- जगत गुरू स्वामी विवेकानन्द जी महराज के जीवन्त संदेश, मंत्र औ समझाईस
- का होही?
- छत्तीसगढ़ के वेलेंटाईन : झिटकू-मिटकी
- अकती बिहाव
- व्यंग्य-हनुमान के जात
- मेकराजाला म बाढ़य हमर भाखा के साहित्य : राजभाषा आयोग देवय पंदोली
- मदरस कस मीठ मोर गांव के बोली
- कवित्त
- रफी के छत्तीसगढ़ी गीत
- कविता: कुल्हड़ म चाय
- नंदिनी केहेस त मोर गांव देमार – कहिनी
- तेजनाथ के रचना
- खुमान साव के संगीत म छत्तीसगढ़ी गीत
- सुशील यादव के रचना
- गांव के संस्कृति के धरोहर : ओरिया के छांव
- अब बंद करव महतारी के अपमान
- छत्तीसगढ़ मं बिहाव के रीति-रिवाज
- बाल कहिनी : अइसे धरिन चोर गोहड़ी
- खेती मोर जिंनगी
- बित्ता भर भुइयां
- पातर पान बंभुर के, केरा पान दलगीर
- चिरई चिरगुन (फणीश्वरनाथ रेणु के कहानी आजाद परिन्दे)
- मन लागा मेरो यार फकीरी में – अनुपम सिंह के गोठ
- कविता : बेरा हे गीत गाय के
- तीजा नई जावंव
- सरद्धा अउ सराद्ध
- मुख्यमंत्री ह ‘रमन के गोठ’ म कैशलेस लेनदेन के बारे म समझाइन
- मन मोर गावे दीदी तपत कुरु तपत कुरु
- मुख्यमंत्री ह क्रिकेट खेल के करिस मिनी स्टेडियम के लोकार्पण
- आदि परब के अद्भुत रंग – सुशील भोले
- सबले बढ़िया – छत्तीसगढ़िया
- हमन कहां जात हन – सुधा वर्मा
- असाढ़ आगे
- 7 हाईकु पर्यावरण के
- देखे हँव
- दुखिया मन के दुःख हरैया
- फिल्मी गोठ : छत्तीसगढ़ी फिलीम म बाल कलाकार
- का पुरवाही में अईसने जहर घुरे हे
- महिला बाल विकास परियोजना कोसीर क्षेत्र म 21 नावा ऑंगनबाड़ी केन्द्र खुलही
- हमर घर गाय नइए
- संत कोटि के अलमस्त कवि बद्रीबिशाल परमानंद
- कहिनी : पिड़हा
- योग्यता
- गज़ल
- जसगीत अउ छ्त्तीसगढ – दीपक शर्मा
- श्रीयुत् लाला जगदलपुरी जी के छत्तीसगढ़ी गजल – धन-पसु
- दू ठन गीत रोला छंद अउ कुण्डलियां छंद म
- एक बित्ता के पेट : सियान मन के सीख
- देवारी के दीया
- आल्हा छंद – नवा बछर के स्वागत करलन
- लव इन राशन दुकान
- ठेंसा
- हमर छत्तीसगढ़
- छत्तीसगढ़ के व्यंग्यपरक हिंदी उपन्यासों की रचनधर्मिता
- महतारी तोर अगोरा मा
- घाम घरी आगे – कबिता
- छेरछेरा अब आगे
- फेर दुकाल आगे
- सुरता मा जुन्ना कुरिया
- मुर्रा के लाड़ू : नान्हे कहिनी
- कइसे बचाबो परान
- गरमी के भाजी
- लोटा धरके आने वाला इहां टेकाथें बंगला
- चुपरनहा साबुन
- किसान के पीरा : आरे करिया बादर
- बादर के कन्डीसन
- सावन बइरी (सार छंद)
- मंय छत्तीसगढ़ बोलथंव
- रोवत हे किसान
- धुर्रा-गर्दा ल झटकारे के जरूरत – गुड़ी के गोठ
- अडहा बईद परान घाती : पटवारी साहेब जब डाग्डर बनिस
- सीख : एक लोटा पानी
- छत्तीसगढ़िया मन जागव जी
- सोनू नेताम के कविता
- अंगरेजी परेमी छत्तीसगढिया मन के घलव जय हो !
- हमर छत्तीसगढ़
- कागज के महल
- बीड़ी ला सिपचा ले भइया
- बेटी मन उपर गीत
- प्रयोजनमूलक छत्तीसगढ़ी की शब्दावली – कपड़े, आभूषण
- किसान के पीरा
- कोन जनी कब मिलही..?
- छत्तीसगढ़ी गज़ल
- होली के रंग – राशिफल के संग
- छत्तीसगढ़ी : कामकाज अउ लेखन के रूप : सुशील भोले
- गरीबा महाकाव्य (पंचवईया पांत : बंगाला पांत)
- कैशलेस लेन-देन म छत्तीसगढ़ बनही अगुवा राज्य
- पुरखा के थाथी
- ‘स्मार्ट पुलिसिंग’ के संग ‘स्मार्ट हाऊसिंग’ म घलोक सुजान हावय छत्तीसगढ़ पुलिस
- आँखी मा आँखी
- नरहराधाम छोटे जलप्रपात
- कमरछठ कहानी – दुखिया के दुःख
- बखरी के तुमा नार बरोबर मन झूमरे
- छत्तीसगढ़ म एके दिन दू भरती परीक्षा मन के तारीक : फूड इंस्पेक्टर अउ यूपीएससी
- बंटवारा
- कहिनी : बाढ़ै पूत पिता के धरम
- कविता : बुढ़ापा
- असाढ़ के आसरा हे
- मुकुन्द कौशल के छत्तीसगढ़ी गज़ल
- गांव के गुरूजी – कहिनी