- डेरहा बबा
- शिवशंकर के सावन सम्मार
- समाज म जऊन सबसे गरीब, सरकार के वो सबसे करीब : डॉ. रमन सिंह
- दादूलाल जोशी ‘फरहद’ के छै ठन कविता
- सियान मन के सीख : ए जिनगी के का भरोसा
- बइगा के चक्कर – नान्हे कहिनी
- तीजा तिहार
- 18 मई बट सावितरी पूजा विसेस : सत्यवान के खोज (बियंग)
- फुगड़ी गीत
- छत्तीसगढ़ी गज़ल : पीरा संग मया होगे
- ऐसो के देवारी म
- महेश पांडेय “मलंग” के छत्तीसगढ़ी कविता
- भक्ति अउ सावधानी
- मोर लइका पास होगे
- सबके पार लगइया – किसन कन्हैया
- सरगुजिहा कहनी – काकर ठन बिहाव करबे
- देवारी तिहार : देवारी के दीया
- सोनाखान के सोन-शहीद बीर नारायण सिंह
- छत्तीसगढ़ी भासा के महाकाव्यकार
- जोड़ी! नवलखा हार बनवा दे
- सियान मन के सीख- चुप बरोबर सुख नहीं
- सर्वगामी सवैया : पुराना भये रीत
- मटमटहा टूरा
- अग्यातवास
- छत्तीसगढ़ के गारी -प्रतिकात्मक अभिव्यक्ति
- छंदमय गीत- तोर अगोरा मा
- मंगत रविन्द्र के कहिनी ‘अगोरा’
- कविता: बराती
- लींग परीक्छन के परिनाम
- मोर इस्कूल के गनेस
- नवा बछर म देखावा झन करव तुमन
- लोक कथा : लेड़गा के कड़ही
- मोला करजा नई सुहावय
- जवारा अउ भोजली के महत्तम
- इतवार तिहार
- ग़ज़ल
- चाइना माडल होवत देवारी तिहार
- काकर लइका होइस – छत्तीसगढ़ी लघु कथा
- अस्पताल के गोठ
- हमन कहां जात हन – सुधा वर्मा
- गज़ल – ओखी
- पानी हे जिंदगानी
- मोर गॉंव कहॉं सोरियावत हे : तइहा के सब बइहा ले गय
- ढोंगी बाबा
- कहिनी : उपास
- मोर भुईयां के भगवान
- छत्तीसगढ़ी दिवस 28 नवम्बर विशेष
- मोर ददा ला तनखा कब मिलही
- छन्द के छ : कुण्डलिया छन्द
- ग्रीन स्टील ले शून्य कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य के संग ही खुलही आर्थिक संभावना मन के दुवारी – मुख्यमंत्री
- बेंदरा बिनास
- संपादकीय: टमड़ ले पहिली अपनेच कान
- नवा बच्छर के गोठ
- गीत : चौरा म गोंदा रसिया, मोर बारी म पताल हे
- बिलासपुर म जिला रोजगार अउ स्वरोजगार मार्गदर्शन केन्द्र मं प्लेसमेंट कैम्प 08 मार्च को : 400 पद
- प्रसिद्ध अभिनेता अनुपम खेर ह करिस रमन ऐप के लोकार्पण
- वृत्तांत- (7) अपन धरती अपन आगाश : भुवनदास कोशरिया
- गुरतुर गोठ के आठ बरिस
- कइसे होही छत्तीसगढ़िहा सबले बढ़िहा?
- बियंग : पारसद ला फदल्लाराम के फोन
- परकिती के परती आत्मियता के तिहार ये हरेली
- छत्तीसगढ़ के चार झन हिम्मती लइका मन ल मिलही 2016-17 के राज्य वीरता पुरस्कार
- कहिनी : नाव बदले ले न गाड़ी बदले न ठऊर
- चंदैनी गोंदा के 14 गीत
- सेना में वॉशरमैन पद समेत अन्य रिक्ति, योग्यता 10वीं/12वीं पास
- खेत के मेड़
- नवा साल मं
- भोलेनाथ के गुफा चैतुरगढ़़
- जय ३६ गढ़ महतारी
- पहुँचगिस संसद
- कविता: फूट
- मोर गांव मया-प्रेम के
- मंजूर के गांव मंजूरपहरी : सियान मन के सीख
- सोंच समझ के चुनव सियान
- सरग ह जेखर एड़ी के धोवन – डॉ. पीसी लाल यादव
- बसदेव गीत : भगवती सेन
- नंदावत हे लोककला, चेत करइया नई हे…
- मेला जाबोन
- यहू नारी ये
- छन्द के छ : एम.ए.छत्तीसगढी के पाठ्यक्रम मा जोडे जाना चाही
- टेकहाराजा : छत्तीसगढ़ी लोक नाट्य के नवा अंजोर
- छत्तीसगढी गोठ बात : जंवरा-भंवरा
- सावन अऊ शिव
- छत्तीसगढ़ी भाषा में रिश्ते-नाते
- छब्बीस जनवरी मनाबो “
- तीजा नई जावंव
- खोखो मोखो डलिया, पाके बुंदेलिया : छत्तीसगढ़ी बाल गीत
- नान्हे कहिनी : बदना
- कविता-समाज ल आघू बढ़ाबोन
- नारी हे जग में महान
- मइया पांचो रंगा
- कविता संग्रह : रउनिया जड़काला के
- मुसुवा के पीरा
- धीर लगहा तैं चल रे जिनगी
- बीड़ी ला सिपचा ले भइया
- श्रीयुत् लाला जगदलपुरी जी के छत्तीसगढ़ी गजल – मया धन
- सरद पुन्नी के सार कथा
- बेटी अंव, तेकरे पीरा ह बड़ जियानथे
- हांसत हे सोनहा धान के बाली ह
- अंधरी के बेटा – विट्ठलराम साहू ‘निश्छल’