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- भाई -बहिनी के तिहार – राखी
- कमरछठ कहानी : मालगुजार के पुण्य
- चलव चली ससुरार
- कहानी : डाक्टर बिलवा महराज के बेटा पीच दारू
- हाय रे मोर मंगरोहन कहिनी – डॉ. सत्यभामा आड़िल
- कहिनी : आरो
- प्रशासनिक शब्दकोश बनइया मन ल आदर दव, हिनव झन
- धमतरी : नगरी के 29 आंगनबाड़ी केन्द्र मन म कार्यकर्ता-सहायिका के नियुक्ति बर आवेदन आमंत्रित
- संबंध मिठास के नांव ताय मड़ई ह
- देशज म छा गे चंदैनी गोंदा
- स्मृति शेष डॉ.विमल कुमार पाठक के श्रद्धांजली सभा, रामनगर मुक्तिधाम, सुपेला भिलाई के वीडियो
- आनी बानी : 14 भाषा के कविता के छत्तीसगढ़ी अनुवाद
- नंदावत हे अंगेठा
- मोर महतारी (मेरी माँ)
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- निर्वाचन आयोग ल छुट्टी खातिर आवेदन पत्र
- रात कइसे बीतिस
- नान्हे कहिनी : सिसटाचार
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- प्यारे लाल देशमुख के कबिता संग्रह ले दू ठन कबिता
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- छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के दू दिनी प्रांतीय सम्मेलन
- कहिनी : धुरंधर महाराज
- सरला शर्मा के उपन्यास : माटी के मितान
- सेल्फी ले ले
- कविता : नवां अंजोर अउ जाड़
- कहिनी : दहेज के विरोध
- छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया
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- भूख (कबिता) : डॉ. राजेन्द्र सोनी
- मोर गाँव के सुरता आथे
- व्यंग्य : कुकुर के सन्मान
- बांझ के पीरा-बांझ के सुख
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- जनतंत्र ह हो गय जइसे साझी के बइला
- छत्तीसगढ़ म होही ‘पंजाबी अकादमी‘ के स्थापना : डॉ. रमन सिंह
- कहानी संग्रह : भोलापुर के कहानी
- छत्तीसगढ़ के आसा, छत्तीसगढ़ी भासा
- शिवशंकर के सावन सम्मार
- बिकास के बदचाल म होली होवथे बदहाल
- सरसती वंदना
- भईसा गाड़ा के चलान
- दूध के करजा चुकाले रे
- मोर मन के बात
- कोंदा मनके भजन महोत्सव – गुड़ी के गोठ
- घानी मुनी घोर दे : रविशंकर शुक्ल
- गरीबा : महाकाव्य (दूसर पांत : धनहा पांत)
- पंचायती राज के पंदरा अगस्त
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- छत्तीसगढ़ी कहिनी किताब : गुलाब लच्छी
- सोरिहा बादर – गुड़ी के गोठ
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- मोर डांड तो छोटे तभे होही संगी, जब आप बड़का डांड खींचहू
- सरगुजिहा कहनी – काकर ठन बिहाव करबे
- छत्तीसगढ़ी कवित्त म मुनि पतंजलि के योग दर्शन औ समझाईस : डॉ.हर्षवर्धन तिवारी
- हाथी बुले गांव – गांव, जेखर हाथी तेखर नाव
- परशुराम
- मोर गॉंव कहॉं सोरियावत हे : महंगा जमो बेचावत हें
- नान्हे कहिनी : सिसटाचार
- महतारी भाखा के मान करव
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- असाढ़ ले आसरा हे….
- छत्तीसगढ़ी भाषा साहित्य अउ देशबन्धु
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- भाषान्तर : बुलबुल अउ गुलाब (मूल रचना – आस्कर वाइल्ड. अनुवाद – कुबेर )
- छत्तीसगढ़ी के मानकीकरन अउ एकरूपता : मुकुन्द कौशल
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- गीत : चौरा म गोंदा रसिया, मोर बारी म पताल हे
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- छत्तीसगढ़ी भाषा ल पहचान देवाबोन : दयाल दास बघेल
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- केन्द्रीय मंत्री श्री विष्णुदेव साय ह मुख्यमंत्री मेर करिस सौजन्य मुलाकात
- गदहा के सियानी गोठ
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- करगा – [लघु-कथा संग्रह ] समीक्षा
- अंधरी के बेटा – विट्ठलराम साहू ‘निश्छल’
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- अजब नियाव – गुड़ी के गोठ
- दाई
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- पितर पाख मा साहित्यिक पुरखा के सुरता : पद्मश्री मुकुटधर पाण्डेय
- अक्षय तृतीया
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- मंय छत्तीसगढ़ के बेटी अंव
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