- वाह रे कलिन्दर
- गजल
- संपादकीय : मोर डांड तो छोटे तभे होही संगी, जब आप बड़का डांड खींचहू
- कहिनी – जिनगी के खातिर
- गुरतुर गोठ : छत्तीसगढी
- छन्द के छ : सोरठा छन्द
- कुंवर दलपति सिंह के राम-यश मनरंजन के अंश
- छत्तीसगढ़ के बिहाव संस्कार-सर्व सामाजिक दायित्व बोध
- आठे कन्हैया – 36 गढ़ मा सिरि किसन के लोक स्वरूप
- मनोज कुमार श्रीवास्तव के सरलग 41 कविता
- योग के दोहा
- आरटीओ चेकिंग : समसामयिक हास्य संस्मरण
- झांझ – झोला
- गम्मतिहा : मदन निषाद
- कका के बिहाव : सार-छंद
- भाषांतर : एक महिला के चित्र (मूल रचना – खुशवंत सिंह. अनुवाद – कुबेर )
- देखावा
- राजभासा छत्तीसगढ़ी के फैइलाव बर कोसिस
- इहां… मना हावय
- शराबबंदी बर महिला मन के अभियान ल हमर पूरा समर्थन अऊ सहयोग : डॉ. रमन सिंह
- भगवान संग नता-रिस्ता- छत्तीसगढ़ के खास पहिचान आय
- छन्द के छ : उल्लाला
- किरीट सवैया : कपूत नहीं सपूत बनो
- अक्षर दीया जलाबोन
- गऊ रक्छक : नान्हे कहिनी
- छब्बीस जनवरी मनाबो “
- गोविन्द राव विट्ठल के छत्तीसगढ़ी नाग-लीला के अंश
- मंजूर के गांव मंजूरपहरी : सियान मन के सीख
- हमर छत्तीसगढ़ योजना : रंग लावत हे महिला मन के संघर्ष
- नोनी मन के खेलई कुदई ह हिरदे में मदरस घोलय
- छत्तीसगढ़ी भूल भूलैया
- होले तिहार
- व्यंग्य-हनुमान के जात
- कविता : नवां अंजोर अउ जाड़
- सुधा वर्मा के गोठ बात : नवरात म सक्ति के संचार
- सतनाम सार हे
- चैत-नवरात म छत्तीसगढ़ी दोहा 5 : अरुण कुमार निगम
- लक्ष्मण मस्तुरिया के कविता : आडियो
- अपन-अपन समझ
- महेन्द्र देवांगन माटी के कविता : बसंत बहार
- सोसन अउ कानून (कबिता ) : सुशील भोले
- भोरमदेव – छत्तीसगढ़ के खजुराहो
- बीड़ी ला सिपचा ले भइया
- गउ हतिया
- कलजुग केवल नाम अधारा : व्यंग्य
- रफी के छत्तीसगढ़ी गीत
- बसंत बेलबेलहा
- आनी बानी : 14 भाषा के कविता के छत्तीसगढ़ी अनुवाद
- धमतरी : नगरी के 29 आंगनबाड़ी केन्द्र मन म कार्यकर्ता-सहायिका के नियुक्ति बर आवेदन आमंत्रित
- सुरता मा जुन्ना कुरिया
- तुंहर मन म का हे
- अनुवाद
- लघु कथा : ठेकवा नाव ठीक
- साहित्य हरे अंधरा के तसमा
- मन के बात
- भारत रक्षा खातिर आबे, गणनायक गनेस
- गांव ल झन भुलाबे अउ किसान
- चलो मंदिर जाबो
- चुनावी व्यंग्य : बूता के अपग्रेडेसन
- मोला करजा नई सुहावय
- पंचू अऊ भकला के गोठ : चुनई ह कब ले तिहार बनगे
- डुमर डारा : कबिता
- साहित्य म भ्रस्टाचार
- कोन जनी कब मिलही..?
- गुन ला गा लो : महावीर अग्रवाल के गीत
- छत्तीसगढ़ी हायकू
- बित्ता भर भुइयां
- अंधियार म नाईट विजन ले वायु सेना के जवान मन करिन सराहनीय सहयोग
- धरती के बेटा
- सेठ घर के नेवता : कहिनी
- खेती म हावय सब सुख – कहिनी
- कागज के महल
- आल्हा छंद – नवा बछर के स्वागत करलन
- सुरता लंव का दाई तोर गांव मा
- सबले बढ़िया – छत्तीसगढ़िया
- सिंहावलोकनी दोहा (गरमी)
- हमर शिक्षा व्यवस्था
- बीर नरायन बनके जी
- बेरोजगारी
- हिम्मत हे त आघु आ
- चुनाव सिरिफ दू साल दूरिहा, बजट होही लोक लुभावन
- छत्तीसगढ़ी लघुकथा संग्रह – करगा
- नंदावत हे अकती तिहार
- कहिनी : डोकरा डोकरी : शिवशंकर शुक्ल
- छत्तीसगढ़ी गज़ल
- कोनजनि मनखे आवस कि राक्षत रे काटजू
- छत्तीसगढ़ के हम बनिहार: सालिकराम अग्रवाल ‘शलभ’
- भोले बाबा : सार छंद
- होली हे भइ होली हे
- लोक कथा म ‘दसमत कइना’ के किस्सा
- मुख्यमंत्री ह करिस राज्य आपदा मोचन बल के प्रशिक्षण केन्द्र के शुभारंभ
- कहानी : फूल के जघा पउधा भेंट करव
- रायपुर : प्रादेशिक सेना के पैदल वाहिनी (153 इन्फैट्री बटालियन) के भर्ती रैली 08 ले 14 फरवरी तक
- का होही?
- मया के दीया
- कन्या पूजन
- सेहत के खजाना – शीतकाल
- हरमुनिया – मंगत रविन्द्र के कहिनी
- छत्तीसगढ़ी कथा-कंथली : संकलन अउ लेखन – कुबेर
- रासेश्वरी