- शिव शंकर
- जादू के खेला
- डॉ.शैल चंद्रा के किताब : गुड़ी ह अब सुन्ना होगे
- नान्हे कहिनी : लबारी
- इंडियन एयर फोर्स में सुप्रीटेंडेंट (स्टोर) व स्टोर कीपर पदों के लिए आवेदन आमंत्रित
- छत्तीसगढ़ के बेटी कौसिल्या
- नकाब वाले मनखे
- गीत – बाँसुरिया के तान अउ सूना लागे घर अँगना
- बतावव कइसे ?
- कहिनी : चटकन
- सावन झूला
- छत्तीसगढी कुण्डली (कबिता) : कोदूराम दलित
- चेरिया का रानी बन जाहय
- चिल्हर के रोना
- फेर दुकाल आगे
- डबरी झन बनय डबरा – गुड़ी के गोठ
- चतुर्भुज सिरक्कटी धाम
- अकती तिहार : समाजिकता के सार
- छत्तीसगढ़ी गीत नंदावत हे
- मोर गांव कहां गंवागे
- उम्मीद म खरा उतरे बर आज के बुद्धिजीवीमन ल सामने आना चाही : खुमान लाल साव
- सुघ्घर रैली अउ रींगी-चींगी नाच संग राज्य स्तरीय युवा उत्सव सुरू
- उत्ती के बेरा
- दोसती
- नई उतरिस बिच्छी के झार पटवारी साहेब ला परगे मार
- सरगुजिहा बोली कर गोठ
- नवा बछर के मुबारक हवै
- संपादकीय : करिया तसमा म आंखी के उतियईल अउ उल्टा लटके के डर ले मुक्ति
- कहानी संग्रह : भोलापुर के कहानी – लेखकीय
- कविता: कुल्हड़ म चाय
- छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के छठवां प्रांतीय सम्मेलन
- जवाब मांगत एक सवाल
- मैगी के जमाना
- सुवा कहि देबे संदेस
- पंचायती राज के पंदरा अगस्त
- लक्ष्मण कुम्हार : कोमल यादव के कविता
- सुशासन दिवस लोक सांस्कृतिक कार्यक्रम के संग
- देशज म छा गे चंदैनी गोंदा
- ठेंसा
- ओहर बेटा नोहे हे
- नारी सक्ती जगाना हे – दारु भटठी बंद कराना हे
- बाम्हन चिरई
- हमर माँवली दाई के धाम
- नंदावत हे अंगेठा
- उ-ऊ छत्तीसगढ़ी हिन्दी शब्दकोश
- स्कूल म ओडिसी .. पंथी, करमा काबर नहीं …?
- छत्तीसगढि़या संगी मन संग जरूरी गुपचुप बात
- बरतिया बर पतरी निही, बजनिया बर थारी
- कमरछठ कहानी (1) – दुखिया के दुःख
- अनुवाद : तीसर सर्ग : सरद ऋतु
- नाटक : रसपिरिया
- आमा के चटनी
- छत्तीसगढ़ ला जनम दिन के बधई
- तपत कुरू भइ तपत कुरू
- कुछ तो बनव
- मोर देश के किसान
- धान – पान
- छत्तीसगढ़ी के पीरा अउ छत्तीसगढ़िया : डॉ.(श्रीमती) हंसा शुक्ला
- छत्तीसगढी कुंडली : रंगू प्रसाद नामदेव
- पितर पाख म साहित्यिक पुरखा के सुरता – विद्या भूषण मिश्र
- सिंहावलोकनी दोहा (गरमी)
- अहिमन कैना : छत्तीसगढी लोक गाथा
- रूख तरी आवव
- सोनू नेताम के कविता
- दुर्ग म प्लेसमेंट केम्प के आयोजन 8 मार्च को
- चुपरनहा साबुन
- सीख : एक लोटा पानी
- दुखिया बनगे सुखिया – राघवेन्द्र अग्रवाल
- हमर मया मा दू आखर हे
- दू रूपिया के चॉंउर अउ घीसू-माधव: जगन
- छत्तीसगढ़ के गारी -प्रतिकात्मक अभिव्यक्ति
- लोककथा :असली गहना
- स्वक्छता अभियान
- सिवजी ल पाय के परब महासिवरात्रि
- आनी बानी : 14 भाषा के कविता के छत्तीसगढ़ी अनुवाद
- नंदावत हे रूख-राई : सियान मन के सीख
- चरगोड़िया : रघुबीर अग्रवाल ‘पथिक’
- पतंजलि के योग दर्शन, बाल्मिकी मूल रामायण, ईशावास्योपनिषद : अनुवाद
- छत्तीसगढी शब्द में भ्रम के स्थिति….
- पोल खोल
- करिया बादर छागे
- रायपुर : प्रबंधक व सुपरवाइजर के निःशुल्क प्रशिक्षण बर पंजीयन 10 फरवरी तक
- चैत-नवरात म छत्तीसगढ़ी दोहा 2 : अरुण कुमार निगम
- चरगोड़िया – छत्तीसगढी़ मुक्तक
- माटी के पीरा
- छत्तीसगढ़ी कहानियों मे सांस्कृतिक चेतना
- जनकवि स्व.कोदूराम’दलित’ जनम के सौ बरिस म बिसेस : ”धान-लुवाई”
- चोला माटी के हे राम
- गोठ गुने के गोठियांथव
- ग़ज़ल : सुकवि बुधराम यादव
- दिनेश चौहान के गोहार : महतारी भाखा कुरबानी मांगत हे
- प्रयोजनमूलक छत्तीसगढ़ी की शब्दावली – खानपान
- अवइया मुख्यमनतरी कइसन हो ?
- बुद्ध-पुन्नी
- छेरछेरा : समाजिक समरसता के तिहार
- कमरछठ कहानी(4) – देरानी -जेठानी
- कमरछठ कहानी : देरानी-जेठानी
- पंचू अऊ भकला के गोठ : चुनई ह कब ले तिहार बनगे
- बृजलाल प्रसाद शुक्ल के सवैया
- 51 शक्तिपीठ म सबले बडे़ ज्वाला जी