Categories
गोठ बात

मोर लइका दारु बेचथे




महेस, लखन अऊ संतराम आज अबड़ खुस हे ऊंखर दाई ददा ,परवार के सबझन खुस हे अऊ अरोसी परोसी मन घलाव ऊंखर उछाह म संघरगे।आजेच तीनों झन ल नौउकरी म आय बर आदेस मिलीस हे। महेस ह सहर ले मिठई लाय हे तौन ल बांटत हे।लखन जलेबी बांटत हे ।संतराम के सुवारी ह तसमई अऊ सोंहारी बनाके परोसी मन घर भेजत हे। सबो संगवारीच हरय। तीनों झन गजब दिन ले बेरोजगारी , नकारा अऊ ठेलहा के ताना झेले रहीन। महेस 26 बच्छर के कुंवारा गबरु ऊंचपूर जवान लइका हे।अइसने लखन घलाव 27 बच्छर के गोरानारा दुहरी देहें के गबरु जवान हे।ओखरो बिहाव नई होय हे। संतराम के बिहाव होय पांच बच्छर होगे हे। ओकर 4 बच्छर के टूरा घलो हे। तीनोझन बारवीं पास हावय। आगू के पढ़ई नई करीन अऊ दुसर डिगरी नई होय ले ऊनला नौउकरी नई मिलत रहीस। भला होईस सरकार के जौन फइसला लेईस कि अब दारु सरकार बेंचही। बिग्यापन निकालीस कि दारु बेचेबर कम पढ़ेलिखे जवान के जरुवत हे। तीनों संगवारी फारम भरे रहीन अऊ भगवान के असीस पाईन तीनों ल दारु बेचे के नौऊकरी मिलगे।अईसे ये तीनों संगवारी मन गांवबर बहुत कुछ करे रहीन। गांव म सट्टा लिखय तौन ल बंद कराय रहीन। गांव के लईका सियान मन नसापानी म फंसत रहीस तेन ल उबारे रहीन। दारु ठेकादार के कोचियामन ल मार के खेदारे रहीन।दारु बेचईया मन ल दुसर बुता करेबर समझाय रहीन। फेर आज बरम्हा ह ऊंखर किस्मत म दारु बेचे बर लिखे रहीस।जेने बुता ले दुरिहा भागे उही म दाना पानी लिखाय हे। तीन महिना के परसिक्छन बर जाना रहीस। तीनोझन अपन बोरिया बिस्तरा धर के रईपुर चलदिन। उहां लेन-देन, आवक-जावक के रखरखाव, कम्पुटर म सब ल हिसाब किताब रखे के तरीका सीखाईस। तीन महीना पाछू घर आईन तब तीनों घर के रुप रंग बदले कस लगीस। महेस के नऊकरी लगे के सुनके ओकर बिहाव के तियारी करे लगीन, फेर जौन सगा घर बात चलाय त पहिलीच सवाल पूछय- बाबू काय करथे? घरवाले मन बताय *हमर लईका दारु बेचथे*। सगा मन अकबका जाय। तुरते ताही हव,नहीं के जुवाप नई दे सकय। अपन मूहूं घर आयबर परय। लखन के छोटे बहिनी के घलो जोरंधा म लगीन मढ़ाना राहय।ऊंकरो घर सगामन आय फेर जईसे सुने ,हमर लईका ह दारु बेंचथे ,सुटूर सुटूर निकल जाय। ऐती संतराम के ससुर सास आय हावय। ऊहू मन अपन दमांद ल बतावत राहय जब ले गांव वाला मन सुने हे परेमिन के गोसईया ह दारु बेचेबर जावतहे तब गांवभर म नानम परकार के गोठ होवत हे। संतराम के टूरा ल सहर के पबलिक इस्कूल म भरती करायबर लेगीस तब बड़े मेडम ह पूछिस – बच्चे का फादर क्या करते हैं? संतराम के ददा बताईस – हमर लईका ह दारु बेंचथे । बड़े मेडम चुपेच रहिगे। फारम ल गजबेच सोच बिचारके ले दे के दिस अऊ उंहा ले टारेबर कहिस- बच्चे के मम्मी पापा से मिलने के बाद एडमिसन करेंगे। तीनों संगवारी संझा तरिया म सकलाय अपन अपन घर के राम कहानी बतावत मुड़ी धरे बईठे हे। आगू काय होही ओला पाछू बताहूं।

हीरालाल गुरुजी “समय”
छुरा, जिला- गरियाबंद