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गोठ बात

मोर छइंहा भुइहां छत्तीसगढ़ी रंगीन फिलिम के बोहनी

मैं सोचथंव के उनला अपन फिलिम म खराब फूहड़ दिरिस्य अउ गीत के निर्माण करके छत्तीसगढ़िया मन के आदत बिगाड़े के प्रयास करना एक सवाल खड़ा करथे। बने फिलिम अउ गीत हमेशा सफल होय हे। ये बात ल सुरता राखना एक फिलिमकार बर बड़ जरूरी हे। कोनो भी काम ल शुरुआत करे बर कोनो न […]

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फिलमी गोठ

फिलिम समीच्छा : गुँरावट छत्तीसगढ़ीया मन के हिरदे म खुसरही

छत्तीसगढ राज बने के बाद सबो डहर ले राज हा अधवावत हे चौतरफा विकास के धजा लहरावत हे भले पेड़ कटावत हे फेर बिल्डिंग अउ सड़क हा राज ला समरिद्धी के खिपहसार देवत हे ये विकास के नाव म सेखी बघरइया तथा विकास के पुजेरी मन बर सथाल हे। सवाल म अउ कई ठीन सवाल […]

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कविता

गुरूजी नमस्कार – कबिता

गुरूजी नमस्कार, काहत हावे सरकार। सिक्छक तो नई बना पायेन फेर सिक्छा म कर्मी जोड़े के खातिर मिहनत करेन अपार। गुरू जी नमस्कार॥ बने नंबर घला दे देन एक दू तीन सिक्छा कर्मी अइसन हे कानून निकाल के सिक्छित बेरोजगार मन ल, करथन बंठाधार। गुरू जी नमस्कार॥ ये गुरू के निन्दा हरे धन नोहे ग […]

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कविता

कबिता : होरी के उमंग नोनी……

होरी के उमंग नोनीमाते हावय चारों कोतीहोरी के उमंग नोनीरंग अउ गुलाल देखउत्ताधुर्रा मातत हे।खुसी अमरावत हावयघर-घर, गली-गलीलइका अउ सियान सबफाग गीत गावत हे।रंगगे होरी ह सिरतोहोरी के उछाह म वोमया-मया मया-मयाडहर पहर बगरत हे।तरिया सुहावत हावयअमरइया ममहावत हावयकोइली हा गुरतुर-गुरतुरराग ल अलापत हे।झूमत हावय रुखराईकरत हावय अगुवाईहोरी म गोरी हा कइसेजोड़ी सोरियावत हे।जुड़-जुड़ पानी […]

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कविता

मया के गीत

नदिया नरवा मा बोहावत हे पबरित मया के गीत हरियर भुइंया म लहरावत हे पबरित मया के गीत। बनिहारिन गुनगुनावत हे खेत म मुचमुचा के… मंडल गरीब मिलके गावत हे पबरित मया के गीत। सीतला दाई के ठंडई म बाड़हत हे दया मया… बइरी मन ल मीत मनावत हे पबरित मया के गीत। कोयली निक […]