- कहिनी : बमलेसरी दाई संग बैसाखू के गोठ
- कविता संग्रह : छत्तीसगढ़ ल बंदव
- कविता – चिड़िया रानी
- छत्तीसगढ़ी प्रेम गीत
- शिव भोला ल मनाबोन
- रेमटा टुरा – २ चिपरिन के मही
- कहिनी : पिड़हा
- गरमी बाढ़त हे
- महतारी भासा
- पंचायती राज के पंदरा अगस्त
- नान्हे कहिनी : सिरिफ एक पेड़
- गुरूजी नमस्कार – कबिता
- कलजुग केवल नाम अधारा : व्यंग्य
- नान्हे कहिनी : आवस्यकता
- कविता-समाज ल आघू बढ़ाबोन
- ददा
- भक्ति-भाव के महापरब-सावन मास
- सरग हे जेकर एड़ी के धोवन
- मोर गॉंव कहॉं सोरियावत हे : चाल चरित म कढ़े रहंय
- लेखक परिचय : सुरेश सर्वेद
- छत्तीसगढ़ी ग़ज़ल
- मजबूर मैं मजदूर
- वइसन बिहनिया अब कहाँ होथे
- लोग लइका बर उपास – कमरछट के तिहार
- बेरोजगारी
- देशज म छा गे चंदैनी गोंदा
- चरभंठिया को गोठ
- होली आवत हे
- कहानी : बड़का तिहार
- हीरा मोती ठेलहा होगे
- छत्तीसगढ़ी, छत्तीसगढ़ी चिल्लाने वाले भी छत्तीसगढ़ी पढ़ना नहीं चाहते
- नारी अउ सम्मान
- तीजा नई जावंव
- बाबा घासीदास जयंती – सतनाम अउ गुरु परंपरा
- छत्तीसगढ़ के चार झन हिम्मती लइका मन ल मिलही 2016-17 के राज्य वीरता पुरस्कार
- परिचय : कथाकार – कुबेर
- छत्तीसगढ़ी बोलबो
- खेत खार बखरी मं गहिरागे साँझ : पवन दीवान के गीत
- गुरू-पून्नी
- कहिनी : बेर्रा टूरा बेर्रा टूरा
- सर्वगामी सवैया : पुराना भये रीत
- माफी के किम्मत
- अम्बिकापुर म सहायक प्रोग्रामर संविदा पद बर दावा-आपत्ति 7 मार्च तक
- पताल के भाव
- बइगा के चक्कर – नान्हे कहिनी
- छत्तीसगढ़ी नवगीत : पछतावत हन
- जय छत्तीसगढ़ महतारी
- कबिता : नवा तरक्की कब आवे हमर दुवारी
- सरगुजिहा गीत- मोर संगे गा ले संगी
- दू आखर …..
- का साग रांधे संवरिया .. सुनव करमा गीत
- नशा मुक्ति के गीत
- कबिता: वाह रे मोर गाँधी बबा के नोट
- छत्तीसगढ़ी गज़ल – हमरे गाल अउ हमरे चटकन
- धमतरी : नगरी के 29 आंगनबाड़ी केन्द्र मन म कार्यकर्ता-सहायिका के नियुक्ति बर आवेदन आमंत्रित
- छत्तीसगढ़ी फिलिम अउ संस्कृति
- श्रीयुत् लाला जगदलपुरी जी के छत्तीसगढ़ी गजल – ‘दाँव गवाँ गे’ अउ ‘जहर नइये’
- कइसे बचाबो परान
- दूध म दनगारा परगे…
- छन्द के छ : सोरठा छन्द
- व्यंग्य : पनही
- 7 जुलाई तक
- बुढ़ुवा कोकड़ा
- कस्तूरी – छत्तीसगढ़ के हरियर चाँउर
- फेर दुकाल आगे
- 10 दिसम्बर शहीद वीरनारायण सिंह बलिदान दिवस
- चैत-नवरात म छत्तीसगढ़ी दोहा 2 : अरुण कुमार निगम
- माटी मोर मितान
- लोक कला के दीवाना रामकुमार साहू
- छत्तीसगढ़िया
- सुन तो भईरी
- कहानी – बड़की बहू
- लघुकथा : अमर
- हमर स्कूल
- छत्तीसगढ़ी गीत-ग़ज़ल-छंद-कविता
- कुकुर मड़ई माने डॉग शो अउ डॉग ब्यूटी कान्टेस्ट – गुड़ी के गोठ
- मोर छइयां भुइयां के माटी
- ग़ज़ल
- कोनजनि मनखे आवस कि राक्षत रे काटजू
- जिनगी के प्रतीक हे भगवान जगरनाथ के रथ यात्रा
- महंगइ के चिंता
- वृत्तांत-9 मोला तो बस, येकरेच अगोरा हे
- जसगीत अउ छ्त्तीसगढ – दीपक शर्मा
- सनत के छत्तीसगढ़ी गज़ल
- छत्तीसगढ़ी कहानी गीत विकलांग विमर्श म
- महू तोर संगी : बालमुकुंद शर्मा ‘गूंज’ के गीत
- पितर बिदा के दिन आ गय
- उर्दू शेर के अनुवाद
- कहिनी : डोकरा डोकरी : शिवशंकर शुक्ल
- दोहा के रंग : दोहा संग्रह
- जयति जय जय छत्तीसगढ़ देस, चेतावनी, लावनी – पं. लोचन प्रसाद पाण्डेय
- कविता : अब भइगे !
- आज के बड़का दानव
- बियंग : रचना आमंतरित हे
- 8 बछर के पाछू सुरता आईस टाटपट्टी घोटाला
- पुस्तक समीक्षा : माटी की महक और भाषा की मिठास से संयुक्त काब्य सग्रंह- ‘जय हो छत्तीसगढ़’
- कोण्डागांव : आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अउ सहायिका पद बर आवेदन आमंत्रित
- मारबो फेर रोवन नह दन: समरथ गँवइहा
- सात हायकू सावन के
- गणेश पूजा अउ राष्ट्र भक्ति