- हमला तो गुदगुदावत हे, पर के चुगली – चारी हर : छत्तीसगढ़ी गज़ल
- तीजा पोरा
- कबिता : नवा तरक्की कब आवे हमर दुवारी
- व्यंग्य : गिनती करोड़ के
- अंगरेजी नवा साल!!
- कमरछठ कहानी (1) – दुखिया के दुःख
- कहिनी : नोनी दुलौरिन
- जांजगीर-चांपा : ग्रामीण बेरोजगार मन ल डेयरी काम मं मिलही छह दिन के निःशुल्क आवासीय प्रशिक्षण
- मनकुरिया
- कमरछठ कहानी : मालगुजार के पुण्य
- भारत रक्षा खातिर आबे, गणनायक गनेस
- नवगीत : अगर न होतेन हम
- मोला कभू पति झन मिलय – कहिनी
- हाईकू
- चलो मंदिर जाबो
- जल अमरित
- सरग निसैनी म चघ लइका हांसत हे, बादर ले चंदा झांकत हे
- रेमटा टुरा – २ चिपरिन के मही
- छत्तीसगढ़ी ग़ज़ल
- लोक परब छेरछेरा : समाजिक समरसता के तिहार
- छत्तीसगढ़ी, छत्तीसगढ़ी चिल्लाने वाले भी छत्तीसगढ़ी पढ़ना नहीं चाहते
- माटी के गनेस बइठारव-पर्यावरण के मान बढ़ावव
- चलव चली ससुरार
- नान्हें कहिनी गुरुजी के सीख – राघवेन्द्र अग्रवाल
- अंधियार म नाईट विजन ले वायु सेना के जवान मन करिन सराहनीय सहयोग
- भइंसा चोरी के सीबीआई जांच
- दू आखर
- मोर लइका दारु बेचथे
- इंडियन एयर फोर्स में सुप्रीटेंडेंट (स्टोर) व स्टोर कीपर पदों के लिए आवेदन आमंत्रित
- छत्तीासगढ़ी म परथंम धर्म उपदेशक संत गुरू घासीदास
- मंय छत्तीसगढ़ के बेटी अंव
- ससुर के नखरा
- विचार के लहर : सियान मन के सीख
- फिल्मी गोठ : छत्तीसगढ़ी फिलीम म बाल कलाकार
- अबिरथा जनम झन गंवा
- ‘रमन के गोठ’ म जनकवि लक्ष्मण मस्तूरिया के लोकप्रिय गीत ‘मोर संग चलव रे’ ल मुख्यमंत्री सुरता करिन
- लेख : बंटवारा
- कहिनी म नारी पात्र के सीमा रेखा – सुधा वर्मा
- छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के दू दिनी प्रांतीय सम्मेलन
- ग़ज़ल : गुलेल
- छत्तीसगढ़ी शब्द के हिन्दी अर्थ और प्रयोग
- कबिता : मोर अंगना मा बसंत आगे ना
- छत्तीसगढ़ी प्रेम गीत
- माँ-छत्तीसगढ़ के महत्व
- साहित्य की वाचिक परंपरा कथा-कंथली: लोक जीवन का अक्षय ज्ञान कोश
- काम काजी छत्तीसगढ़ी, स्वरूप, अउ संभावना
- छत्तीसगढी कुंडली : रंगू प्रसाद नामदेव
- बेरा के गोठ : गरमी म अईसन खावव पीयव
- मोर गांव गवा गे
- मोर गॉंव कहॉं सोरियावत हे : सबके मुड़ पिरवाथें
- प्रयोजनमूलक छत्तीसगढ़ी की शब्दावली – अव्यय
- कहिनी : डोकरा डोकरी : शिवशंकर शुक्ल
- जब तोर सुरता आथे
- कीरा – मकोरा
- चॉकलेट के इतिहास
- नवा पीढ़ी़ अउ छत्तीसगढ़ी़
- नवगीत छत्तीसगढ़ी
- मुक्का उपास
- मैगी के जमाना
- सिवनी (नैला) के चैत नवरातरी के संतोषी मेला
- हाथी बुले गांव – गांव, जेखर हाथी तेखर नाव
- कमरछठ कहानी (2) – सातो बहिनी के दिन
- धनी धरमदास के सात छत्तीसगढ़ी पद
- मोर मन के पीरा
- कका के घर : छत्तीसगढ़ी उपन्यास
- सुरता : प्रेमचंद अउ गांव
- बसंत पंचमी अउ ओखर महिमा
- छत्तीसगढ़ के बिहाव संस्कार-सर्व सामाजिक दायित्व बोध
- चरगोड़िया
- मध्यान्ह भोजन अउ गांव के कुकुर
- दिव्यांग लइका मन बर हॉफ मैराथन दौड़ के आयोजन
- गीत: सरद के रात
- चुनावी घोसना पत्र
- छत्तीसगढ़ी बोलबो
- साहित्य म भ्रस्टाचार
- हाय रे मोर गुरतुर बोली
- कलजुगिया झपागे
- घानी मुंदी (बाल गीत संग्रह) – निशीथ कुमार पाण्डेय
- एक बीता पेट बर
- छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के तीन दिवसीय छठवां प्रांतीय सम्मेलन सम्पन्न
- मोर गॉंव कहॉं सोरियावत हे : महंगा जमो बेचावत हें
- मुख्यमंत्री ह जनता ल दीस 73.45 करोड़ के निर्माण कार्य मन के सौगात
- छत्तीसगढ़ी कहानियों मे सांस्कृतिक चेतना
- सुरूज नवा उगइया हे : छत्तीसगढ़ी गज़ल संग्रह
- मेला घुमाई दे
- ऊँचई
- फिलिम समीच्छा : गुँरावट छत्तीसगढ़ीया मन के हिरदे म खुसरही
- कहानी : अलहन के पीरा
- छन्द के छ : यहू ला गुनव ….
- छत्तीसगढ़ के जन-कवि स्व.कोदूराम “दलित “के दोहा
- संपादकीय : करिया तसमा म आंखी के उतियईल अउ उल्टा लटके के डर ले मुक्ति
- कोण्डागांव : कार्यक्रम अधिकारी, तकनीकी सहायक अउ सहायक प्रोग्रामर के उम्मीदवार मन के सूची जारी
- कहिनी : बाढ़ै पूत पिता के धरम
- अड़हा दिमाग के कमाल
- नउकरी लीलत हमर तीजतिहार
- देवारी तिहार के गाड़ा-गाड़ा बधई
- अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस म दोहा : बेटी
- सावन सरल सारदा मैया : जगन्नाथ प्रसाद भानु
- मक्खी-मच्छर मारो अभियान – कबिता
- छत्तीसगढ़िया