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व्यंग्य

जनता जनारदन

Kiran Sharmaअभी बिगत दिन चुनई के माउहौल रहीस बड़ जोर-सोर ले नेतामन उनकर कारकरतामन परबार के मनखेमन जीतोड़ परतयासीमन के परचार -परसार करत रहिन, गली-खोल ऐसनहा लागै जाना मन कोनो बर बिहाव होवत रहीस हमर भोली-भाली जनता मन ला निच्चट जोजवा अव लोभी समझ लुगरा, पइसा, कंबल अव जरत के चीज बांट के भल मनखे अव जिमेदार मनखे बनत रहीन, फेर नई जानत रहीन कि आज के जनता जनारदन समय अनरूप सवधानअव जागरूक होगे हावय, कोनो तामझाम अव परलोभन नई आवय ऐकर परतक्ष उदाहरन अभी के नगर निगम नगरपालिका के चुनई परनाम के आये ले जाने हाबन रायगर के नगर निगम सरपरथम नागरीक के रउप मधु किन्नर बहुमत ले जीते हाबय अव छत्तीसगढ़ के नवा इतहास बना दारीस जोनहर ये सिदध करत हाबय की गोल-मोल बात अव थोरकन रूपया पईसा पूरा पांच साल के सरकार, बधिकारी नइ आंके जा सकय, सोचत रहीन कि पहिरी चुनई सही परी बहुमत हमरे पारटी मीलही मनखे के काम के उपर भी ओकर बोट निरभर करथे, मोदी सरकार अपन दम-खम अपन सत्ता ला ले आईस लेकिन अच्ठा काम करिके, पारटी के छबि कई मनखे खराब कर दीन अव वोही ही कारन बनगे हारके, सीरी अटल बिहारी बाजपेयी जी, आज हमर परधानमंतरी नरेंद्र मोदीजी जो लईकुसी अपन पिताजी संग चाय बेचय आज कतका जिमेदार पद हाबय काबर ये परायह ये गोठ सब्बोच जानथे, मनखे के धन, बल अव सुंदराई मायने नइ रखय अपन काम अव देस के परति निसठा , अनसासन, लगन अव मीहनत ये सब हमर लक्छ तक ले जाथे, जापान कुछ साल पहिरी सुनामी आईस पूरा जन-जीबन अस्त-व्यस्त हो गीस लेकिन देसभकित के कारन फेर जापान मुचकाबत खरा होगे ऐसनहे भाव ले यदि मनखे काम करही अपन राज्य के बिकास होही, आपस के फूट ला भूला के राज्य देस हित काम करना चाही नही तो तीसर के फायदा होही, कहीथे ना दू बिलई के लराई तीसर रोटी लूट के ले जाथे ओकरे फायदा होथे, वैसनहे अभी के इसथीती बनगे हाबय सत्ता के लोभ मनखे भूलाजाथे कि ओला जनता हीहर बोट दिए हाबय, मय अपन घर दूध अमरईया दूधबाला पूछेंव कि कामा बोट डारेगा भइया कहिस कि दूनों मय कहे तुहंर घर दूनों पारटी बाला हाबय का वो कहिस नहं ओमन जबराने पईसा दे के जाथे का करबो दूनों मं बोट डार देथन, काबर दूनों पईसा देंहे हाबय मय कहें बनेच करेगा अव मय ओकर इमानदारी खुस हो गये लेकिन का दूधबाला के जइसे अपन काम के परति इमानदारी हाबय अभी के नेतामन मन मा या केबल अपन घर परबार बर चीज सकेले बर चुनई मं खरा होयें हाबय, जेन नेता अपन जनता के हित काम नई करय तेला ऐसनहे हार के मिठई खायेबर परथे, बात के सूरबात होगे हाबय अव अब जेन सत्ता खेले के जिनिस समझय तेकर बर ये चुनई हा खतरा के घंटी हाबय, ईहर पहिरी सीरी हावय अदि पहिरी सीरी मजबूत कदम राखीहा तभे आगे बर रद्दा असान होही, नई तो मुहंजौहर भरभर के अभीकस गिरही, हमर जनता जनारदन अतका ताकत हाबय कि वो उन भ्रस्ट अधकारी नेता के गोर झीक के पद ले अतार सकत हाबय।

किरन शर्मा
खरसिया
(दैनिक भास्कर ‘संगवारी’ ले साभार)

One reply on “जनता जनारदन”

हमर जनता जनारदन अतका ताकत हाबय कि वो उन भ्रस्ट अधकारी नेता के गोर झीक के पद ले अतार सकत हाबय।
सिरतोन बात…..किरन दीदी

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