- लइका अउ सियान खेलव कुरिया मा
- अटल बिहारी वाजपेयी ‘‘राजनीतिज्ञ नई बलकि एक महान व्यक्तित्व रहिन’’
- अभिनय के भूख कभी नइ मिटय : हेमलाल
- प्यारे लाल देशमुख के कबिता संग्रह ले दू ठन कबिता
- बरछाबारी – 19
- लोक कहिनी : ठोली बोली
- कहिनी : बमलेसरी दाई संग बैसाखू के गोठ
- भईसा गाड़ा के चलान
- कुकुर कटायन
- चुनाव अउ मंदहा सेवा
- जाड़ हा जनावत हे
- किसान के पीरा
- डेंगू के कारण कोन
- छत्तीसगढ़ी गजल
- खेती मोर जिंनगी
- सुरता आथे रहि-रहिके
- गजल : कतको हे
- रायपुर नगर निगम के मयारू : ठाकुर प्यारे लाल
- कहानी : पछतावा
- छत्तीसगढ़ी परिम्परिक लोक धुन छेरछेरा पुुन्नी के गीत
- महादेव के बिहाव खण्ड काव्य के अंश
- मोबाईल मास्टरिन
- फांदा मा परगे किसानी
- मनखे-मनखे एक समान
- बसंत उपर एक छत्तीसगढ़ी ग़ज़ल
- जाड़ के महीना
- फिल्मी गोठ : झन मारव गुलेल
- जयति जय जय छत्तीसगढ़ देस, चेतावनी, लावनी – पं. लोचन प्रसाद पाण्डेय
- तुलसीदास
- जब तोर सुरता आथे
- छत्तीसगढ़ी व्यंग्य साहित्य को लतीफ घोंघी के अवदान का मूल्यांकन
- सीख : एक लोटा पानी
- लोककथा के शिक्षक- संत गुरु घासीदास अउ उंकर उपदेस
- नंदावत पुतरा-पुतरी – सुधा वर्मा
- कवित्त
- जिनगी जीये के रहस्य : महाशिवरात्रि
- चुनावी कथा : कंठ म जहर
- पारंपरिक फाग गीत
- मुख्यमंत्री ह लोकप्रिय ‘पंडवानी’ गायक श्री पुनाराम निषाद के निधन म गहरा दुःख व्यक्त करिन
- कबिता : बसंत गीत
- ‘भोले के गोले” म छूटत गियान के गोला
- ओनहारी-सियारी
- पुस्तक समीक्षा : चकमक चिंगारी भरे
- महिला आरक्षण के लाभ छत्तीसगढ़ के मूल निवासी महिला मन ल देहे जाही
- हमर पूंजी व्यवस्था में चीनी सेंधमार
- रहचुली
- देवारी के दीया
- बसंती हवा
- उदेराम के सपना-2
- कोण्डागांव : आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अउ सहायिका पद बर आवेदन आमंत्रित
- उल्हुवा पान : फिल्म समीक्षा – छत्तीसगढ़ी फिलिम राजू दिलवाला
- दूर के सोचथे महामानव
- पीरा ल कइसे बतावंव
- मोर गॉंव कहॉं सोरियावत हे : तइहा के सब बइहा ले गय
- बियंग : पारसद ला फदल्लाराम के फोन
- पंथी नर्तक देवदास बंजारे के स्मृति म चालू होही राज्य पुरस्कार
- ‘स्मार्ट पुलिसिंग’ के संग ‘स्मार्ट हाऊसिंग’ म घलोक सुजान हावय छत्तीसगढ़ पुलिस
- हमर गुरूजी – 9 दिसमबर पुन्यतिथि बिसेस
- गरियाबंद म डाटा एंट्री ऑपरेटर पद बर 526 आवेदन पात्र
- मया के चंदा
- ‘रखवार’ समिति बनना चाही – गुड़ी के गोठ
- कवित्त छंद
- गांव शहर ले नंदा गे हे पतरी भात, मांदी
- दिनेश चौहान के छत्तीसगढ़ी आलेख- सेना, युद्ध अउ सान्ति
- छत्तीसगढ़ के व्यंग्यपरक हिंदी उपन्यासों की रचनधर्मिता
- फुदुक-फुदुक भई फुदुक-फुदुक….
- कहानी : मंतर
- करिया बादर
- व्यंग्य : बड़का कोन
- गरीबा : महाकाव्य – दूसर पात : धनहा पांत
- बिखरत हे मोर परिवार
- होली आवत हे
- मंतर
- दसवा गिरहा दमांद
- चुनाव के चिल्लाई म मतदान करना जरूरी हे
- दीया अउ जिनगी
- छत्तीसगढ़ी
- दान लीला के अंश : पं. सुन्दरलाल शर्मा
- मेला मडई
- ग़ज़ल : सुकवि बुधराम यादव
- पितर के कउंवा
- पुतरी पुतरा के बिहाव
- चार बेटा राम के कौडी के ना काम के
- चैत-नवरात म छत्तीसगढ़ी दोहा 4 : अरुण कुमार निगम
- देवदास बंजारे स्मृति सम्मान समारोह
- कवयित्री के गुण / कवयित्री धोंधो बाई
- पूस के जाड़
- महतारी तोर अगोरा मा
- पं. खेमेस्वर पुरी गोस्वामी के दस ठन कविता
- हमर घर गाय नइए
- दीवाली तिहार
- दिनेश चौहान के गोहार : महतारी भाखा कुरबानी मांगत हे
- सेल्फी के चक्कर
- गुरतुर गोठ (गीत) सुकवि बुधराम यादव
- गॉंव कहॉं सोरियावत हे : गठरी सब छरियावत हें
- पान के मेम
- नान्हे कहानी – सुगसुगहा
- हरमुनिया – मंगत रविन्द्र के कहिनी
- पितर पाख के असल मान राख : जीयत मा डंडा-मरे मा गंगा
- छत्तीसगढ़ी नाचा के जनक : दाउ दुलारसिंह मंदराजी