- कलजुगहा बेटा : नान्हे कहिनी
- कहानी : सेमी कस बँटागे मनखे
- नान्हे कहिनी : बदना
- गॉंव कहॉं सोरियावत हे : अंखमुंदा भागत हें
- कँपकँपाई डारे रे
- चुपरनहा साबुन
- डॉ.शैल चंद्रा के किताब : गुड़ी ह अब सुन्ना होगे
- बेरा के गोठ : सुखी जिनगी जियेबर छत्तीसगढ़िया सिखव बिदुर नीति
- मुख्यमंत्री ह अपन गांव के मंदिर म करिस पूजा-पाठ
- किताब कोठी: आवौ भैया पेड़ लगावौ
- लइका मन मं पढ़इ लिखइ के सउख कइसे बाढ़य?
- होली आवत हे
- टेंकहा बेंगवा
- छत्तीसगढ़ी भासा परिवार के भाषा : विकास अउ साझेदारी
- नवा बछर के मुबारक हवै
- इही तो आजादी आय
- गज़ल – ओखी
- गुरतुर गोठ : छत्तीसगढी
- रफी के छत्तीसगढ़ी गीत
- बसंत पंचमी एक मनभावन परब
- चलती के नाम गाड़ी, बिगड़ गे त…
- ग़ज़ल : गीत ग़ज़ल ल गावत हावस
- प्रेम रंग
- जस गीत – काली खप्परवाली
- चलनी में गाय खुदे दुहत हन
- बियंग : लहू
- अब बंद करव महतारी के अपमान
- छत्तीसगढ़ी लोक कथा : घंमडी मंत्री
- रतनपुर के महामाया माई मंदिर म लगिस स्वाइप मशीन : कैशलेश
- गुड़ी के गोठ : आयोग ल अधिकार देवयं
- राम जन्म : सबके बिगड़े काम सँवारथे श्रीराम
- चतुर्भुज सिरक्कटी धाम
- ‘तुंहर जाय ले गीयां’
- अमरैया के छाँव म
- एक एक पेड़ लगाओ
- बिखरत हे मोर परिवार
- मन के दीया ल बार
- पितर पाख : पितर अउ कउँवा
- हे राम : नारायण लाल परमार के नवगीत
- दुकाल अऊ दुकाल
- राजा के मुड़ी म सिंग
- ननपन के सुरता : बाल भारती
- एक मुठा माटी
- लघु कथा – दरूहा
- सरग सुख
- चलो मंदिर जाबो
- कविता – सब चीज नंदावत हे
- शिक्षा अधिकारी अपन आफिस म करवावत हे टोना-टोटका
- पतरेंगी
- जलदेवती मैय्या के वरदान
- कमरछठ कहानी : मालगुजार के पुण्य
- नवा बछर के नवा तिहार
- बरसै अंगरा जरै भोंभरा
- नारायण लाल परमार के कबिता
- सपना के गांव
- डॉ. सी. व्ही. रमन विश्वविद्यालय के कैलेंडर के विमोचन
- लोक कथा : सतवंतीन
- गुरू जी अउ नाँग देवता के पीरा
- छत्तीसगढ़ी लोककथा : राजा के मया
- छत्तीसगढी़ कहानी संग्रह : शहीद के गाँव
- छत्तिसगढ़ महतारी के बन्दना : दानेश्वर शर्मा के गीत
- नशा मुक्ति के गीत
- बरसा गीत
- ना बन बाचत हे ना भुइयां, जल के घलोक हे छिनइयां
- छत्तीसगढ़ी के पीरा अउ छत्तीसगढ़िया : डॉ.(श्रीमती) हंसा शुक्ला
- नान्हे कहिनी : रोजी
- चुनावी कथा : कंठ म जहर
- रंग डोरी होली
- दोहा गजल (पर्यावरण)
- परोसी के भरोसा लइका उपजारना
- मई दिवस म बनिहार मन ल समर्पित दोहागीत
- रामेश्वर वैष्णव के कबिता आडियो
- शिव भोला ल मनाबोन
- सियान मन के सीख : चोला माटी के हे राम
- जल अमरित
- घाम घरी आगे – कबिता
- अनुवाद : पतंगसाज (The Kite Maker)
- छत्तीसगढ़ी संस्कृति के खुशबू ल बगराने वाला एक कलाकार- मकसूदन
- छत्तीसगढ़ के तीज तिहार- मड़ई मेला
- परतितहा मन पासत हे
- कईसन कब झटका लग जही…..
- पुण्य सकेले के दिन आय अक्ती
- किसना के लीला : फणीश्वर नाथ रेणु के कहानी नित्य लीला के एकांकी रूपांतरण
- नान्हे कहिनी: लइकाहा बबा
- मोर डांड तो छोटे तभे होही संगी, जब आप बड़का डांड खींचहू
- मोर गॉंव कहॉं सोरियावत हे : चाल चरित म कढ़े रहंय
- धान कटोरा रीता होगे
- नवा बछर म देखावा झन करव तुमन
- अब नइ गिरय आँसू के बूँद, बोहावत हे इहां पानी के धार
- सांस म जीव लेवा धुंगिया
- जागो हिन्दुस्तान
- बसंत उपर एक छत्तीसगढ़ी ग़ज़ल
- कहिनी : हिरावन
- नान्हे कहिनी : सिरिफ एक पेड़
- छत्तीसगढी कुंडली : रंगू प्रसाद नामदेव
- किसान
- तेजनाथ के रचना
- कहानी : अलहन के पीरा
- छत्तीसगढ़ी भाषा में रिश्ते-नाते
- दुसरो के बाढ़ ला देखना चाही : सियान मन के सीख