भवन, महल के निर्माण करथे। ठीक वइसने एक फिलीम के निरमान म नान-नान जीनीस अउ कई झन व्यक्ति के सहयोग ले होथे। फिलीम म बाल कलाकर मन के भूमिका ल घलो छोड़े नई जा सकय। चाहे वो […]

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फिलमी गोठ

फिल्मी गोठ : फिलीम अउ साहित्य

को नों भी सुग्घर अउ महान फिलीम म या कहन कि जनप्रिय अउ मनप्रिय फिलीम म साहित्य के इसथान कहूं न कहूं जरूर रहिथे अउ कोनो फिलीम म साहित्य हे त निश्चित रूप ले वो महान कृति बन जाथे। हम बालीवुड के गोठ करन तब तो अइसन बड़ अकन फिलीम हा जुबान म आ जाथे, […]

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फिलमी गोठ

अश्लीलता के सामूहिक विरोध जरूरी हे

फिलमी गोठ आधा-आधा कपड़ा पहिरे टुरी मन के दृश्य के बहिष्कार होना चाही। अभी एखर बर कुछु नई करेन त ये मान लन कि ये बाढ़ हा हम सब ला बोहा के ले जाही। हमर मन बर बताए अउ देखाए बर कुछ नई रहहि, ऊटपटांग लिखना फिलिम के कहानी म मौलिकता के अभाव दिखना, दृस्य […]

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फिलमी गोठ

फिलिम बनाबो फिलीम बनाबो

ये फिलिम वाले मन के चरित्तर हा अब तो छत्तीसगढ़िया मन के समझ ले बाहिर हे। काबर कि जउन फिलिम उद्योग म तरी ऊपर फिलिम ह बनत हे तउन ला देखे के बाद आम दरसक माने छत्तीसगढ़िया मन ला छत्तीसगढ़ी के सुवाद हा नई मिल पवत हे। जम्मो फिलिम हा बालीवुड ला कापी ऊपर कापी […]

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फिलमी गोठ

छत्तीसगढ़ फिलिम के दर्सक ग्रामीण

छत्तीसगढ़ी फिलिम पीटावत काबर हे? ये सवाल खड़े हावय- काय निर्माता निर्देशक मन स्तर के फिलिम नई बनावत हे? हमर निर्माता निर्देशक मन बहुत बढ़िया गीत, संगीत, कथा, पटकथा, हास्य, रचनावत हे। उच्च तकनिक के उपयोग होवत हे। कोरी-कोरी कलाकार अभिनय म सर्व सम्पन्न हे। सोचे के विषय आय। छत्तीसगढ़ी भासा ल राजभासा के दरजा […]

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गोठ बात

संस्कृति के दरपन म बैर

छत्तीसगढ़ियापन आज के समय के मांग हे, दरसक के मांग ल फिलिम व्यवसाय हा नई स्वीकारही त निश्चित रूप ले फिल्म उद्योग के डूबना तय हे। प्रयोगवादी गीत दरसक के मनोरंजन बर बहुत जरूरी हे। फिलिम म हांसी-ठिठोली अउ उद्देश्य के संग-संग मया के अउ परंपरा के कथा हा घलो बहुत धूम मचाथे अउ गीत-संगीत […]

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गोठ बात

छत्तीसगढ़ी फिलिम अउ संस्कृति

‘हमला अपन आप ला बदले के जरूरत नइए भलूक अपन आप ला चिन्हे के जरूरत हे। छत्तीसगढ़ म जउन छत्तीसगढ़िया फिलिम बनत हे ओमा धियान राखन कि कोनो भी दत्त खिसोर मन आके फिलिम बनाके हमर परम्परा के कबाड़ा झन करंय। ओला निर्माता निर्देशक अउ फिलिम के जम्मो पदवी ल लेय के अधिकार हे। फेर […]