- बिहाव म खवाव बोरे बासी
- लोक कथा : जलदेवती मैया के वरदान
- नंदिनी केहेस त मोर गांव देमार – कहिनी
- रतनपुर के महामाया माई मंदिर म लगिस स्वाइप मशीन : कैशलेश
- ठेंसा
- हिन्दी साहित्य के महान साहित्यकार उपन्यास सम्राट, कलम के सिपाही मुंशी प्रेमचंद
- माँ-छत्तीसगढ़ के महत्व
- जाड़ के महीना
- छत्तीसगढ़ी राजभाषा आयोग के तीसर प्रान्तीय सम्मलेन 2015
- चित्रगुप्त हा पेसी के पईसा खावत हे, यम के भंइसा अब ब्लाग बनावत हे.
- प्रयोजनमूलक छत्तीसगढ़ी की शब्दावली – आस्था, अंधविश्वास, बीमारियाँ
- तन मन होगय चंगा
- ठुमरी
- छत्तीसगढ़ी गज़ल – हमरे गाल अउ हमरे चटकन
- आज जरूरत हे सत के
- गुदेलना – कहिनी
- चमत्कारी हवय अशोक के रूख
- मनतरी अऊ मानसून
- शिवरात्री मनाबो – महादेव में पानी चढाबो
- सुरता – गीत संत डॉ. विमल कुमार पाठक
- कहॉं जाबो साहर
- जगमग जगमग दिप जलत हे
- पंथी नर्तक देवदास बंजारे के स्मृति म चालू होही राज्य पुरस्कार
- शिव भोला ल मनाबोन
- छत्तीसगढ़ी व्यंग्य : सेल्फी कथा
- सुरता: हृदय सिंह चौहान
- विष्णुपद: छंद – मोखारी
- दूर के सोचथे महामानव
- चलो मंदिर जाबो
- छत्तीसगढ़ महतारी
- गजल : दिन कइसन अच्छा
- मक्खी-मच्छर मारो अभियान – कबिता
- व्यंग्य : कलम
- पारंपरिक राउत-नाच दोहा
- चल रे चल संगी चल
- सुन तो भईरी
- पताल के भाव
- कहानी : अंधविसवास
- खेत खार बखरी मं गहिरागे साँझ : पवन दीवान के गीत
- वृत्तांत- (4) न गांव मांगिस ,न ठांव मांगिस : भुवनदास कोशरिया
- जयंत साहू के गोठ बात : फिल्म सिनेमा एवार्ड बोहागे धारे-धार
- धरम बर तुकबंदी
- मोर गाँव के किसान
- मनखे अउ सांप
- लोक सुराज के परचार म दिखिस छत्तीसगढ़ी भासा
- छत्तीसगढ़ी गीत नंदावत हे
- उत्छाह के तिहार हरेली
- छत्तीसगढ़ी भांजरा
- अडहा बईद परान घाती : पटवारी साहेब जब डाग्डर बनिस
- साहित्यिक पुरखा मन के सुरता : द्वारिका प्रसाद तिवारी विप्र
- कहानी – बड़की बहू
- परमेश्वर के आसन
- लोक कथा : लेड़गा मंडल
- देवी सेवा गीत
- छत्तीसगढ़िया भाव जगाए मं, काबर लजाथन?
- पितर पाख : पितर अउ कउँवा
- आगे-आगे बसंत के महीना
- नानपन के होरी
- नंदागे
- आगे दिन जाड़ के
- सरगुजिहा गीत – गोई रे
- वृत्तांत (10) : जिनगी ह पानी के, फोटका ये फोटका
- मोर सुआरी परान पियारी
- गुरतुर गोठ परकासन के बारे म सूचना
- चुपरनहा साबुन
- करमागढ़ म साहित्य संगोष्ठी के होही आयोजन
- छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस
- अनुवाद : मारकस (My Dog Marcus)
- छत्तीसगढ़ के चिन्हारी आय- सुवा नृत्य
- अनुवाद : आशा के किरण (The Silver Lining)
- बेरा के गोठ : सुखी जिनगी जियेबर छत्तीसगढ़िया सिखव बिदुर नीति
- मोर गांव कहां गंवागे
- तेरा साल विकास के : गीत
- खेत के धान ह पाक गे
- होली के रंग – राशिफल के संग
- परेवा गीत: बाबूलाल सिरीया दुर्लभ
- दूध के करजा चुकाले रे
- छत्तीसगढ़ी कुण्डलियां
- अरुण कुमार निगम के गीत : नइ भूलय मिट्ठू तपत कुरु ….
- दिया बन के बर जतेंव
- सुकारो दाई
- जै छत्तीसगढि़या किसान अउ खुश रहा
- खिलखिलाती राग वासंती
- माफी के किम्मत
- पर्यटन : माण्डूक्य ऋषि के तपोभूमि ‘मदकू द्वीप’
- मुद्दा के ताबीज
- आमा खाव मजा पाव
- कहा नहीं
- माटी के पीरा
- सबले बढ़िया – छत्तीसगढ़िया
- पं.द्वारिका प्रसाद तिवारी ‘विप्र’ के गीत
- सुरता चंदैनी गोंदा के
- फोकट के गियान झन दे सियान :पटवारी के गोठ-बात
- छत्तीसगढी गोठ बात : जंवरा-भंवरा
- नवा बइला के नवा सिंग
- धुर्रा-गर्दा ल झटकारे के जरूरत – गुड़ी के गोठ
- कमरछठ कहानी : देरानी-जेठानी
- वाह रे तै तो मनखे (रोला छंद)
- जाड़ अब्बड़ बाढ़त हे
- अंधविसवास