- कमरछठ कहानी : देरानी-जेठानी
- भूख (कबिता) : डॉ. राजेन्द्र सोनी
- एक मुठा माटी
- परकीति के पयलगी पखार लन
- आगे हरेली तिहार
- आवा बचावव लोक कला ल : डॉ. सोमनाथ यादव
- मत्तगयंद सवैया : किसन के मथुरा जाना
- तैं कहाँ चले संगवारी
- जिनगी के रद्दा
- मनतरी अऊ मानसून
- कँपकँपाई डारे रे
- लोक कथा : लेड़गा के कड़ही
- छत्तीसगढ़ी कविता
- छत्तीसगढ़ी सन् 1917 म
- सासाबेगी
- गरीब के देवारी
- लघुकथा – नौकरी के आस
- लोक कथा : सुरहीन गैया
- छत्तीसगढ़ी के उपन्यास : मोर बिचार
- मुख्यमंत्री हर नक्सली मन ले करिस बंदूक छोड़े अऊ शांतिपूर्ण विकास के मुख्यधारा ले जुड़े के गिलौली
- हमर मया मा दू आखर हे
- दुखिया बनगे सुखिया – राघवेन्द्र अग्रवाल
- छत्तीसगढ़ी लोक कथा : घंमडी मंत्री
- लावणी छंद : श्रद्धा के सुरता माँ मिनी माता
- जीतेंद्र वर्मा खैरझिटिया के मत्तगयंद सवैया
- खरीफ विपणन वर्ष 2015-16 के एक भरती बारदाना के उपयोग धान खरीदी म करे जा सकही
- अकती तिहार : समाजिकता के सार
- भुइंया के भगवान बर एक अऊ भागीरथ चाही
- आऊटसोरसिंग
- सुकारो दाई
- नाग पंचमी के महत्तम
- छन्न पकैया : पकैया छ्न्द
- चरभंठिया को गोठ
- कबिता : चना-बऊटरा-तिवरा होरा
- आके हमर गांव…
- पलायन (कहिनी)
- नवा साल : कहानी
- तभे होही छत्तीसगढ़ी भाखा के विकास
- बसंत पंचमी: नित्यानंद पाण्डेय
- दानलीला कवितांश
- पुरखा मन के दूत होथे कउवा
- कहिनी : नोनी दुलौरिन
- चंदैनी गोंदा म संत कवि पवन दीवान के लोकप्रिय गीत
- गरमी के दिन आगे
- देख रे आंखी, सुन रे कान: भगवती लाल सेन
- व्यंग्य : कुकुर के सन्मान
- जाड़ ह जनावत हे
- ‘तुंहर जाय ले गीयां’
- बुढ़ुवा कोकड़ा
- भूतपूर्व सैनिक मन ले सहायक ग्रेड 3 के सीधा भर्ती बर आवेदन आमंत्रित
- बाबा घासीदास जयंती – सतनाम अउ गुरु परंपरा
- कहानी : रेलवे टईम टेबुल के भोरहा
- हमर छत्तीसगढ़
- बसंत पंचमी के तिहार
- महामाया के नगरी रतनपुर : सियान मन के सीख
- पईसा म पहिचान हे
- फिलिम समीच्छा : गुँरावट छत्तीसगढ़ीया मन के हिरदे म खुसरही
- छत्तीसगढ़ी बाल गीत
- समाज म जऊन सबसे गरीब, सरकार के वो सबसे करीब : डॉ. रमन सिंह
- छत्तीसगढ़ के पहली तिहार हे हरेली
- एक एक पेड़ लगाओ
- पितर पाख मा साहित्यिक पुरखा के सुरता : शुकलाल प्रसाद पांडेय
- अपने घर म बिरान हिंदी महिना
- मेला मडई
- सावन के तिहार
- होली विशेष राशिफल
- समीक्छा : दोहा के रंग
- छत्तीसगढ़ी भाखा हे : डॉ.विनय कुमार पाठक
- मतदान : चौपई छंद (जयकारी छंद)
- तोला देखत रहिथवं
- सुकमा म एएनएम(आरबीएसके) अभ्यर्थि मन के काउंसलिंग 10 मार्च को
- सेवा गीत : कोयली बोलथे
- मोर गॉंव कहॉं सोरियावत हे : चाल चरित म कढ़े रहंय
- चलो रे चलो संगी पेड़ लगाबो रे
- देवी सेवा गीत
- गीत – बाँसुरिया के तान अउ सूना लागे घर अँगना
- जाड़ भागत हे
- छत्तीसगढ़ी बाल गीत
- पइधे गाय कछारे जाय
- बसंत राघव के छत्तीसगढ़ी गज़ल
- कहिनी : करनी दिखथे मरनी के बेरा
- परम पूज्य बाबा गुरु घासीदास : सरसी छंद
- बीर नरायन बनके जी
- शिवशंकर के सावन सम्मार
- जेठ के कुहर
- मजदूर दिवस म कविता: मजदूर
- उत्छाह के तिहार हरेली
- धर ले कुदारी गा किसान : सोनहा बिहान के गीत
- मुख्यमंत्री ह अपन गांव के मंदिर म करिस पूजा-पाठ
- तन मन होगय चंगा
- घाम घरी आगे – कबिता
- मया करबे त करले अउ आन कविता : सोनु नेताम “माया”
- धिक्कार हे
- किरीट सवैया : नाँग नाथे मोहना
- मैं माटी अंव छत्तीसगढ़ के
- बतावव कइसे ?
- गुन ला गा लो : महावीर अग्रवाल के गीत
- काकर लइका होइस – छत्तीसगढ़ी लघु कथा
- दारु संस्कृति म बूड़त छत्तीसगढ़