- लघुकथा-किसान
- सुरता सुशील यदु
- भोले बाबा
- तैं कहाँ चले संगवारी
- साहित्यिक पुरखा के सुरता : कुञ्ज बिहारी चौबे
- कहाँ गँवागे मोर माई कोठी
- ढ़ूंढ़ी रक्सिन: छत्तीसगढ़ी लोककथा – 1
- होरी हे रिंगी चिंगी : रंग मया के डारव संगी
- कमरछठ कहानी : मालगुजार के पुण्य
- बियंग कबिता : काशीपुरी कुन्दन के आखर बान
- मऊंहा झरे झंउहा-झंउहा – पुस्तक समीक्छा
- सिरिफ नौ दिन के बगुला भगत
- हे गुरु घासीदास – दोहालरी
- फिल्मी गोठ : छत्तीसगढ़ी फिलीम म बाल कलाकार
- तोरे अगोरा हे लछमी दाई
- मन के लाड़ू
- तीजा लेहे बर आहूं
- बसंत उपर एक छत्तीसगढ़ी ग़ज़ल
- उल्हुवा पान : फिल्म समीक्षा – छत्तीसगढ़ी फिलिम राजू दिलवाला
- अक्ती तिहार
- एकलव्य
- बलदाऊ राम साहू के छत्तीसगढ़ी गज़ल
- कहिनी : लंगड़ा भिखारी के इच्छा
- जनता जनारदन
- लोक कथा : लेड़गा के बिहाव
- जड़काला मा रखव धियान
- हायकू
- स्वच्छ भारत के मुनादी
- धान कटोरा रीता होगे
- हमर छत्तीसगढ़ राज म आनी-बानी के तिहार हे
- छत्तीसगढ़ी बाल गीत
- छतीसगढ़िया सबले बढ़िया
- अंग्रेजी के दबदबे के बीच छत्तीसगढ़ी की जगह
- भोले बाबा : सार छंद
- अक्ती परब सीता ल बिहावय राजा राम – परब तिहार
- ग़ज़ल
- भुईया दाई करत हे गोहार
- छत्तीसगढ़ महिमा
- जमुना के तीर तीर हो
- मया के दीया
- लव इन राशन दुकान
- हमर छत्तीसगढ के होगे बिकास … ??
- चना के दार राजा, चना के दार रानी
- व्यंग्य : गिनती करोड़ के
- बियंग कबिता : काशीपुरी कुन्दन के आखर बान
- घुरवा के दिन घलो बहुरथे
- सरगुजिहा कहनी- मितान
- जाड़ के घाम
- मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ह दिव्य छत्तीसगढ़ के विशेष अंक के करिस विमोचन
- कविता : नवां अंजोर अउ जाड़
- लघुकथा – आटोवाला
- सत के अमरित धार बोहवईया : देवदास बंजारे
- कलजुगहा बेटा : नान्हे कहिनी
- बइरी जमाना के गोठ
- ढेला अऊ पत्ता
- नान्हे कहिनी: धन होगे माटी(अनुवाद)
- छत्तीसगढ़ी गज़ल
- डुमर डारा : कबिता
- दू ठन गीत रोला छंद अउ कुण्डलियां छंद म
- एक बीता पेट बर
- जिनगी जीये के रहस्य : महाशिवरात्रि
- पुतरी के बिहाव – सुधा वर्मा
- सुनिल शर्मा “नील” के दू कबिता : कइसे कटही जेठ के गरमी अउ हर घड़ी होत हे दामिनी,अरुणा हा शिकार
- अभी के समें अउ साहितकार
- छत्तीसगढी कुण्डली (कबिता) : कोदूराम दलित
- मुख्यमंत्री ह ‘रमन के गोठ’ म कैशलेस लेनदेन के बारे म समझाइन
- माटी माथा के चंदन
- धिक्कार हे
- सुग्घर हे मोर छत्तीसगढ़
- मतदान : चौपई छंद (जयकारी छंद)
- नेता टेकनसिंह कहाय के सऊक
- जीतेन्द्र वर्मा “खैरझिटिया” के दोहा : करम
- तेजनाथ के गजल
- सुरता
- हमर छत्तीसगढ़ योजना : रंग लावत हे महिला मन के संघर्ष
- पातर पान बंभुर के, केरा पान दलगीर
- सावन के झूला
- तोर मया
- छत्तीसगढ़ी परिम्परिक लोक धुन छेरछेरा पुुन्नी के गीत
- लीम चउरा के पथरा
- हाईकू
- दू आखर
- मोबाईल मास्टरिन
- छंद – अजब-गजब
- दुकाल अऊ दुकाल
- सत के मारग बतइया- गुरु घासीदास जी
- छत्तीसगढ़ के माटी : लक्ष्मण मस्तुरिया
- सावन के बरखा
- ठुमरी
- अकती तिहार : समाजिकता के सार
- मंगत रविन्द्र के कहिनी ‘दुनो फारी घुनहा’
- छत्तीसगढ़ी भाषा का मानकीकरण : कुछ विचार
- आगे आगे नवा साल
- छत्तीसगढ़ी भाषा मं लिनक्स अउ विंडोज प्रोग्राम
- सुन तो भईरी
- सरसी छंद : जनकवि कोदूराम “दलित” जी
- मक्खी-मच्छर मारो अभियान – कबिता
- रघुबीर अग्रवाल पथिक के छत्तीसगढ़ी मुक्तक : चरगोड़िया
- सोमदत्त यादव के कविता
- दारू बंदी के रद्दा अब चातर होवत हे