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गोठ बात

मोर इस्कूल के गनेस

बच्छर बीत गे,फेर जब गनेस परब आथे तब पढ़ई के बेरा इस्कूल म बइठे गनेस के सुरता आ जाथे। दस दिन ले पढ़ई के संगेसंग भक्ति अऊ नाना परकार के आयोजन अंतस म समा के खुसी देथे।खपरा छानी वाला माटी के सरकारी मिडील इस्कूल, डेढ़ सौ के पढ़इया टुरी टूरा अऊ चार गुरुजी। सबो गुरुजी […]

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गोठ बात

प्रेमचंद के काहनी अऊ छत्तीसगढ़

[responsivevoice_button voice=”Hindi Female” buttontext=”ये रचना ला सुनव”] प्रेमचंद ल छत्तीसगढ़ के लईका सियान सबो जानथे उखर काहनी इस्कूल अऊ कालेज म पढ़ाय जाथे, प्रेमचंद ल हिन्दी काहनी के सम्राट कहे जाथे काबर कि वो हा 300 ले आगर काहनी लिखे हावय, ओला उपन्यास सम्राट घलाव कहिथे। सेवासदन, प्रेमाश्रम, रंगभूमि, कर्मभूमि, गोदान, गबन, कफन, अईसने अड़बड़ […]

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गोठ बात

अंगाकर रोटी कइसे चुरही

[responsivevoice_button voice=”Hindi Female” buttontext=”ये रचना ला सुनव”] तीन बच्छर पूरगे पूनाराम अपन बेटी मोनिका ल पुरखौती गांव नई लेगे हावय। गरमी के छुट्टी मा जाबो कहिके मनाय रहिस।छुट्टी सुनाय पाछू ऐसो मोनिका जिदेच कर दिस। बेटी के मया अउ जिद के आगू थोरको नइ बनिस। शनिचर के संझा बेरा जाय के मुहुरत बनिस। पूनाराम ल […]

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गोठ बात

पर भरोसा किसानी : बेरा के गोठ

[responsivevoice_button voice=”Hindi Female” buttontext=”ये रचना ला सुनव”] रमेसर अपन घर के दुवारी मा मुड़ धर के चंवरा मा बैइठे हे उही बेरा बड़े गुरुजी अपन फटफटी मा इस्कूल डाहर जावत ओला देख परीस।खड़ा होके पूछिस का होगे रमेसर? कइसे मुड़धर के बइठे हस ? रमेसर पलगी करत कहिस- काला काहंव गुरुजी, बइला के सिंग बइला […]

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गोठ बात

घर तीर के रुखराई जानव दवई : बेरा के गोठ

हमर पुरखा मन आदिकाल ले रुख राई के तीर मा रहत अऊ जिनगी पहात आवत हे। मनखे ह जनमेच ले जंगलीच आय। जंगल मा कुंदरा मा रहे।रुख राई बिन ओखर जिनगी नई कटय। हजारो बच्छर बीत गे , मनखे अपन मति ल बऊर के जंगल ले निकल के सहर बना डरिस फेर रुख राई के […]

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गोठ बात

छत्तीसगढ़ी गोठियावव अऊ सिखोवव – बेरा के गोठ

ऐसो हमर परोसी ठेकादार पवन अपन टूरी अऊ टूरा ल 18 किमी दूरिहा सहर के अंगरेजी इस्कूल म दाखिला कराईस। ऊंखर लेगे बर बड़का मोटर (बस) इस्कूल ले आही कहिस।नवा कपड़ा, बूट, पुस्तक कापी, झोरा( बैग ) जम्मो जिनिस बर पईसा देय के इस्कूल ले बिसाईस हे। पवन के गोसाईन ह बतावत रहिस उहां पैईसच […]

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गोठ बात

बेटी ऊपर भरोसा रखव

गांव के रंगमंच म रतिहा 8 बजे जेवन खा के सकलाय के हांका परत रहिस ।आज रमेसर के बेटी के आनजात होय के निपटान के बैइठक हे। रमेसर के बड़े बेटी कामनी ह पऊर कालेज पढ़ेबर सहर गय रहिस। रगी (गरमी) छुट्टी म आईस त मांग म सेंदुर, हाथ म चूरी पांव म माहुर लगा […]

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गोठ बात

बेरा के गोठ : गरमी म अईसन खावव पीयव

जेवन ह हमर तन अऊ मन बर बहुतेच जरुरी हे।खानपियन ल सही राखबो त हमर जिनगी ह सुघ्घर रही।भगवान घलो हमर जनम के पहिली ले हमर खायपिये के बेवस्था कर देते।अभी गरमी के मऊसम चलत हे ऐ मऊसम म सबला खाय पीये के धियान रखना चाही।सबले जादा हमर काया ल गरमी म पानी के जरुरत […]

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गोठ बात

हीरा मोती ठेलहा होगे

चंदू गजबेच खुस रहिस जब ओकर धंवरी गाय ह जांवर-जियर बछरु बियाईस।लाली अऊ सादा, दुनों बछवा पिला ल देख चंदू के मन हरियागे ।दुनों ल काबा भर पोटार के ऊंखर कान म नाव धरिस- हीरा अऊ मोती।ओकर गोसाईन समारीन ह पेऊंस बनाके अरोस-परोस म बाटीस ।चंदू के अब रोज के बुता राहय बिहनिया उठके गोबर […]

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कहानी

गाय निकलगे मोर घर ले

समारू आज गजबेच अनमनहा हे। 40 बच्छर ले जौन कोठा म पैरा, कांदी, भुसा, कोटना म पानी डारत रहिस ओ आज सुन्ना परगे। पांच बच्छर के रहिस तब ले अपन बबा के पाछू पाछू कोठा म गाय बछरु ल खाय पिये के जिनीस देय बर, गाय ,बछरु , बईला, भईसा ल छोरे बर सीख गे […]