- अकती तिहार : समाजिकता के सार
- छत्तीसगढ़ के माटी : लक्ष्मण मस्तुरिया
- बिखरत हे मोर परिवार
- किसान के पीरा
- मऊंहा झरे झंउहा-झंउहा – पुस्तक समीक्छा
- बाम्हन चिरई
- मया बर हर दिन ‘वेलेन्टाइन डे’ होथे
- पलायन (कहिनी)
- डॉक्टर अउ कवि
- बसंत ‘नाचीज’ के छत्तीसगढी गजल
- कहानी : लालू अऊ कालू
- प्रकृति के नवा सिंगार अउ नवा बछर
- विष्णुपद: छंद – मोखारी
- अभार अभिनंदन अटल जी के (25 दिसंबर अटल बिहारी वाजपेयी के जनमदिन)
- विष्णुपद छंद : हे जग के जननी
- कती जाथन हमन
- गजल : कतको हे
- माता ला परघाबो
- दर्रा हनागे
- राजा – नान्हे कहिनी
- छत्तीसगढ़ी नाचा के जनक : दाउ दुलारसिंह मंदराजी
- छत्तीसगढ़ी के विकास यात्रा
- भुलवारे बर तब अंजोर के गजब गीत गाथे : डॉ. परदेशीराम वर्मा के गीत
- बाल लेखक सार्थक के कहानी : संगवारी
- मसखरी : देवता मन के भुतहा चाल
- बाल साहित्य के पीरा
- लघुकथा : कन्या भोज
- मया के तिहार
- डॉ. सम्पूर्णानन्द के आस्था : नान्हे कहिनी
- खूंटा म साख निही, गेरवा के का ठिकाना
- तीजा के लुगरा – बन्धु राजेश्वर राव खरे
- उठ जा बाबु आंखी खोल
- होली गीत
- कविता – चिड़िया रानी
- 7 जुलाई तक
- खतरनाक गेम
- कुंवर दलपति सिंह के राम-यश मनरंजन के अंश
- छत्तीसगढ़ी राजभासा कामकाज के भासा कब बनही
- निषाद राज के छत्तीसगढ़ी दोहा
- छत्तीसगढी़ कहानी संग्रह : शहीद के गाँव
- सरग असन मोर गांव
- चंदैनी गोंदा के 14 गीत
- प्रयोजनमूलक छत्तीसगढ़ी की शब्दावली – मुहावरे
- चुनई के बेरा
- चैत-नवरात म छत्तीसगढ़ी दोहा 6 : अरुण कुमार निगम
- चाइना माडल होवत देवारी तिहार
- पहिचान: भूपेंद्र टिकरिहा के कविता
- यमराज ला होगे मुस्किल
- छत्तीसगढ़ के ब्लॉगर अशोक बजाज भाई ला कोरी कोरी बधई
- परमेश्वर के आसन
- सबद के धार : पीरा ल कईसे बतावंव संगी
- नवा साल मं
- आल्हा छंद : वीर शिवाजी के शान
- नान्हे कहिनी : सात फेरा
- चुनाव आयोग म भगवान : व्यंग्य
- बुढ़ुवा कोकड़ा
- छतीसगढ़िया सबले बढ़िया
- गंगार : नान्हें कहिनी
- मोर छत्तीसगढ़ महतारी
- गद्य साहित्य के कोठी म ‘बगरे गोठ’ के सकेला – पुस्तक समीछा
- कका के घर : छत्तीसगढ़ी उपन्यास
- दू पीढ़ी के लिखे अनमोल कृति
- लड़की खोजत भंदई टूट जाय
- निराला साहित्य समिति, थान खम्हरिया के आयोजन
- पुस्तक समीक्षा : परिवार, व्यवहार अउ संस्कार के संगम ‘‘तिरबेनी‘‘
- तुलसीदास
- अटल बिहारी वाजपेयी ‘‘राजनीतिज्ञ नई बलकि एक महान व्यक्तित्व रहिन’’
- गीत : रामेश्वर शर्मा
- कहानी : मुर्रा के लाडू
- हमर छत्तीसगढ़
- नान्हे गम्मत : झिटकू-मिटकू
- छत्तीसगढ़ी ग़ज़ल : मितानी
- लेखकीय मन के बात
- बसदेव गीत : भगवती सेन
- गरीबा : महाकाव्य (पहिली पांत : चरोटा पांत)
- अपन घर के देवता ल मनइबो
- नइ आवै : देवीप्रसाद वर्मा ‘बच्चू जाँजगिरी’ के गीत
- छत्तीसगढ़ी परिम्परिक लोक धुन छेरछेरा पुुन्नी के गीत
- अड़हा रईतिस तेने बने ददा
- बियंग: करजा माफी
- कहानी : कलम
- लक्ष्मी नारायण लहरे ‘साहिल’ के कविता
- श्रीयुत् लाला जगदलपुरी जी के छत्तीसगढ़ी गजल – धन-पसु
- जाज्वल्यदेव लोक महोत्सव-कृषि मेला ले बनिस छत्तीसगढ़ के पहिचान
- साहित्य म भ्रस्टाचार
- नशा : कविता
- डाकघर म करावव रजिस्ट्रेशन, मोदी सरकार नौकरी देही
- मोबाईल मास्टरिन
- सरकारी इसकूल
- छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के छठवां प्रांतीय सम्मेलन
- ग़ज़ल : गुलेल
- बोरे-बासी के दिन आगे..
- डेरहा बबा
- छत्तीसगढ़ी गज़ल
- कभू तो गुंगवाही
- जांजगीर-चांपा : ग्रामीण बेरोजगार मन ल डेयरी काम मं मिलही छह दिन के निःशुल्क आवासीय प्रशिक्षण
- दू ठन गीत रोला छंद अउ कुण्डलियां छंद म
- नोनी
- नाटक अऊ डॉ. खूबचंद बघेल