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कविता

नवा बछर के नवा उमंग

नवा बछर के नवा उमंग
नवा नवा संगी के संग
नवा हवा के नवा असर
आ गे हे नवा बछर
नवा बछर मा संगी जम्मो
खुशी ला आज मनावा
हलुवा पुरी बोबरा रोटी
घर मा आज बनावा
पाछू बछर हमन
काबर रहेन अशांत
एक बछर चल दिहीस
चल दिहीस एकांत
पीला मटमैला रंग के
फुले हे फुल कनेर
नील गगन मा उडत हावय
तोता मैना अउ बटेर
नवा बछर के नवा कहानी
नवा नवा हे आज जवानी
नवा बछर के नवा कहर
आ गे हे नवा बछर

कोमल यादव
मदनपुर, खरसिया
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