- सुरता – गीत संत डॉ. विमल कुमार पाठक
- उज्ज्वला योजना म अभी तक 6.40 लाख गरीब परिवार के महिला मन ल निःशुल्क रसोई गैस कनेक्शन
- बियंग: निरदोस रहे के सजा
- कहिनी : सिरा गे पईसा
- अजब नियाव – गुड़ी के गोठ
- बियंग : पारसद ला फदल्लाराम के फोन
- मत्तगयंद सवैया : किसन के मथुरा जाना
- आवत हे राखी तिहार
- सुकवि बुधराम यादव जी के गज़ल
- चैत-नवरात म छत्तीसगढ़ी दोहा 2 : अरुण कुमार निगम
- पंचायती राज के पंदरा अगस्त
- 7 हाईकु पर्यावरण के
- सपना के गांव
- छत्तीसगढ़ी भाषा के मानकीकरण
- नान्हे कहिनी : जिनगी के मजा
- छत्तीसगढ़िया जागव जी
- पितर बिदा के दिन आ गय
- भाई दीदी असम के
- कहिनी : डोकरा डोकरी : शिवशंकर शुक्ल
- गरीबा महाकाव्य (अठवइया पांत : अरसी पांत)
- कविता – सुकवा कहे चंदा ले
- गीत
- गरीबा महाकाव्य (सतवया पांत : चनवारी पांत)
- छत्तीसगढ़ी लोक कथा : जइतमाल के ठेंगा
- तय जवान कहाबे
- मजदूर
- छेरछेरा अब आगे
- मोर गॉंव कहॉं सोरियावत हे : तइहा के सब बइहा ले गय
- अरुण निगम के छत्तीसगढी गीत : मन झुमै ,नाचे ,गावै रात-दिन
- करिया अंगरेज
- हरितालिका व्रत (तीजा)
- सांस म जीव लेवा धुंगिया
- बस्ता
- बंदत्त हंव तोर चरन ल
- उस्ताद अमजद अली खां, श्रीमती तीजन बाई, शेखर सेन अउ भारती बन्धु ल मानद डी.लिट् के उपाधी
- जानबा
- चांटी मन के कविता
- महतारी के अंचरा
- हिन्दू नवा बच्छर के बधाई..
- छत्तीसगढ़िया मन कहां हें ?
- होले तिहार
- आज के बड़का दानव
- छत्तीसगढ़ी भाषा : समस्या अउ संभावना
- देवी देवता के पूजा इस्थान म होथे मड़ाई
- बरखा रानी
- श्री केयूर भूषण ह पुस्तक भेंट करके दीस मुख्यमंत्री ल जनम दिन के बधाई
- छत्तीसगढ़ी परिम्परिक लोक धुन छेरछेरा पुुन्नी के गीत
- बाबा के सात सिद्धांत अउ सतनाम मनइया
- ओहा मनखे नोहय
- छत्तीसगढ़ी म छंद बरनन के पहिली किताब
- बतावव कइसे ?
- दूर के सोचथे महामानव
- अनुवाद : आशा के किरण (The Silver Lining)
- हमन कहां जात हन – सुधा वर्मा
- सर्वगामी सवैया : पुराना भये रीत
- छत्तीसगढ़ के रफी : केदार यादव
- देशज म छा गे चंदैनी गोंदा
- नंदावत जांता : वीडियो
- सुखदेव सिंह अहिलेश्वर”अँजोर” के छंद
- कविता : जोंधरा
- ग़ज़ल : गुलेल
- तोर सरन म आएन, माँ असीस देबे वो
- राखी
- सावन के परत हे फुहार
- फुटहा छानी
- उ-ऊ छत्तीसगढ़ी हिन्दी शब्दकोश
- राज्य कर्मचारी मन ल लउहे मिलही सातवां वेतनमान
- वृक्षारोपण के गोठ
- बाल लेखक सार्थक के कहानी : संगवारी
- याहा काय जाड़ ये ददा
- कैसे करन तोर बापू बडा़ई : दाऊ निरंजनलाल गुप्ता के गीत
- डॉक्टर दानी के बानी
- कहिनी : नाव बदले ले न गाड़ी बदले न ठऊर
- छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के वेबसाईट
- का पुरवाही में अईसने जहर घुरे हे
- शिवशंकर शुक्ल के कहिनी
- इही तो आजादी आय
- मोर मन के बात
- चिरई चिरगुन अतका तको नईये, वाह रे मनखे
- मे हा चालीस बछर से रोज कोरट जावत हवव
- छत्तीसगढ़ी गजल
- अनुवाद : तीसर सर्ग : सरद ऋतु
- माटी माथा के चंदन
- पारंपरिक फाग गीत
- नइ आवै : देवीप्रसाद वर्मा ‘बच्चू जाँजगिरी’ के गीत
- नवरात्र परब : मानस में दुर्गा
- बसंत पंचमी अउ ओखर महिमा
- काम काजी छत्तीसगढ़ी, स्वरूप, अउ संभावना
- शिक्षा अधिकारी अपन आफिस म करवावत हे टोना-टोटका
- तीजा पोरा
- नेताजी ल भकाड़ूराम के चिट्ठी
- कालजयी छत्तीसगढ़ी गीत : ‘अंगना में भारत माता के सोन के बिहनिया ले, चिरईया बोले’ के गायक प्रीतम साहू
- हिसार म गरमी
- बियंग : रचना आमंतरित हे
- रूख लगाय के डाढ़ – कहिनी
- माटी के पीरा
- व्यंग्य : रोटी सेंकन मय चलेंव………
- ओहर बेटा नोहे हे
- रघुबीर अग्रवाल पथिक के छत्तीसगढ़ी मुक्तक : चरगोड़िया
- तीजा तिहार म