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गोठ बात

शिवरात्री मनाबो – महादेव में पानी चढाबो

शंकर भगवान ल औघड़ दानी कहे गेहे। काबर पूजा पाठ करे के सबले सरल विधि एकरे हे। अऊ बहुत जल्दी खुस होके वरदान भी देथे। शंकर भगवान ल भोला कहिथे त सीरतोन में भोलेच भंडारी हरे। शिवरातरी के दिन एकर बिसेस पूजा पाठ करे जाथे। फागुन महीना में अंधियारी पांख के चौदस के दिन शिवरात्री […]

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कविता

वंदे मातरम

देश हमर हे सबले प्यारा, एकर मान बढ़ाना हे। भेदभाव ला छोड़ो संगी, सबला आघू आना हे।। आजादी ला पाये खातिर, कतको जान गँवाये हे। देश भक्त मन आघू आइस, तब आजादी आये हे।। नइ झुकन देन हमर तिरंगा, लहर लहर लहराना हे। भारत माँ के रक्षा खातिर, सीमा मा अब जाना हे।। महेन्द्र देवांगन […]

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गोठ बात

बसंत पंचमी के तिहार

बसंत रितु ल सब रितु के राजा कहे जाथे। काबर के बसंत रितु के मौसम बहुत सुहाना होथे। ए समय न जादा जाड़ राहे न जादा गरमी। ए रितु में बाग बगीचा सब डाहर आनी बानी के फूल फूले रहिथे अउ महर महर ममहावत रहिथे। खेत में सरसों के फूल ह सोना कस चमकत रहिथे। […]

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गोठ बात

आजादी के दीवाना : सुभाष चंद्र बोस (23 जनवरी जयंती विशेष)

नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जनम 23 जनवरी 1897 में उड़ीसा के कटक शहर में एक बंगाली परिवार में होय रिहिसे । एकर बाबूजी के नाँव श्री जानकी नाथ बोस अउ दाई के नाँव श्रीमती प्रभावती रिहिसे । एकर बाबूजी ह कटक शहर के जाने माने वकील रिहिसे । पढ़ई – लिखई – सुभाष चंद्र […]

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गोठ बात

ठगही फेर सकरायेत

कहे क्रांति कबिराय, नकल ले झन धोका खाना कोलिहा मन ह ओढ़े हावंय, छत्तीसगढ़िया बाना। मीठ-मीठ गोठिया के भाई, मूरुख हमला बनाथे बासी चटनी हमला देथे, अउ काजू अपन उड़ाथे। बाहिर म बन शेरखान, बिकट बड़ाई अपन बतावै भीतर जाके चांटे तलुआ, नांउ जइसे तेल लगावै। आरएसएस ल कहत रहिस वो, अपन गोसंइया बदलिस कुरसी […]

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कविता

जाड़ के महीना

आ गे जाड के महीना , हाथ गोड जुडावत हे । कमरा ओढ के बबा ह , गोरसी ल दगावत हे । पानी ल छुत्ते साठ , हाथ ह झिनझिनावत हे । मुहूं म डारते साठ , दांत ह किनकिनावत हे । तेल फुल चुपर के , लइका ल सपटावत हे । कतको दवई करबे […]

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चौपाई छंद

चौपाई छंद – सर्दी आई

Sorry

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गोठ बात

अगहन बिरसपति – लक्ष्मी दाई के पूजा अगहन बिरसपति

हमर हिन्दू पंचांग में अगहन महीना के बहुत महत्व हे। कातिक के बाद अगहन मास में गुरुवार के दिन अगहन बिरस्पति के पूजा करे जाथे । भगवान बिरस्पति देव के पूजा करे से लक्ष्मी माता ह संगे संग घर में आथे। वइसे भी भगवान बिरस्पति ल धन अऊ बुद्धि के देवता माने गे हे । […]

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गीत

माटी मोर मितान

सुक्खा भुँइया ल हरियर करथंव, मय भारत के किसान । धरती दाई के सेवा करथँव, माटी मोर मितान । बड़े बिहनिया बेरा उवत, सुत के मँय ऊठ जाथंव । धरती दाई के पंइया पर के, काम बुता में लग जाथंव । कतको मेहनत करथों मेंहा, नइ लागे जी थकान । धरती दाई के सेवा करथंव, […]

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गोठ बात

देवारी तिहार : देवारी के दीया

देवारी के नाम लेते साठ मन में एक प्रकार से खुशी अऊ उमंग छा जाथे। काबर देवारी तिहार खुशी मनाय के तिहार हरे। देवारी तिहार ल कातिक महीना के अमावस्या के दिन मनाय जाथे। फेर एकर तइयारी ह 15 दिन पहिली ले शुरु हो जाथे। दशहरा मनाथे ताहन देवारी के तइयारी करे लागथे। घर के […]