- दारु भटठी बंद करो
- छत्तीसगढ़ी ग़ज़ल : सत्ता धारी
- मया के अंजोर
- योग करव जी (कुकुभ छंद)
- सरकारी इसकूल
- चुनाव आयोग म भगवान : व्यंग्य
- छत्तीसगढ़-गौरव
- नोनी-बाबू के बिहाव
- गुरू अउ सिस्य के संबंध
- फैसन के जमाना
- बेटी ल झन मारव : विजेंद्र वर्मा अनजान
- कला ले खिलवाड़
- पर्यटन मंडल के गिलौली ले मोटल म बढि़स घुमईया मन के भीड़
- गरीब बनो अउ बनाओ
- कवित्त छंद
- संस्कृति बिन अधूरा हे भाखा के रद्दा
- मोर संग चलव रे ..
- अक्षर दीप जलाबोन
- नवा साल आगे रे
- जड़कला मा रउनिया तापव
- महंगइ के चिंता
- झंडा फहराबो
- नारी सक्ति
- सुरता : प्रेमचंद अउ गांव
- जगत गुरू स्वामी विवेकानन्द जी महराज के जीवन्त संदेश, मंत्र औ समझाईस
- किसान के पीरा
- महतारी के ममता
- मोर गांव कहां गंवागे
- राजागुरु बालकदास : छत्तीसगढ़ गवाही हे
- शरीर के अंग अंग्रेजी, हिन्दी, छत्तीसगढ़ी
- हमर पूंजी
- सुकलाल प्रसाद पाण्डेय के छत्तीसगढ़ी वर्णमाला गीत
- अम्बिकापुर म सहायक प्रोग्रामर संविदा पद बर दावा-आपत्ति 7 मार्च तक
- होली विशेष राशिफल
- नेंगहा पंचन के नांव भुतावथे
- वा बहनी उर्मिला कमाल कर देस
- फेसबुक म दोस्ती, बिहाव फेर गहना-गुरिया धरके भाग गए बिहाता
- मुख्यमंत्री आठ फरवरी को जांजगीर-चाम्पा जिला के दौरा म रहिही
- सिंगारपुर के माँवली दाई
- उत्छाह के तिहार हरेली
- कथाकार आस्कर वाइल्ड के कहानी द मॉडल मिलियनेअर के अनुवाद : आदर्श करोड़पति
- बेरा के गोठ : सुखी जिनगी जियेबर छत्तीसगढ़िया सिखव बिदुर नीति
- धरती म समावय निस्तारी के पानी – गुड़ी के गोठ
- लक्ष्मण कुम्हार : कोमल यादव के कविता
- दिया बन के बर जतेंव
- असम के छत्तीसगढ़ वंशी मन के गीत
- डुमर डारा : कबिता
- बड़े दाई
- वृत्तांत- (5) कौरा के छिनइ अउ जीव के बचई : भुवनदास कोशरिया
- छत्तीसगढ़ भासा के असली सवाल सोझ-सोझ बात
- तोरे अगोरा हे लछमी दाई
- खरपतवार के निंदाई
- मोर दाई छत्तीसगढ़
- जिनगी जरत हे तोर मया के खातिर
- गजल
- लव इन राशन दुकान
- नेता मन के जनमदिन के पोस्टर हा साल भर पूरा राईपुर शहर मा चटके रथे
- अब के गुरुजी
- सुकवि बुधराम यादव जी के गज़ल
- हमर छत्तीसगढ़ योजना : रंग लावत हे महिला मन के संघर्ष
- फेर दुकाल आगे
- ढेलवा डोंगरी
- मोर गॉंव कहॉं सोरियावत हे : नाचा-गमत
- दुसरो के बाढ़ ला देखना चाही : सियान मन के सीख
- छ्न्द बिरवा : नवा रचनाकार मन बर संजीवनी बूटी
- कबिता : मनखे के इमान
- छत्तीसगढ़ी बोलबो
- कोइली के गुरतुरबोली मैना के मीठी बोली जीवरा ल बान मारे रेे
- बारो महीना तिहार
- ऊँचई
- गॉंव कहॉं सोरियावत हे : चार आखर – बुधराम यादव
- राजनांदगांव म पीएससी प्रारंभिक परीक्षा बर 6 फरवरी ले दे जाही निःशुल्क मार्गदर्शन
- पांच चार डरिया
- बसंत ऋतु
- कुकुर कटायन
- कवयित्री के गुण / कवयित्री धोंधो बाई
- बारहमासी तिहार
- नारी के महिमा भारी हे
- आंजत-आंजत कानी होगे!
- प्रभु हनुमान जइसे भगत बनना चाही
- अभिनय के भूख कभी नइ मिटय : हेमलाल
- राजिम महाकुंभ कल्प 10 फरवरी ले
- भोजली गीत
- राजिम नगरी
- पुस्तक समीक्छा : अंतस के पीरा के गोहार ‘लदफंदिया’
- कहिनी : फंदी बेंदरा
- तीजा-पोरा के तिहार
- चुनई के बेरा
- आगे चुनई तिहार
- पितर पाख मा साहित्यिक पुरखा के सुरता : भगवती चरण सेन
- लोक कथा : कोपरी के महल
- सुरता लंव का दाई तोर गांव मा
- छत्तीसगढ़ी गज़ल
- अनुवाद : पतंगसाज (The Kite Maker)
- जनकवि कोदूराम ”दलित” की पुत्र वधु श्रीमती सपना निगम के नान्हे कहिनी
- अकती के तिहार
- परम्परा : छत्तीसगढ़ी म महामाई के आरती
- चित्रगुप्त हा पेसी के पईसा खावत हे, यम के भंइसा अब ब्लाग बनावत हे.
- मोर मयारू गणेस
- कहानी संग्रह : भोलापुर के कहानी – संपादकीय