तैं कहाँ चले संगवारी मोर कुरिया के उजियारी तैं कहाँ चले संगवारी॥ चाँद सुरज ला सखी धर के, भाँवर सात परायेन अगिन देवता के साम्हू मां, बाचा सात बंधायेन मोर जिनगी के फुलवारी तैं कहाँ चले संगवारी। एक डार के फूल बरोबर सुखदुख संगे भोगेन कोनो के अनहित ला रानी कभू नहीं हम सोचेन मोर […]
Categories